बिलासपुर: एम्स कोठीपुरा में आईपीएच विभाग के एक कर्मचारी को इलाज न मिलने की वजह व्यक्ति की मौत हो गई. मामला मंगलवार सुबह करीब 12:00 बजे का है. जब कोठीपुरा के समीप व्यक्ति सड़क हादसे में गंभीर रूप (road accident in kothipura) से घायल हो गया. इस दौरान मौके पर ही परिजन उसको इलाज के लिए नजदीक एम्स कोठीपुरा में लेकर गए, लेकिन एम्स प्रबंधक ने मरीज का इलाज करने के लिए मना कर दिया. ऐसे में तुरंत प्रभाव से परिजनों ने उसको जिला अस्पताल बिलासपुर में लाया, लेकिन स्थिति गंभीर होने के चलते अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे शिमला आईजीएमसी रेफर कर दिया.
ऐसे में रास्ते में ही उक्त घायल व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. मंगलवार को एम्स संस्थान के साथ कोठीपुरा में हुए सड़क हादसे में सामने आया. जिसमें आईपीएच विभाग के धर्मपाल उम्र 39 साल कर्मचारी को किसी अज्ञात वाहन ने (IPH employee injured in road accident) टक्कर मार दी. ऐसे में वाहन चालक तो मौके पर फरार हो गया, लेकिन घायल को सड़क पर तड़पता देख ग्रामीणों (Treatment in AIIMS Bilaspur) को उसे नजदीकी एम्स संस्थान में पहुंचाया.
वहीं, हैरान करने की बात तब सामने आई जब एम्स में तैनात चिकित्सकों ने मरीज का इलाज करने के लिए मनाही कर दी और कहा कि उनके पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं है इसलिए आप मरीज को जिला अस्पताल में ले जाएं. ऐसे में घायल के साथ आए उनके परिजन सहित ग्रामीण भड़क गए. अंततः उन्हें अपने घायल मरीज को जिला अस्पताल बिलासपुर लाया गया और उपचार शुरू हुआ, लेकिन शाम के समय शिमला आईजीएमसी रेफेर करते वक्त उक्त व्यक्ति (Lack of facilities in AIIMS Bilaspur) की मौत हो गई.
बता दें कि एम्स संस्थान में कुछ समय पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा ओपीडी का शुभारंभ किया गया, लेकिन धरातल पर कुछ और ही तस्वीर सामने निकलकर आ रही है. जिला अस्पताल में मरीज के साथ तीमारदारों का कहना है कि एम्स में उन्हें इलाज न मिलने से काफी निराश नजर आए. क्योंकि इतने बड़े संस्थान में जब मरीजों का इलाज हीं नहीं हो रहा है तो करोड़ों रुपये खर्च करने का क्या मतलब. ऐसे में मरीजों का इलाज न मिलने से एम्स प्रबंधक पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है. वहीं, आपको बता दें कि सरकार एम्स को लेकर बड़े दावे कर रही है, लेकिन इस तस्वीर से सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.