बिलासपुर: वन विभाग बिलासपुर (Forest department Bilaspur) खेल विभाग की अदायगी देना भूल (Sports Department Bilaspur) गया है. जिसके चलते खेल विभाग बिलासपुर ने वन विभाग को बतौर पत्र लिखकर अपना पैसा मांगे जाने की बात कही है. दरअसल, मामला यह है कि वन विभाग बिलासपुर द्वारा आयोजित 21 सिंतबर से 5 अक्टूबर तक कहलूर खेल परिसर में वन रक्षक की भर्ती में खेल विभाग का (Forest Guard Recruitment Himachal Pradesh) मैदान सहित उनके सीनियर कोच, डीपीई व पीटीआई की सेवाएं ली गई थी.
ऐसे में सेवाएं लेने से पहले ही इन सभी अधिकारियों का मानदेय सहित खेल मैदान की एक दिन के हिसाब से 3 हजार रूपये अदायगी देने की बात तय हुई थी. वन विभाग की ओर से आयोजित भर्ती में खेल मैदान सहित इस अधिकारियों की दिन-रात खूब सेवाएं ली गई, लेकिन जब खेल मैदान व कोच की अदायगी देने की बात आई, तो वन विभाग पैसा न देकर अपना पल्ला झाड़ने की बात कहने लगा (Forest department refuse to give payment). यह बात हम नहीं कह रहे हैं, यह खुलासा खेल विभाग बिलासपुर में तैनात जिला प्रभारी रवि शंकर ने किया है.
उन्होंने बताया कि वन विभाग को 8 अक्टूबर 2021 को बतौर पत्र भी लिखा गया है कि खेल मैदान की फीस दी जाए, लेकिन विभाग की ओर से पैसा जमा नहीं करवाया जा रहा हैं. साथ ही अब विभाग पैसा देने से भी इंकार करने लगा है. ऐसे में जिला खेल अधिकारी ने मीडिया के सामने आकर इस बात का खुलासा किया और विभाग द्वारा किए गए इस तरह के व्यवहार की भी कड़ी निंदा की.
यही नहीं, यहां पर तैनात कबड्डी के सीनियर कोच रत्न लाल ठाकुर ने (Kabaddi Coach Ratna Lal Thakur) बताया कि उन्होंने वन रक्षक की भर्ती में दिन-रात कार्य किया, लेकिन जब बात मानदेय की आई तो वन विभाग की ओर से एक रूपये भी उनको नहीं दिया गया है. जबकि इस संदर्भ में पहले ही वन विभाग के अधिकारियों से बात कर ली गई थी. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी दो साल पूर्व बिलासपुर जिला में वन विभाग द्वारा आयोजित स्टेट स्पोट्र्स मीट (State Sports Meet Himachal) करवाई गई थी, उस दौरान भी उनकी खूब सेवाएं ली गई थी, लेकिन जब बात मानदेय की आई तो एक रूपया भी उनको नहीं दिया गया.
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वहीं, विभागीय सूत्रों का कहना है कि स्पोर्ट्स मीट के दौरान भी खेल मैदान का एक रुपया तक भी वन विभाग ने नहीं दिया है. वहीं, जिला प्रभारी रवि शंकर का कहना है कि लुहणू खेल परिसर में वन विभाग द्वारा आयोजित की गई भर्ती के दौरान यहां पर वीआईपी बाथरूम (VIP bathroom) में भी नुकसान किया गया है. जिसकी जानकारी उन्होंने चित्र सहित वन विभाग को दी, लेकिन उसका कार्य भी वन विभाग करवाने से मुकर रहा है.
उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा खेल विभाग से इस तरह से किया जा रहा व्यवहार बिल्कुल भी सहीं नहीं है. क्योंकि खेल विभाग बिलासपुर (Sports Department Bilaspur) के रेट उपायुक्त (DC Bilaspur) द्वारा निर्धारित किए गए है. उसके अनुसार ही वह यह शुल्क वन विभाग से ले रहे है. उन्होंने कहा कि उपायुक्त द्वारा सरकारी यूज के लिए प्रतिदिन 3 हजार व निजी यूज के लिए 8 हजार रूपये तय किया गया है. ऐसे में विभाग का कुल मिलाकर 45 हजार रुपये बनता है, जिसका पूरा विवरण उन्होंने बतौर (Sports Depatrment wrote letter to Forest Department) पत्र लिखकर विभाग को अवगत करवाया है, लेकिन फिर भी विभाग द्वारा यह पैसा जमा नहीं करवाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि अगर वह पैसा जमा नहीं करवाते हैं, तो वह अंत में इसकी शिकायत उपायुक्त से करेंगे. उधर, इस संदर्भ में जब वन अरण्यपाल बिलासपुर अनिल कुमार बात की गई, तो उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए थोडी देरी हुई है. पैसा प्रदेश सरकार की ओर से जारी कर दिया गया है. कागजी दस्तावेज पूरे होने के बाद इनकी अदायगी कर दी जाएगी.
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