ETV Bharat / city

Ankesh Bhardwaj of Seu: आज पैतृक गांव पहुंचेगी शहीद अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह

अरुणाचल प्रदेश हिमस्खलन में शहीद (Ankesh Bhardwaj of Seu) हुए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के सेऊ गांव के 22 वर्षीय 19 जैक राइफलमैन अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह गुरुवार को घुमारवीं पहुंचेगी. यहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Ankesh Bhardwaj of Seu
कल पैतृक गांव पहुंचेंगी शहीद अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह
author img

By

Published : Feb 9, 2022, 8:25 PM IST

Updated : Feb 10, 2022, 6:19 AM IST

घुमारवीं: शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले वतन पर मरने वालों का यही आखिरी निशान होगा. जी हां घुमारवीं के अंकेश भारद्वाज के शहीद होने के बाद यह बात सही बैठती है. जहां महज 21 साल की उम्र में अंकेश देश की सीमा की रक्षा करता शहीद हो गया. जिस उम्र में बच्चे घर से बाहर निकलते की सोचने लगते हैं.

बेटे की मौत की खबर का न्यूज़ चैनल पर चलने के बाद भी अंकेश (Ankesh Bhardwaj of Seu) के पिता ने हिम्मत नहीं छोड़ी. गमगीन आंखों से शहीद अंकेश के पिता बांचा राम यही कह रहे थे कि फौज की नौकरी दुश्मनों को मारने या दुश्मनों की गोली (Avalanche in Kameng region) छाती पर खाने के लिए ही होती है. उसी के लिए अपने बेटे को तैयार किया था, लेकिन दुख इस बात का है कि बेटा प्राकृतिक आपदा में मारा गया. अगर बेटा दुश्मन के हाथों मारा जाता तो गर्व होता. तब दुख नहीं होता.

वीडियो.

बेटे के मौत से अंदर ही अंदर टूट चुके पिता ने बताया कि जब उन्हें अपने बेटे की गुमशुदगी की खबर लगी तो उन्होंने आदेशा लगा लिया था कि कोई बड़ी घटना हो गयी है, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी थी. अपने बेटे को (Himachal jawan Ankesh) सुबह चार बजे उठाना और दौड़ लगाने को भेजना जब बेटा वापस आता तो अपने हाथों से उसकी मालिश करना. यह सब सोच कर पिता अपने आसूओं की धारा को रोकने का प्रयास कर रहा था.

मंगलवार को शाम के समय जैसे हो सभी सैनिकों के शहीद होने की खबर फैलने लगी तो पिता ने आस नहीं छोड़ी. आधिकारिक पुष्टि का इंतजार करते हुए मंगलवार की रात निकाल दी. जब से बेटे के लापता होने की खबर आई उस समय के बाद एक पल के लिए भी आंख नहीं झपकी.

बुधवार सुबह तक अंकेश के पिता इस सच को मानने के लिए (arunachal avalanche accident) तैयार नहीं थे कि उनका बेटा (Snow storm in Arunachal) अब इस दुनिया में नहीं रहा. वे कह रहे थे कि उनका बेटा कोमा में हैं. माता-पिता और परिजन अंकेश की सलामती की दुआएं करते रहे. इसके बाद पिता बांचा राम को सेना की तरफ से फोन पर इसकी पुष्टि की गई तो उनकी सारी उम्मीदें टूट गईं. पूरा माहौल गमगीन हो गया. बेटे की शहादत की खबर सुनकर पिता बांचा राम भीतर से एकदम टूट गए और माता कश्मीरी देवी पत्थर बन गई. वहीं, अंकेश की शहादत की खबर मिलते ही समूचे क्षेत्र के लोग शहीद के घर पहुंचे.

मां का बुरा हाल: बेटे की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही अंकेश की मां कश्मीरी देवी का बुरा हाल है. जवान बेटे की शहादत की खबर सुन कर उसके आंसू नहीं रुक रहे हैं. वह लगातार बेटे की तस्वीर पर नजरें बनाकर बैठी रहीं. मां का बेटे से बिछड़ने का दुख बयान नहीं किया जा रहा. गांव की महिलाएं शहीद की मां को ढांढस बंधाती रहीं.

वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि अरुणाचल प्रदेश हिमस्खलन में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के सेऊ गांव के 21 वर्षीय 19 जैक राइफलमैन अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह गुरुवार को घुमारवीं पहुंचेगी. यहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- Arunachal Pradesh Avalanche: बर्फीले तूफान में फंसे हिमाचल के जवान अंकेश सहित 7 शहीद

घुमारवीं: शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले वतन पर मरने वालों का यही आखिरी निशान होगा. जी हां घुमारवीं के अंकेश भारद्वाज के शहीद होने के बाद यह बात सही बैठती है. जहां महज 21 साल की उम्र में अंकेश देश की सीमा की रक्षा करता शहीद हो गया. जिस उम्र में बच्चे घर से बाहर निकलते की सोचने लगते हैं.

बेटे की मौत की खबर का न्यूज़ चैनल पर चलने के बाद भी अंकेश (Ankesh Bhardwaj of Seu) के पिता ने हिम्मत नहीं छोड़ी. गमगीन आंखों से शहीद अंकेश के पिता बांचा राम यही कह रहे थे कि फौज की नौकरी दुश्मनों को मारने या दुश्मनों की गोली (Avalanche in Kameng region) छाती पर खाने के लिए ही होती है. उसी के लिए अपने बेटे को तैयार किया था, लेकिन दुख इस बात का है कि बेटा प्राकृतिक आपदा में मारा गया. अगर बेटा दुश्मन के हाथों मारा जाता तो गर्व होता. तब दुख नहीं होता.

वीडियो.

बेटे के मौत से अंदर ही अंदर टूट चुके पिता ने बताया कि जब उन्हें अपने बेटे की गुमशुदगी की खबर लगी तो उन्होंने आदेशा लगा लिया था कि कोई बड़ी घटना हो गयी है, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी थी. अपने बेटे को (Himachal jawan Ankesh) सुबह चार बजे उठाना और दौड़ लगाने को भेजना जब बेटा वापस आता तो अपने हाथों से उसकी मालिश करना. यह सब सोच कर पिता अपने आसूओं की धारा को रोकने का प्रयास कर रहा था.

मंगलवार को शाम के समय जैसे हो सभी सैनिकों के शहीद होने की खबर फैलने लगी तो पिता ने आस नहीं छोड़ी. आधिकारिक पुष्टि का इंतजार करते हुए मंगलवार की रात निकाल दी. जब से बेटे के लापता होने की खबर आई उस समय के बाद एक पल के लिए भी आंख नहीं झपकी.

बुधवार सुबह तक अंकेश के पिता इस सच को मानने के लिए (arunachal avalanche accident) तैयार नहीं थे कि उनका बेटा (Snow storm in Arunachal) अब इस दुनिया में नहीं रहा. वे कह रहे थे कि उनका बेटा कोमा में हैं. माता-पिता और परिजन अंकेश की सलामती की दुआएं करते रहे. इसके बाद पिता बांचा राम को सेना की तरफ से फोन पर इसकी पुष्टि की गई तो उनकी सारी उम्मीदें टूट गईं. पूरा माहौल गमगीन हो गया. बेटे की शहादत की खबर सुनकर पिता बांचा राम भीतर से एकदम टूट गए और माता कश्मीरी देवी पत्थर बन गई. वहीं, अंकेश की शहादत की खबर मिलते ही समूचे क्षेत्र के लोग शहीद के घर पहुंचे.

मां का बुरा हाल: बेटे की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही अंकेश की मां कश्मीरी देवी का बुरा हाल है. जवान बेटे की शहादत की खबर सुन कर उसके आंसू नहीं रुक रहे हैं. वह लगातार बेटे की तस्वीर पर नजरें बनाकर बैठी रहीं. मां का बेटे से बिछड़ने का दुख बयान नहीं किया जा रहा. गांव की महिलाएं शहीद की मां को ढांढस बंधाती रहीं.

वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि अरुणाचल प्रदेश हिमस्खलन में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के सेऊ गांव के 21 वर्षीय 19 जैक राइफलमैन अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह गुरुवार को घुमारवीं पहुंचेगी. यहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- Arunachal Pradesh Avalanche: बर्फीले तूफान में फंसे हिमाचल के जवान अंकेश सहित 7 शहीद

Last Updated : Feb 10, 2022, 6:19 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.