बिलासपुरः जिला के बरठीं क्षेत्र में कृषि विभाग की ओर से लापरवाही का मामाला सामने आया है. किसानों को फूलगोभी का बीज बताकर सरसों का बीज दिया गया है. यह खुलासा तब हुआ जब बिजाई के बाद फूलगोभी के बजाय सरसों की पनीरी खेत में उग गई.
किसानों ने महकमें से संपर्क किया, लेकिन उन्हें यह कहते हुए तसल्ली दे दी गई कि यह फूलगोभी की विशेष किस्म है. उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है, लेकिन विभाग के तमाम दावे और तसल्ली झूठे साबित हुए. अब कृषि विभाग किसानों को उचित सहायता देने की बात कर रहा है, लेकिन किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार कृषि विभाग की ओर से करीब 2 माह पहले घंडीर में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था. इसमें खेतीबाड़ी की नई तकनीकों की जानकारी देने के साथ ही लगभग 40 किसानों को फूलगोभी के बीज निशुल्क बांटे गए थे.
इसके अलावा फूलगोभी की बिजाई और फसल को संभावित बीमारी से बचाने के तरीके भी लोगों को बताए गए थे. किसानों ने फूलगोभी की बिजाई कर दी, लेकिन कुछ दिन बाद जब पनीरी उगने लगी तो वह सरसों की निकली.
देवीदत्त शर्मा, केहर सिंह व कुलदीप सिंह आदि ने बताया कि किसानों ने विभाग के दावे पर विश्वास करते हुए पनीरी खेतों में लगा दी, लेकिन अब वही हुआ, जिसका उन्हें डर था. फूलगोभी की जगह खेतों में सरसों उगी है.
किसानों की शिकायत पर कृषि विकास व कृषि प्रसार अधिकारी ने मौके पर आकर फसल का मुआयना किया. उन्होंने किसानों को गलती से फूलगोभी के बजाए शलगम का बीज दे दिए जाने की बात कही.
किसानों का दावा है कि विभाग अभी भी उन्हें गुमराह कर रहा है. खेतों में बोई गई पनीरी से जो फसल उग रही है, वह शलगम नहीं, बल्कि सरसों ही है. इससे तो बेहतर था कि वे बाजार से ही फुलगोभी की बीज लेकर उसकी बिजाई कर देते. उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है.
किसानों को राहत दी जाएगी
वहीं, बरठीं में तैनात कृषि विकास अधिकारी डॉ. बृजेश ने कहा कि शिविरों में किसानों को बांटे गए बीज किटों की सप्लाई पीछे से ही आई थी. उन्होंने कहा कि किसानों को वितरित किए गए बीज गलत निकलने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही किसानों को राहत दी जाएगी.