शिमला: कानून और प्रौद्योगिकी के माध्यम से न्यायिक विकास विषय पर शिमला में दो दिवसीय सम्मेलन आरंभ हुआ. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस सम्मेलन में शामिल हुए. सीएम सुखविंदर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल प्रदेश को गर्व है कि यहां से चार न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट में सुशोभित हुए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे न्यायमूर्ति मेहर चंद महाजन, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रहे न्यायमूर्ति लोकेश्वर सिंह पांटा, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता व न्यायमूर्ति संजय करोल का जिक्र किया.
वर्चुअल हियरिंग से पारदर्शिता बढ़ी: सीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी उन्नत होने से न्यायिक प्रक्रिया में भी आसानी हुई है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और मजबूत होगा, जब चारों स्तंभ मिलकर काम करेंगे. सीएम ने कहा कि कोविड के दौरान वर्चुअल सुनवाई से कानून की दुनिया में नया अध्याय शुरू हुआ है. वर्चुअल हियरिंग से पारदर्शिता भी बढ़ी है.
तकनीक व कानून के संगम पर जोर: उन्होंने तकनीक व कानून के संगम पर जोर दिया और कहा कि इनके सामंजस्य से न्यायिक प्रणाली में और मजबूती आएगी. वहीं, सीएम ने सम्मेलन में शामिल सभी न्यायाधीशों व प्रतिभागियों से कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में इस तरह के राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए भी तैयार है. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल, जो हिमाचल प्रदेश से संबंध रखते हैं. उन्होंने इस विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन की बात कही थी.
देश भर के 160 न्यायमूर्ति शामिल: बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट इस दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. यह सम्मेलन शिमला के होटल पीटरहॉफ में हो रहा है. पहले दिन इस सम्मेलन का शुभारंभ न्यायमूर्ति संजय करोल सहित अन्य न्यायाधीशों व सीएम सुखविंदर सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया. इस सम्मेलन में देश भर के 160 के करीब न्यायमूर्ति हिस्सा ले रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सहित हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीश सम्मेलन में शामिल हुए हैं.
न्यायिक अकादमी भोपाल के समन्वय से आयोजन: इसके अलावा पंजाब-हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, उत्तराखंड, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालयों से भी न्यायाधीश व न्यायिक अधिकारी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. ये आयोजन न्यायिक अकादमी भोपाल के समन्वय से किया जा रहा है, इसमें हिमाचल प्रदेश ज्यूडिशियल अकादमी का भी सक्रिय सहयोग है.
पांच सत्र आयोजित होंगे: इस विशेष सम्मेलन में पांच सत्र होंगे. इस सम्मेलन को संवैधानिक कानून में समकालीन रुझान, उच्च न्यायालय के निर्णय के पूर्ववर्ती मूल्य, अपराधी कानून में विकास की न्यायालय परियोजना का अवलोकन और प्रभावी न्यायिक प्रशासन के लिए उभरती भविष्य की तकनीक के साथ न्यायाधीशों के बीच संवाद को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित किया जा रहा है. इस दौरान कानून और प्रौद्योगिकी के माध्यम से न्यायिक विकास पर चर्चा होगी.