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नगर परिषद सफाई कर्मियों ने नाले में फेंका कूड़ा, स्थानीय लोग परेशान - नाले में कूड़ा फेंकने का मामला

नगर परिषद घुमारवीं के सफाई कर्मियों ने गांव की नालियों के कचरे को इकट्ठा करके पेयजल स्त्रोत के नजदीक नाले में फेंक दिया. जिसके कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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फोटो.
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Published : Feb 3, 2021, 10:10 AM IST

बिलासपुर/घुमारवीं: नगर परिषद घुमारवीं सफाई के प्रति कितनी सजग है, इसका उदाहरण मंगलवार को वार्ड नं 7 दकड़ी में देखने को मिला. परिषद के सफाई कर्मियों ने गांव की नालियों के कचरे को इकट्ठा करके पेयजल स्रोत के नजदीक नाले में फेंक दिया.

नाले में कूड़ा फेंकने से बीमारियां फैलने का बढ़ा खतरा

इस जगह के आस-पास लोगों के घर और साथ में रास्ता भी है. इस रास्ते के सैकड़ों लोग यहां से गुजरते हैं. वहीं, सरकार के निर्देश अनुसार स्कूल भी खुल गए है, जिसके कारण स्कूली बच्चों का आना जाना भी शुरू हो गया है, जिससे अब स्थानीय लोगों को बीमारियां फैलने का भी खतरा बढ़ गया है.

पेयजल स्रोत दूषित

इसके अलावा पक्षियों ने इस कचरे को पेयजल स्रोत (बावड़ी)में फैलाना शुरू कर दिया है, जिससे पानी दूषित हो सकता है. इस स्रोत से गांव के लोग पीने के लिए पानी ले जाते हैं. ऐसे में दूषित जल पीने से लोगों के बीमार होने का डर सता रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई के नाम पर पर्चियां तो परिषद काट लेती है, लेकिन कूड़े को इस तरह से खुले नाले में फेंकना समझ से परे है.

बता दें कि जहां पर नगर परिषद की ओर से कूड़ा फेंका जा रहा है. वहीं, नगर परिषद ने कूड़ा नहीं फेंकने का बोर्ड लगाया है. नगर परिषद अध्यक्षा रीता सहगल ने बताया कि सफाई के लिए कर्मचारी उन्होंने नहीं भेजे थे. सफाई कर्मियों से बात की जाएगी कि किसके कहने पर यह काम किया गया. इसकी जांच की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल में निकलेगी स्वर्णिम रथ यात्रा, CM बोले: 50 वर्षों की उपलब्धियों पर डाला जाएगा प्रकाश

बिलासपुर/घुमारवीं: नगर परिषद घुमारवीं सफाई के प्रति कितनी सजग है, इसका उदाहरण मंगलवार को वार्ड नं 7 दकड़ी में देखने को मिला. परिषद के सफाई कर्मियों ने गांव की नालियों के कचरे को इकट्ठा करके पेयजल स्रोत के नजदीक नाले में फेंक दिया.

नाले में कूड़ा फेंकने से बीमारियां फैलने का बढ़ा खतरा

इस जगह के आस-पास लोगों के घर और साथ में रास्ता भी है. इस रास्ते के सैकड़ों लोग यहां से गुजरते हैं. वहीं, सरकार के निर्देश अनुसार स्कूल भी खुल गए है, जिसके कारण स्कूली बच्चों का आना जाना भी शुरू हो गया है, जिससे अब स्थानीय लोगों को बीमारियां फैलने का भी खतरा बढ़ गया है.

पेयजल स्रोत दूषित

इसके अलावा पक्षियों ने इस कचरे को पेयजल स्रोत (बावड़ी)में फैलाना शुरू कर दिया है, जिससे पानी दूषित हो सकता है. इस स्रोत से गांव के लोग पीने के लिए पानी ले जाते हैं. ऐसे में दूषित जल पीने से लोगों के बीमार होने का डर सता रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई के नाम पर पर्चियां तो परिषद काट लेती है, लेकिन कूड़े को इस तरह से खुले नाले में फेंकना समझ से परे है.

बता दें कि जहां पर नगर परिषद की ओर से कूड़ा फेंका जा रहा है. वहीं, नगर परिषद ने कूड़ा नहीं फेंकने का बोर्ड लगाया है. नगर परिषद अध्यक्षा रीता सहगल ने बताया कि सफाई के लिए कर्मचारी उन्होंने नहीं भेजे थे. सफाई कर्मियों से बात की जाएगी कि किसके कहने पर यह काम किया गया. इसकी जांच की जाएगी.

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