बिलासपुर: जिला आरटीओ विद्या देवी और आरएम मेहर चंद के साथ सोमवार को बिलासपुर निजी बस ऑपरेटर यूनियन की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में फैसला लिया गया कि बिलासपुर में निजी बसें 30 जून 2020 तक नहीं चलेंगी.
फिलहाल निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने 30 जून 2020 बसें चलाने से इन्कार कर दिया. निगम की बसों को हो रहा घाटा भी यूनियन के इस फैसले का एक अहम कारण रहा है.
निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने कहा कि अगर सरकार को दिए गए पांच सूत्रीय मांगपत्र पर सकारात्मक कार्रवाई की गई तो एक जुलाई से बस सेवा शुरू करने पर विचार किया जाएगा. निजी बस ऑपरेटर्स ने कहा कि एचआरटीसी की बसें सरकार की मदद से चल रही हैं, लेकिन बिना मदद के निजी बस ऑपरेटर बसें चलाने की स्थिति में नहीं हैं.
सरकार के आदेशानुसार बसें 60 प्रतिशत क्षमता में चलेंगी, लेकिन इंश्योरेंस का प्रीमियम 100 फीसदी सीटों का लिया जा रहा है. ये तर्कसंगत नहीं है.
निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने मांग रखी है कि जब तक कोविड-19 खत्म होने की अधिकारिक घोषणा नहीं होती है, तब तक किसी भी बस अड्डे पर फीस न ली जाए. जो बसें कॉरिडोर एंट्री से बाहरी राज्यों को जाती है, उनका बॉर्डर पर लगने वाला टैक्स भी न लिया जाए.
बसें चलाने के आदेश तो जारी कर दिए गए हैं, लेकिन समय-सारिणी और रूट परमिट में अस्थाई रूप से संशोधन करना भी अति आवश्यक है.
निजी बस ऑपरेटरों के जिला प्रधान राजेश पटियाल ने कहा कि बिलासपुर में निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार के निर्देशानुसार फैसला लिया था, कि पहली जून से जिले में बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. जिला में कुछ बस ऑपरेटरों ने ट्रायल के तौर पर बसें चलाना शुरू किया था, लेकिन उसमें निजी बस मालिक सफल नहीं हो पाए.
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