बिलासपुर: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में सुबह की आरती और झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ नवरात्रों का आगाज हुआ है. सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. श्रद्धालुओं ने नवरात्रि पूजन किया और अपने घर परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की.
नवरात्रों के उपलक्ष्य पर प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और मंदिर न्यास के द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा मंदिर की सजावट का काम संस्था द्वारा किया गया है. मंदिर पुजारी नीलम शर्मा ने बताया कि पितृ अमावस्या के बाद शारदीय नवरात्रि शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि मां की आशीर्वाद के लिए अलग-अलग राज्यों से भक्त आ रहे हैं.
वहीं, मंदिर न्यास अध्यक्ष एसडीएम सुभाष गौतम ने बताया कि नवरात्रों के दौरान शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लगभग 600 के करीब पुलिसकर्मी, होमगार्ड जवान और एक्स सर्विसमैन फौजी तैनात किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके.
नवरात्री के पहले दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है. शैलीपुत्री हिमालय की पुत्री हैं. इसी वजह से मां के इस स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है. माना जाता है कि इनकी आराधना से सभी मनवांछित फल मिलता है. मां शैलपुत्री का प्रसन्न करने के लिए...ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे, ॐ शैलपुत्री देव्यै नम: मंत्र जपना चाहिए. जिससे मां जल्दी ही प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं.
पूजा विधि
सबसे पहले मां शैलपुत्री की तस्वीर स्थापित करें और उसके नीचे लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं. इसके ऊपर केसर से 'शं' लिखें और उसके ऊपर मनोकामना पूर्ति गुटिका रखें। तत्पश्चात् हाथ में लाल पुष्प लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें.