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भानुपल्ली बिलासपुर बैरी बरमाणा ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के चौथे चरण के एफसीए केस को मिली सैद्धांतिक मंजूरी

Bhanupali Bilaspur railway line, भानुपल्ली बिलासपुर बैरी बरमाणा ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के चौथे चरण के केस की सैद्धांतिक मंजूरी आ गई है और अगले तीन से चार माह में फाइनल अप्रूवल भी आ जाएगी. उन्होंने बताया कि चौथे चरण में बध्यात से बरमाणा तक बारह हेक्टेयर जमीन वन विभाग के अधीन है जिसकी फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर प्रक्रिया जारी है.

bhanupali bilaspur beri barmana railway line
भानुपल्ली बिलासपुर बैरी बरमाणा ब्रॉडगेज रेलवे लाइन
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Published : Aug 26, 2022, 10:14 PM IST

बिलासपुर: सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी-बरमाणा ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के चौथे चरण में बध्यात से लेकर बैरी-बरमाणा तक एफसीए केस की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. अगले तीन से चार महीने के अंदर फाइनल अप्रूवल मिलने की उम्मीद है (Bhanupali Bilaspur railway line) जिसके बाद जिला की पंजाब से सटी सीमा धरोट से लेकर बैरी बरमाणा तक 63.1 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पूरी तरह से क्लीयर हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि रेल पटरी की चौड़ाई 1676 मिलीमीटर यानी 1.676 मीटर होगी, जबकि कालका-शिमला की पटरी की चौड़ाई एक मीटर है. ऐसे में पूरे हिमाचल प्रदेश में 1676 मिलीमीटर चौड़ाई की पटरी वाली यह पहली ब्रॉडगेज रेलवे लाइन है.

जानकारी के मुताबिक पंजाब से सटी बिलासपुर जिले की सीमा धरोट से लेकर बैरी बरमाणा तक रेलवे लाइन चार चरणों में कंपलीट की जाएगी. पहले तीन चरणों की एफसीए क्लीयरेंस हो चुकी है जबकि चौथे चरण के लिए एफसीए केस स्वीकृति को भेजा था जिसकी पहले फेज की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. जबकि अगले तीन से चार महीने में फाइनल अप्रूवल भी मिल जाएगी. चार चरणों में विभाजित इस प्रोजेक्ट की राह में लगभग 15 हजार छोटे बड़े पेड़ पौधे हैं. यदि चौथे चरण की बात करें तो बध्यात से लेकर बरमाणा तक 10.885 किलोमीटर यानी कुल 11 किलोमीटर का एरिया है जिसमें 12 हेक्टेयर जमीन वन विभाग के अधीन है जिसकी एफसीए क्लीयरेंस होनी है. इसके अलावा 45.31 हेक्टेयर निजी जमीन है जिसे अक्वायर करने के लिए प्रक्रिया जारी है.

चौथे चरण में बध्यात से लेकर बरमाणा तक कुल 2143 छोटे-बड़े पेड़ पौधे कटेंगे. जिसमें से 1021 बड़े पेड़ हैं, जबकि 1082 छोटे पेड़ पौधे तथा 40 बांस हैं. खास बात यह है कि जितने भी पेड़ पौधे कटेंगे उससे दोगुना पौधे रोपित किए जाएंगे. उधर, इस संदर्भ में बात करने पर बिलासपुर के वनमंडल अधिकारी अवनि भूषण राय ने बताया कि चौथे चरण के केस की सैद्धांतिक मंजूरी आ गई है और अगले तीन से चार माह में फाइनल अप्रूवल भी आ जाएगी. उन्होंने (Bhanupali Bilaspur railway line) बताया कि चौथे चरण में बध्यात से बरमाणा तक बारह हेक्टेयर जमीन वन विभाग के अधीन है जिसकी फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर प्रक्रिया जारी है. इससे पहले तीन चरणों की क्लीयरेंस हो चुकी है. धरोट से लेकर बरमाणा तक लगभग पंद्रह हजार पेड़ पौधे इस प्रोजेक्ट की राह में हैं. उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की यह पहली ब्रॉडगेज रेलवे लाइन है जिसकी पटरी की चौड़ाई 1.676 मीटर होगी.

भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी-बरमाणा रेलवे लाइन के चौथे चरण के एफसीए केस को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है और उम्मीद है कि अगले तीन से चार महीने में फाइनल अप्रूवल भी मिल जाएगी. रेलवे लाइन 45 किलोमीटर तक क्लीयर है और इससे आगे की प्रक्रिया चल रही है. राजस्व विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण को लेकर कार्रवाई जारी है. इसके साथ ही रेल लाइन का कार्य भी जोर शोरों से चल रहा है और सात में छह टनल ब्रेक-थ्रू हो चुकी हैं जबकि पांच ब्रिज का निर्माण कार्य भी द्रुतगति से जारी है. योजना के तहत बरमाणा तक 20 टनल बनेंगी जिसमें से 17 हिमाचल और शेष तीन पंजाब में प्रस्तावित हैं.

