बिलासपुर: नैना देवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामलाल ठाकुर ने मसौर युवक मंडल के कुठेड़ा पंचायत के विभाजन को लेकर किए जा रहे संघर्ष को उचित ठहराया है लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि आमरण अनशन पर बैठे बच्चों की जिंदगी भी कीमती है. इसलिए आमरण अनशन को तुड़वा कर सही तरीके से इस आंदोलन को लड़ा जाना चाहिए जिसमें वह पूरा सहयोग करेंगे.
विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि जब सरकार ने यह निर्णय ले लिया है कि जिस क्षेत्र की जनसंख्या अधिक होगी उसकी पंचायतें विभाजित की जाएंगी तो इस कुठेड़ा पंचायत को क्यों नहीं विभाजित किया जा रहा है. उन्होंने इस बात पर भी गहरा रोष प्रकट किया कि रात के समय 10 से 12 पुलिसकर्मी एक एसएचओ के नेतृत्व में इन युवाओं से जाकर बुरा भला कहते हैं और उनसे छीना झपटी करते हैं.
कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर ने कहा कि रात को दो बजे किया गया यह बल प्रयोग किसके आदेश पर किया गया इसकी भी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक को इस मामले में जांच करने को कहा और हिमाचल प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि इस बात की जांच के आदेश दिए जाएं कि किन हालात में पुलिस कुठेड़ा भेजी गई और इन बच्चों को क्यों धमकाया गया.
रामलाल ठाकुर ने जिला प्रशासन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा इतने दिन इन बच्चों को आमरण अनशन पर बैठे हुए हो गए लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस पंचायत का विभाजन सरकार को करना ही होगा और इस मामले में वह युवक मंडल के साथ है.
पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा कि साल 2013 के बाद 2014 में भी ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव भेजा लेकिन इसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया. उन्होंने कहा कि युवक मंडल ने भी पहले इस मामले में ज्ञापन सौंपा था लेकिन उस पर कोई असर ना होता देखकर उन्होंने इसे आमरण अनशन में बदलाय उन्होंने कहा कि ऐसी कौन सी शक्तियां हैं जो इस पंचायत का विभाजन नहीं होने देना चाह रही उस पर भी जांच होनी चाहिए.
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