बिलासपुर: शहर को नगर निगम बनाने की चाह रखने वाले नगर परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के सपना फिलहाल साकार नहीं हो (Bilaspur will not become a mc)पाएगा. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बिलासपुर को नगर निगम बनाने के लिए बिल्कुल मना कर दिया. शुक्रवार को बिलासपुर दौरे पर पहुंचे मंत्री सुरेश भारद्वाज ने (Minister Suresh Bhardwaj visit to Bilaspur)कहा कि एम्स बन जाने से बिलासपुर को नगर निगम का दर्जा नहीं दिया जा सकता. इसके लिए लगभग 40 हजार की जनसंख्या होना अनिवार्य है, जो बिलासपुर शहर में पूरी नहीं. मात्र 9 हजार वाली जनसंख्या वाला बिलासपुर शहर सिर्फ अभी तक नगर परिषद ही रहेगा.
बता दें कि जिला प्रशासन ने तो बतौर सरकार को नगर प्रशासन के क्षेत्रफल व जनसंख्या का पूरा ब्यौरा दे रखा था, लेकिन लंबे समय से उन फाइलों का भी कोई जवाब नहीं मिलने से प्रशासननिक अधिकरियों को भी नगर निगम के दर्जें की बात पूरी होती हुई नजर नहीं आ रही थी. बताते चलें कि बिलासपुर में राष्ट्र स्तरीय संस्थान स्थापित होने के साथ कई बड़ी परियोजनाओं पर इन दिनों तेजी से कार्य चल रहा. ऐसे में शहर को निगम स्तर पर विकसित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब यह प्लानिंग पूरी नहीं होगी. वैसे तो शहर बिलासपुर अब जल्द ही रेलवे, फोरलेन, एम्स और हाइड्रो इंजीनियरिंग जैसे संस्थानों व परियोजनाओं के साथ जुड़ने जा रहा है.
ऐसे में शहर के अंदर एक साथ ही काफी आबादी बढ़ने की संभावनाएं भी देखी जा रही थी. यही कारण है कि बिलासपुर को निगम बनाने के स्तर पर कार्य शुरू किया गया था. इस योजना के तहत बिलासपुर के कोठीपुरा एम्स साइट, हाइड्रो इंजीनियिरंग कॉलेज साइट व बंदला, घाघस सहित आसपास के क्षेत्रों को निगम में शामिल करने के प्रस्ताव को नगर परिषद बिलासपुर के सदन ने पास किया था, लेकिन अब इस सभी विचारों पर पूरी तरह से विराम लग गया.
नगर परिषद बिलासपुर के अध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप ने बताया विकसित होते बिलासपुर शहर को ध्यान में रखते हुए नगर परिषद ने फरवरी 2021 में परिषद का दर्जा बढ़ाकर इसे निगम बनाने के प्रस्ताव पर एकमत होकर मुहर लगाई थी. इसके बाद अप्रैल में एक फाइल राजस्व विभाग को भेजी गई थी. इस फाइल में शहर के आसपास की पंचायतों, एम्स, हाइड्रो कॉलेज की जनसंख्या व जमीनों को शामिल करने संबंधित मामलों पर रिपोर्ट मांगी गई थी.
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