ये भी पढ़ें: विवाद के लिए याद रहेगा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अनदेखी करती रही सरकारें

बिलासपुर: सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी-बरमाणा ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के चौथे चरण में बध्यात से लेकर बैरी-बरमाणा तक एफसीए केस की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. अगले तीन से चार महीने के अंदर फाइनल अप्रूवल मिलने की उम्मीद है (Bhanupali Bilaspur railway line) जिसके बाद जिला की पंजाब से सटी सीमा धरोट से लेकर बैरी बरमाणा तक 63.1 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पूरी तरह से क्लीयर हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि रेल पटरी की चौड़ाई 1676 मिलीमीटर यानी 1.676 मीटर होगी, जबकि कालका-शिमला की पटरी की चौड़ाई एक मीटर है. ऐसे में पूरे हिमाचल प्रदेश में 1676 मिलीमीटर चौड़ाई की पटरी वाली यह पहली ब्रॉडगेज रेलवे लाइन है.

जानकारी के मुताबिक पंजाब से सटी बिलासपुर जिले की सीमा धरोट से लेकर बैरी बरमाणा तक रेलवे लाइन चार चरणों में कंपलीट की जाएगी. पहले तीन चरणों की एफसीए क्लीयरेंस हो चुकी है जबकि चौथे चरण के लिए एफसीए केस स्वीकृति को भेजा था जिसकी पहले फेज की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. जबकि अगले तीन से चार महीने में फाइनल अप्रूवल भी मिल जाएगी. चार चरणों में विभाजित इस प्रोजेक्ट की राह में लगभग 15 हजार छोटे बड़े पेड़ पौधे हैं. यदि चौथे चरण की बात करें तो बध्यात से लेकर बरमाणा तक 10.885 किलोमीटर यानी कुल 11 किलोमीटर का एरिया है जिसमें 12 हेक्टेयर जमीन वन विभाग के अधीन है जिसकी एफसीए क्लीयरेंस होनी है. इसके अलावा 45.31 हेक्टेयर निजी जमीन है जिसे अक्वायर करने के लिए प्रक्रिया जारी है.

चौथे चरण में बध्यात से लेकर बरमाणा तक कुल 2143 छोटे-बड़े पेड़ पौधे कटेंगे. जिसमें से 1021 बड़े पेड़ हैं, जबकि 1082 छोटे पेड़ पौधे तथा 40 बांस हैं. खास बात यह है कि जितने भी पेड़ पौधे कटेंगे उससे दोगुना पौधे रोपित किए जाएंगे. उधर, इस संदर्भ में बात करने पर बिलासपुर के वनमंडल अधिकारी अवनि भूषण राय ने बताया कि चौथे चरण के केस की सैद्धांतिक मंजूरी आ गई है और अगले तीन से चार माह में फाइनल अप्रूवल भी आ जाएगी. उन्होंने (Bhanupali Bilaspur railway line) बताया कि चौथे चरण में बध्यात से बरमाणा तक बारह हेक्टेयर जमीन वन विभाग के अधीन है जिसकी फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर प्रक्रिया जारी है. इससे पहले तीन चरणों की क्लीयरेंस हो चुकी है. धरोट से लेकर बरमाणा तक लगभग पंद्रह हजार पेड़ पौधे इस प्रोजेक्ट की राह में हैं. उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की यह पहली ब्रॉडगेज रेलवे लाइन है जिसकी पटरी की चौड़ाई 1.676 मीटर होगी.

भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी-बरमाणा रेलवे लाइन के चौथे चरण के एफसीए केस को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है और उम्मीद है कि अगले तीन से चार महीने में फाइनल अप्रूवल भी मिल जाएगी. रेलवे लाइन 45 किलोमीटर तक क्लीयर है और इससे आगे की प्रक्रिया चल रही है. राजस्व विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण को लेकर कार्रवाई जारी है. इसके साथ ही रेल लाइन का कार्य भी जोर शोरों से चल रहा है और सात में छह टनल ब्रेक-थ्रू हो चुकी हैं जबकि पांच ब्रिज का निर्माण कार्य भी द्रुतगति से जारी है. योजना के तहत बरमाणा तक 20 टनल बनेंगी जिसमें से 17 हिमाचल और शेष तीन पंजाब में प्रस्तावित हैं.

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