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हमें भारतीय मोटे अनाज के लिए नए बाजारों की तलाश करनी चाहिएः गोयल - Indian millets

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारत और विदेशों में इस तरह के कई क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित करेगा. सचिव ने कहा कि मुझे यकीन है कि अगले कुछ वर्षों में मोटे अनाज उगाने और इसके उपभोग की संस्कृति बढ़ेगी.

We should find new markets for Indian millets: Goyal
हमें भारतीय मोटे अनाज के लिए नए बाजारों की तलाश करनी चाहिएः गोयल
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Published : Dec 6, 2022, 8:19 AM IST

नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से सोमवार को भारतीय मोटे अनाज के लिए नए बाजारों की तलाश करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए अधिक शोध तथा मानकों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. मोटे अनाज पर एक अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक में उन्होंने कहा कि हमें नए बाजारों और गंतव्यों की तलाश करनी चाहिए. नई किस्मों को लाने के लिए शोध की आवश्यकता है. मंत्री ने मोटे अनाज की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देने के अलावा उद्योग की अधिक भागीदारी का भी आह्वान किया.

  • Mainstreaming Indian Millets Globally!

    At the pre-launch of the International Year of Millets 2023, urged all to join with full vigour in popularising & taking the nutritious millets across the world, making India the global capital of Millets.

    🎥https://t.co/76zumOQdkv pic.twitter.com/TjPiwRf2AS

    — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 5, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: मुर्मू ने नौसेना के ध्वज के नये डिजाइन को मंजूरी दी

मोटा अनाज कृषि के विकास को आगे ले जाने के अलावा कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है. उन्होंने कहा कि आइए हम मोटे अनाज की वैश्विक राजधानी बनें. इस कार्यक्रम में बोलते हुए, वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत से मोटे अनाज के निर्यात को बढ़ावा देने की काफी गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि हम 1.5 करोड़ डॉलर से 2-3 साल में 100 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.

पढ़ें: आंध्र प्रदेश के बापटला में भीषण सड़क हादसा, चार की मौके पर मौत 15 अन्य घायल

उन्होंने कहा कि मंत्रालय मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारत और विदेशों में इस तरह के कई क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित करेगा. सचिव ने कहा कि मुझे यकीन है कि अगले कुछ वर्षों में मोटे अनाज उगाने और इसके उपभोग की संस्कृति बढ़ेगी. यह सम्मेलन 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023' शुरू होने से पहले पहले आयोजित किया गया था. वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में मोटे अनाज के प्रमुख उत्पादकों में से एक है.

पढ़ें: कांग्रेस में बड़ा फेरबदल: सुखजिंदर सिंह रंधावा को मिली राजस्थान की जिम्मेदारी

एफएओ (खाद्य और कृषि संगठन) के अनुसार, वर्ष 2020 में मोटे अनाज का वैश्विक उत्पादन तीन करोड़ 4.64 लाख टन का हुआ था. भारत की हिस्सेदारी एक करोड़ 24.9 लाख टन की थी, जो कुल मोटे अनाज उत्पादन का 41 प्रतिशत हिस्सा है. भारत के शीर्ष पांच मोटे अनाज उत्पादक राज्य – राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश हैं.

पढ़ें: रोडशो-सभाओं में अपील का नहीं हुआ खास असर, गुजरात में मतदान प्रतिशत गिरा

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से सोमवार को भारतीय मोटे अनाज के लिए नए बाजारों की तलाश करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए अधिक शोध तथा मानकों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. मोटे अनाज पर एक अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक में उन्होंने कहा कि हमें नए बाजारों और गंतव्यों की तलाश करनी चाहिए. नई किस्मों को लाने के लिए शोध की आवश्यकता है. मंत्री ने मोटे अनाज की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देने के अलावा उद्योग की अधिक भागीदारी का भी आह्वान किया.

  • Mainstreaming Indian Millets Globally!

    At the pre-launch of the International Year of Millets 2023, urged all to join with full vigour in popularising & taking the nutritious millets across the world, making India the global capital of Millets.

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    — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 5, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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मोटा अनाज कृषि के विकास को आगे ले जाने के अलावा कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है. उन्होंने कहा कि आइए हम मोटे अनाज की वैश्विक राजधानी बनें. इस कार्यक्रम में बोलते हुए, वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत से मोटे अनाज के निर्यात को बढ़ावा देने की काफी गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि हम 1.5 करोड़ डॉलर से 2-3 साल में 100 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि मंत्रालय मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारत और विदेशों में इस तरह के कई क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित करेगा. सचिव ने कहा कि मुझे यकीन है कि अगले कुछ वर्षों में मोटे अनाज उगाने और इसके उपभोग की संस्कृति बढ़ेगी. यह सम्मेलन 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023' शुरू होने से पहले पहले आयोजित किया गया था. वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में मोटे अनाज के प्रमुख उत्पादकों में से एक है.

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एफएओ (खाद्य और कृषि संगठन) के अनुसार, वर्ष 2020 में मोटे अनाज का वैश्विक उत्पादन तीन करोड़ 4.64 लाख टन का हुआ था. भारत की हिस्सेदारी एक करोड़ 24.9 लाख टन की थी, जो कुल मोटे अनाज उत्पादन का 41 प्रतिशत हिस्सा है. भारत के शीर्ष पांच मोटे अनाज उत्पादक राज्य – राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश हैं.

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(पीटीआई-भाषा)

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