हमीरपुर: वर्ष 2019 में क्षयरोग उन्मूलन के लिए जिला हमीरपुर को देशभर में दूसरा, जबकि हिमाचल प्रदेश में पहला स्थान मिला है. जिला के अतिरिक्त उपायुक्त जितेंद्र सांजटा ने इसके लिए हमीरपुर क्षयरोग निवारण समिति एवं टीबी फोरम के सदस्यों को बधाई दी है.
एडीएम जितेंद्र सांजटा ने कहा कि हमीरपुर जिला में क्षयरोग निवारण के लिए स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों के समन्वित प्रयासों से प्रभावी कदम उठाए गए हैं. वर्ष 2019 के लिए हमीरपुर जिला को क्षयरोग उन्मूलन में देशभर में दूसरा जबकि हिमाचल प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है, जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं.
उन्होंने कहा कि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने एवं समुदाय में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से टीबी चैंपियन फील्ड में उतारे जाएंगे. इनमें वे लोग शामिल होंगे जो निश्चित अवधि में क्षयरोग का नियमित उपचार लेकर इस बिमारी को मात दे चुके हैं. प्रत्येक चिकित्सा खंड से दो चैंपियन चुने जाएंगे और अभी तक जिला में 8 ऐसे चैंपियन की पहचान कर ली गई है.
गुरुवार को हमीर भवन में अतिरिक्त उपायुक्त जितेंद्र सांजटा की अध्यक्षता में जिला क्षयरोग निवारण समिति एवं टीबी फोरम की बैठक की गई. बैठक में वर्ष 2021 तक हिमाचल प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के प्रदेश सरकार के संकल्प को साकार करने के लिए हमीरपुर जिला में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई. बैठक में भी तीन टीबी चैंपियन सर्वश्री नारायण दास महंता, प्रेमचंद एवं बिहारी लाल सोनी ने अपने अनुभव साझा किये.
बैठक में कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश सरकार ने इसके लिए वर्ष 2021 का लक्ष्य तय किया है और इस उद्देश्य से मार्च, 2018 में मुख्यमंत्री क्षयरोग निवल योजना शुरू की गई है. इसके अंतर्गत टीबी हारेगा, हिमाचल जीतेगा, देश जीतेगा का नारा दिया गया है.
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