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कॉर्पोरेट सेक्टर के रिटायर्ड कर्मचारियों का प्रदेशभर में प्रदर्शन, कहा: पेंशन नहीं की बहाल, तो चुनावों में भुगतना होगा परिणाम

कॉर्पोरेट सेक्टर के रिटायर्ड कर्मचारियों द्वारा आज प्रदेशभर में पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन (Retired Employees Protest In Himachal) किया गया. इस दौरान उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द पेंशन को बहाल करने की मांग की. साथ ही ऐसा न करने पर आगामी विधानसभा चुनावों में इसका खामियाजा भुगतने की चेतावनी (Corporate Sector Retired Employees) दी. पढ़ें पूरी खबर...

Retired Employees Protest In Himachal
कॉर्पोरेट सेक्टर के रिटायर्ड कर्मचारियों का प्रदेशभर में प्रदर्शन
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Published : Jul 27, 2022, 8:36 PM IST

हमीरपुर/बिलासपुर/सोलन: पेंशन की मांग को लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर के रिटायर्ड कर्मचारियों ने आज प्रदेशव्यापी प्रदर्शन (Retired Employees Protest In Himachal) किया. इसी कड़ी में जिला बिलासपुर में भी सड़कों पर उतर कर सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने कॉलेज चौक से डीसी ऑफिस तक रैली निकाली (Retired Employees Protest In Bilaspur) और मांगों को लेकर नारेबाजी भी की. उन्होंने डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किए.

इस दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष रणजीत सिंह गुलेरिया व महासचिव श्रवण शर्मा ने कहा कि हिमाचल में विभिन्न बोर्डों और निगमों में कुल 39,072 कर्मचारी कार्यरत थे. इनमें से 32,242 कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह पेंशन की सुविधा मिल रही (Corporate Sector Retired Employees) है. इसके विपरीत 6,730 कर्मचारी पेंशन से वंचित हैं.

उन्हें ईपीएफ से प्रतिमा महज 1000 से 3000 रुपए की नाम मात्र से पेंशन मिल रही है, जो उनके साथ अन्याय है. कमेटी के नुमाइंदों ने कहा कि यह मसला 1999 में तत्कालीन भाजपा सरकार के समक्ष उठाया गया था. उस दौरान सरकार ने अक्टूबर 1999 में अधिसूचना जारी कर बोर्डों निगमों के बाकी कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारी की तरह पेंशन देने के आदेश जारी किए, लेकिन 2004 में तत्कालीन कांग्रेस ने इस अधिसूचना को रद्द कर दिया.

वीडियो.

उनकी पेंशन बहाल करने से सरकार पर अधिक वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा. ईपीएफओ के पास जमा उनका पेंशन फंड सरकार के पास वापस आ जाएगा. सरकार को यह फंड चलाने के लिए बेहद कम वित्तीय सहायता देनी पड़ती है. सेवानिवृत्ती के बाद वे शारीरिक व मानसिक तौर पर कमजोर हो चुके हैं. परिवार का पालन-पोषण करना उनके लिए मुश्किल हो गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री व गृह मंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेश सरकार को अक्टूबर 1999 की अधिसूचना बहाल करने के निर्देश दिए जाएं ताकि उन्हें भी पेंशन की सुविधा मिल सके.

वहीं इसी मामले को लेकर जिला सोलन और हमीरपुर में भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किया गया. जिला सोलन में बुधवार को डीसी कार्यालय सोलन के बाहर गेट मीटिंग की गई और सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाएगा तो विधानसभा का भी घेराव किया (Retired Employees Protest In Solan) जाएगा. वहीं हमीरपुर में कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मुख्य बाजार में जमकर प्रदर्शन (Retired Employees Protest In Hamirpur) किया.

ये भी पढ़ें: कॉर्पोरेट सेक्टर के सेवानिवृत्त कर्मियों का नाहन में प्रदर्शन, पेंशन बहाली की मांग

हमीरपुर/बिलासपुर/सोलन: पेंशन की मांग को लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर के रिटायर्ड कर्मचारियों ने आज प्रदेशव्यापी प्रदर्शन (Retired Employees Protest In Himachal) किया. इसी कड़ी में जिला बिलासपुर में भी सड़कों पर उतर कर सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने कॉलेज चौक से डीसी ऑफिस तक रैली निकाली (Retired Employees Protest In Bilaspur) और मांगों को लेकर नारेबाजी भी की. उन्होंने डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किए.

इस दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष रणजीत सिंह गुलेरिया व महासचिव श्रवण शर्मा ने कहा कि हिमाचल में विभिन्न बोर्डों और निगमों में कुल 39,072 कर्मचारी कार्यरत थे. इनमें से 32,242 कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह पेंशन की सुविधा मिल रही (Corporate Sector Retired Employees) है. इसके विपरीत 6,730 कर्मचारी पेंशन से वंचित हैं.

उन्हें ईपीएफ से प्रतिमा महज 1000 से 3000 रुपए की नाम मात्र से पेंशन मिल रही है, जो उनके साथ अन्याय है. कमेटी के नुमाइंदों ने कहा कि यह मसला 1999 में तत्कालीन भाजपा सरकार के समक्ष उठाया गया था. उस दौरान सरकार ने अक्टूबर 1999 में अधिसूचना जारी कर बोर्डों निगमों के बाकी कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारी की तरह पेंशन देने के आदेश जारी किए, लेकिन 2004 में तत्कालीन कांग्रेस ने इस अधिसूचना को रद्द कर दिया.

वीडियो.

उनकी पेंशन बहाल करने से सरकार पर अधिक वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा. ईपीएफओ के पास जमा उनका पेंशन फंड सरकार के पास वापस आ जाएगा. सरकार को यह फंड चलाने के लिए बेहद कम वित्तीय सहायता देनी पड़ती है. सेवानिवृत्ती के बाद वे शारीरिक व मानसिक तौर पर कमजोर हो चुके हैं. परिवार का पालन-पोषण करना उनके लिए मुश्किल हो गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री व गृह मंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेश सरकार को अक्टूबर 1999 की अधिसूचना बहाल करने के निर्देश दिए जाएं ताकि उन्हें भी पेंशन की सुविधा मिल सके.

वहीं इसी मामले को लेकर जिला सोलन और हमीरपुर में भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किया गया. जिला सोलन में बुधवार को डीसी कार्यालय सोलन के बाहर गेट मीटिंग की गई और सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाएगा तो विधानसभा का भी घेराव किया (Retired Employees Protest In Solan) जाएगा. वहीं हमीरपुर में कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मुख्य बाजार में जमकर प्रदर्शन (Retired Employees Protest In Hamirpur) किया.

ये भी पढ़ें: कॉर्पोरेट सेक्टर के सेवानिवृत्त कर्मियों का नाहन में प्रदर्शन, पेंशन बहाली की मांग

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