ETV Bharat / city

ईटीवी भारत संवाददाता के फोन पर सीएम का संज्ञान, तब जाकर मिला कोरोना संदिग्ध को इलाज

बिलासपुर अस्पताल में बुधवार को घुमारवीं क्षेत्र से कोरोना लक्षणों से संदिग्ध एक मरीज को 108 एंबुलेंस के माध्यम से बिलासपुर अस्पताल लाया गया. हैरानी की बात यह है कि करीब एक घंटे तक अस्पताल में उस मरीज को कोई सुविधा नहीं मिली.

CM takes quick action on diligence
सीएम जयराम ठाकुर
author img

By

Published : Apr 8, 2020, 4:26 PM IST

Updated : Apr 8, 2020, 9:02 PM IST

बिलासपुर: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरे देश का स्वास्थ्य तंत्र दिन रात एक कर रहा है, लेकिन बिलासपुर के हालात इसके बिल्कुल विपरीत है. यहां के माननीय जहां अपने में ही व्यस्त हैं. वहीं, आलाधिकारी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पत्रकारों के फोन उठाना जरूरी नहीं समझते.

इसके विपरीत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने न सिर्फ पत्रकारों के फोन उठाए, बल्कि शालीनता से बात सुनी और प्रशासन को अवगत करवाते हुए जरूरी हिदायत भी दी. सीएम तक जानकारी पहुंचने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और कोरोना संदिग्ध का इलाज शुरू किया गया.

गौर रहे कि बुधवार को घुमारवीं क्षेत्र से कोरोना लक्षणों से संदिग्ध एक मरीज को 108 एंबुलेंस के माध्यम से बिलासपुर अस्पताल लाया गया. हैरानी की बात यह है कि करीब एक घंटे तक अस्पताल में उस मरीज को कोई सुविधा नहीं मिली.

वीडियो.

इससे बिलासपुर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का साफ पता चलता है. हैरानी की बात है कि ट्रामा सेंटर में भी कोई चिकित्सक नहीं था. अस्पताल में कुछ और मरीज भी डॉक्टर के इंतजार में सोशिल डिस्टेंसिग अपनाते हुए अपने स्थानों पर खड़े रहे.

ऐसी संवेदनशील घड़ी में बिलासपुर स्वास्थ्य प्रशासन की कोताही किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है. 108 एंबुलेंस उस संदिग्ध मरीज को लेकर बुधवार सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर क्षेत्रीय अस्पताल लेकर आई थी, लेकिन काफी देर तक वहां पर मरीज को लेने या देखने कोई भी स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी नहीं आया.

108 एंबुलेंस के कर्मियों की सूचना पर भी कोई अधिकारी गौर नहीं कर रहा था. पूरे एक घंटे बाद करीब 9 बजकर 33 मिनट पर वह मरीज खुद एंबुलेंस से निकल कर आइसोलेशन वार्ड की ओर गया. बताया जा रहा है कि वो मरीज एचआरटीसी की उस बस का परिचालक था जो नालागढ़ रूट की बस से कोरोना पीड़ित सवारियों को लेकर आया था.

जब अस्पताल प्रशासन की तरह से कोई उम्मीद नहीं दिखी तो ईटीवी भारत के संवाददाता शुभम राही ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को फोन कर प्रशासन की इस लापरवाही के बारे में अवगत करवाया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले पर तत्काल संज्ञान लिया और प्रशासनिक अमले को इस पर कार्रवाई करने को कहा.

ये भी पढ़ें: जयराम कैबिनेट का बड़ा फैसला: एक साल तक मंत्री, विधायकों की सैलरी में 30 प्रतिशत की कटौती

बिलासपुर: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरे देश का स्वास्थ्य तंत्र दिन रात एक कर रहा है, लेकिन बिलासपुर के हालात इसके बिल्कुल विपरीत है. यहां के माननीय जहां अपने में ही व्यस्त हैं. वहीं, आलाधिकारी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पत्रकारों के फोन उठाना जरूरी नहीं समझते.

इसके विपरीत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने न सिर्फ पत्रकारों के फोन उठाए, बल्कि शालीनता से बात सुनी और प्रशासन को अवगत करवाते हुए जरूरी हिदायत भी दी. सीएम तक जानकारी पहुंचने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और कोरोना संदिग्ध का इलाज शुरू किया गया.

गौर रहे कि बुधवार को घुमारवीं क्षेत्र से कोरोना लक्षणों से संदिग्ध एक मरीज को 108 एंबुलेंस के माध्यम से बिलासपुर अस्पताल लाया गया. हैरानी की बात यह है कि करीब एक घंटे तक अस्पताल में उस मरीज को कोई सुविधा नहीं मिली.

वीडियो.

इससे बिलासपुर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का साफ पता चलता है. हैरानी की बात है कि ट्रामा सेंटर में भी कोई चिकित्सक नहीं था. अस्पताल में कुछ और मरीज भी डॉक्टर के इंतजार में सोशिल डिस्टेंसिग अपनाते हुए अपने स्थानों पर खड़े रहे.

ऐसी संवेदनशील घड़ी में बिलासपुर स्वास्थ्य प्रशासन की कोताही किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है. 108 एंबुलेंस उस संदिग्ध मरीज को लेकर बुधवार सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर क्षेत्रीय अस्पताल लेकर आई थी, लेकिन काफी देर तक वहां पर मरीज को लेने या देखने कोई भी स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी नहीं आया.

108 एंबुलेंस के कर्मियों की सूचना पर भी कोई अधिकारी गौर नहीं कर रहा था. पूरे एक घंटे बाद करीब 9 बजकर 33 मिनट पर वह मरीज खुद एंबुलेंस से निकल कर आइसोलेशन वार्ड की ओर गया. बताया जा रहा है कि वो मरीज एचआरटीसी की उस बस का परिचालक था जो नालागढ़ रूट की बस से कोरोना पीड़ित सवारियों को लेकर आया था.

जब अस्पताल प्रशासन की तरह से कोई उम्मीद नहीं दिखी तो ईटीवी भारत के संवाददाता शुभम राही ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को फोन कर प्रशासन की इस लापरवाही के बारे में अवगत करवाया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले पर तत्काल संज्ञान लिया और प्रशासनिक अमले को इस पर कार्रवाई करने को कहा.

ये भी पढ़ें: जयराम कैबिनेट का बड़ा फैसला: एक साल तक मंत्री, विधायकों की सैलरी में 30 प्रतिशत की कटौती

Last Updated : Apr 8, 2020, 9:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.