वाराणसी : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी जोरों पर है. नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस बीच संत समाज ने 'चिलमजीवी' वाले बयान को लेकर अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्च खोल दिया है.
अखिल भारतीय संत समिति ने सपाध्यक्ष के बयान को अपमानजनक बताया है. साथ ही इस पर कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई है. यही नहीं, संत समाज ने इसके लिए अखिलेश से माफी मांगने को भी कहा है.
इस बाबत संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश के इस अनर्गल बयान से देशभर के संत आक्रोशित है. हम ऐसे नेताओं को जो लगातार सनातन धर्म, भगवा व संतों पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें चेताते हैं कि वह अपनी ओछी राजनीति में संतों को न घसीटें अन्यथा उन्हें सनातनियों के आक्रोश को भुगतना पड़ेगा.
स्वामी सरस्वती ने आगे कहा कि संत समाज पूरे प्रदेश में घर-घर जाकर ऐसे छद्म समाजवादी व कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाएगा जो लगातार सनातन हिंदुओं और उनकी परंपराओं पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन परंपरा के अनुसार ही विश्वभर में पूजनीय व सम्मानित मठ के पीठाधीश्वर हैं. भारत में प्राचीन काल से ही धर्मसत्ता राजसत्ता से सर्वोपरि रही है.
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स्वामी सरस्वती ने अखिलेश यादव और उनके प्रवक्ताओं से संतों का अपमान करने व संपूर्ण संत व सनातन सामाज से अविलंब क्षमा मागने को कहा है. उन्होंने कहा कि यदि अखिलेश यादव क्षमा नहीं मांगते तो संत समाज सक्रिय रूप से पूरे देश में घर-घर जाकर इस पितृद्रोही, सनातन द्रोही नेता के खिलाफ प्रचार करेगा. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.