शिमला: चंद दिनों में नये साल का आगाज होने वाला है. साल 2023 में जहां देश ने विकास के क्षेत्र में कई नये आयामों को छूआ, वहीं, साल 2023 ने देश-प्रदेश को कई गहरे जख्म भी दिए हैं. इन्हीं जख्मों में से एक हिमाचल प्रदेश में आई सदी की सबसे बड़ी आपदा भी एक है. इस साल मानसून सीजन ने प्रदेश में जमकर कहर बरपाया. आसमान से बरसती आफत ने जहां सैंकड़ों लोगों की जान ले ली तो वहीं हजारों आशियाने जमींदोज हो गए. राज्य में आए जल प्रलय में क्या पुल, क्या सड़क और क्या सड़कें जो भी राह में आया सब तिनके की तरह बह गए. वहीं, मानसून सीजन में कई जगहों पर बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटना ने पूरे प्रदेश को तहस-नहस कर दिया.
हिमाचल आपदा में गई 509 लोगों की जान: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन का कहर का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आसमानी आफत ने राज्य के 509 लोगों की जान ले ली. वहीं, 38 लोग लापता हो गए जिनका आज तक पता नहीं चला. जबकि 528 लोग घायल हो गए. इतना ही नहीं भारी बारिश, बाढ़, फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड में हजारों घर तबाह हो गए. राज्य में आई आपदा में 12,304 घरों को नुकसान पहुंचा. वहीं, 2944 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए. इसके अलावा राज्य में कई नेशनल हाईवे सहित सैकड़ों सड़कें और मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. सबसे बड़ी बाधा चंडीगढ़-शिमला हाईवे पर देखने को मिला, जहां लैंडस्लाइड होने से पहाड़ी का बड़ा हिस्सा खिसक कर रास्ते पर आ गया. जिसकी वजह से कई दिनों तक मार्ग बाधित रहा और हजारों सैलानी और स्थानीय लोग सड़क पर फंसे रहे.
एक दिन में 55 लोगों की मौत: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन का रौद्र रूप देखने को मिला. इस आपदा ने जहां पूरे राज्य को नुकसान पहुंचाया. वहीं, सबसे बड़ी घटना 14 अगस्त को देखने को मिली. जब एक ही दिन में 55 लोगों की जान चली गई. इस घटना से पूरा हिमाचल दहल उठा. 14 अगस्त को सावन के सोमवार को शिमला के समरहिल स्थित शिव मंदिर भारी संख्या में भक्त जलाभिषेक के लिए पहुंचे. तभी अचानक बादल फटने से आये मलबे में पूरा मंदिर समा गया. जिसकी वजह से मलबे में दबने से 20 लोगों की जान चली गई. 14 अगस्त को आई आसमानी आफत में शिमला जिले में 14, मंडी में 19, सिरमौर में 7, सोलन में 13 लोगों की मौत हो गई. वहीं, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा में विभिन्न हादसों में हुई मौतों को मिलाने पर यह आंकड़ा 55 पहुंच गया था.
आपदा और सड़क हादसों में गई जान: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा और सड़क हादसों में 509 लोगों की मौत हुई. जिसमें 204 लोग अकेले विभिन्न सड़क हादसे में मारे गए. वहीं, मौत का आंकड़ा जिलेवार देखें तो शिमला में 30, चंबा में 30, सोलन में 29, ऊना में 21, सिरमौर में 18 और मंडी में 15 लोग सड़क हादसे में मारे गए. जबकि लाहौल स्पीति में 4 लोगों की जान गई. इसके अलावा बाढ़ में बहने से 47 की मौत और सर्पदंश से 22 लोगों की जान गई. वहीं, खाई में गिरने से 55 लोग मारे गए. जबकि लैंडस्लाइड की घटनाओं में 114 लोग मारे गए. इन आंकड़ों को देखे तो आपदा और सड़क हादसों ने 509 लोगों की मौत हो गई. वहीं, सबसे ज्यादा शिमला जिले में 106 लोगों की मौत हुई. कुल्लू जिले में 57, मंडी में 53, चंबा में 54 व कांगड़ा जिले में 48 लोगों की मौत हुई. प्रदेश भर में 528 लोग घायल भी हुए.
आपदा से हिमाचल को ₹9712 करोड़ का नुकसान: वहीं, मानसून सीजन में भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में राज्य को करीब ₹ 9712 करोड़ का नुकसान हुआ. मानसून में सीजन में लैंडस्लाइड की 169 घटनाएं और फ्लैश फ्लड की 72 घटनाएं हुई. आपदा में हिमाचल में सबसे ज्यादा लोक निर्माण विभाग को नुकसान हुआ. लोक निर्माण विभाग को हुए नुकसान का आंकड़ा 2949 करोड़ रुपए से अधिक रहा. इसके अलावा जल शक्ति विभाग को 2419 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ. 1917 करोड़ का नुकसान बिजली बोर्ड को हुआ. इसके अलावा कृषि-बागवानी को 570 करोड़ और ग्रामीण विकास विभाग को 675 करोड़ का भारी नुकसान हुआ. वहीं, अन्य विभागों को हुए नुकसान को मिलाकर राज्य को करीब ₹9712.50 करोड़ नुकसान हुआ. मानसून में लैंडस्लाइड की 169 घटनाएं पेश आई.
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