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हरियाणा के इस नेशनल पार्क में 110 साल बाद दिखा बंगाल टाइगर, वन मंत्री ने जताई खुशी - नेशनल कलेसर पार्ट में बंगाल टाइगर

हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित कलेसर नेशनल पार्क में बंगाल टाइगर (Bengal tiger in Kalesar National Park) बाघ देखा गया है. बंगाल टाइगर की ये तस्वीर जंगल में लगे कैमरे में कैद हुई है. पार्क में टाइगर दिखाई देने की पुष्टि हरियाणा के वन मंत्री ने भी कर दी है. लेकिन बंगाल टाइगर के दिखने से कहीं खुशी तो कहीं खौफ भी है.

Bengal Tiger in National Treasure Part
नेशनल कलेसर पार्ट में बंगाल टाइगर
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Published : Apr 28, 2023, 1:34 PM IST

Updated : Apr 28, 2023, 8:11 PM IST

यमुनानगर: हरियाणा के उत्तरी छोर पर बसे यमुनानगर कलेसर नेशनल पार्क (Kalesar National Park Yamunanagar) में करीब 110 साल बाद बंगाल टाइगर दिखाई दिया है. कलेसर पार्क में इससे पहले सन 1913 में बंगाल टाइगर देखा गया था. 18 अप्रैल की रात करीब 11 बजकर 45 मिनट और 19 अप्रैल की देर रात 2 बजकर 46 मिनट पर टाइगर जंगल में लगे फ्लैश एंड क्लिक कैमरे में कैद हुआ. जब कैमरे की फुटेज देखी गई तो वहां कार्यरत कर्मचारियों ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी. जिसके बाद बीते कल वहां की दो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी.

पढ़ें : 23 साल में जर्जर हुआ हथिनीकुंड बैराज, जानें क्या होता है डैम और बैराज में अंतर

बंगाल टाइगर की फोटो को सोशल मीडिया पर कुछ लोग अफवाह भी बता रहे थे. लेकिन गुरुवार शाम इन फोटो को हरियाणा के वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने खुद के सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया, तब जाकर कलेसर नेशनल पार्क में बाघ की चहलकदमी पर मुहर लगी. इस दौरान वन मंत्री कंवरपाल ने खुशी जताते हुए कहा कि जिस तरह प्राकृतिक रुप से जंगली जानवरों का संरक्षण होना चाहिए. वन मंत्री ने कहा कि 110 साल बाद हरियाणा के इस नेशनल पार्क में बाघ दिखना बड़े ही गर्व की बात है. कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से भी यमुनानगर के इस क्षेत्र को लगातार विकसित किया जा रहा है. हथिनीकुंड में भी पर्यटन के बढ़ावे के लिए पार्क बनाया गया है.

आपको बता दें कि यमुनानगर कलेसर नेशनल पार्क उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल के घने जंगल हैं. जहां करीब 110 साल बाद बंगाल टाइगर दिखाई दिया है. ये तस्वीर 18 अप्रैल और 19 अप्रैल की देर की है. जब बंगाल टाइगर जंगल में चहल कदमी करते वक्त जंगल में लगे क्लिक एंड फ्लैश कैमरे में कैद हो गया.

पढ़ें : विलुप्त होते जानवरों को देखना चाहते हैं तो घूम आएं कलेसर नेशल पार्क, ट्रैकिंग से लेकर सफारी तक का ले सकते हैं मजा

हलांकि एक तरफ जहां 110 साल बाद कलेसर नेशनल पार्क में विलुप्त होते बंगाल टाइगर के दिखने पर खुशी जताई जा रही है तो वहीं आसपास आबादी क्षेत्र में भय का माहौल भी बना हुआ है. अक्सर तीनों प्रदेशों के जंगली जानवर इधर से उधर रिहायशी इलाकों में विचरण करते रहते हैं. माना जा रहा है कि ये बाघ भी उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क से इस तरफ आया है. कलेसर नेशनल पार्क में कोरोना के समय जंगल सफारी बंद होने के बाद दोबारा शुरू नहीं हो पाई है.

यमुनानगर: हरियाणा के उत्तरी छोर पर बसे यमुनानगर कलेसर नेशनल पार्क (Kalesar National Park Yamunanagar) में करीब 110 साल बाद बंगाल टाइगर दिखाई दिया है. कलेसर पार्क में इससे पहले सन 1913 में बंगाल टाइगर देखा गया था. 18 अप्रैल की रात करीब 11 बजकर 45 मिनट और 19 अप्रैल की देर रात 2 बजकर 46 मिनट पर टाइगर जंगल में लगे फ्लैश एंड क्लिक कैमरे में कैद हुआ. जब कैमरे की फुटेज देखी गई तो वहां कार्यरत कर्मचारियों ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी. जिसके बाद बीते कल वहां की दो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी.

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बंगाल टाइगर की फोटो को सोशल मीडिया पर कुछ लोग अफवाह भी बता रहे थे. लेकिन गुरुवार शाम इन फोटो को हरियाणा के वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने खुद के सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया, तब जाकर कलेसर नेशनल पार्क में बाघ की चहलकदमी पर मुहर लगी. इस दौरान वन मंत्री कंवरपाल ने खुशी जताते हुए कहा कि जिस तरह प्राकृतिक रुप से जंगली जानवरों का संरक्षण होना चाहिए. वन मंत्री ने कहा कि 110 साल बाद हरियाणा के इस नेशनल पार्क में बाघ दिखना बड़े ही गर्व की बात है. कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से भी यमुनानगर के इस क्षेत्र को लगातार विकसित किया जा रहा है. हथिनीकुंड में भी पर्यटन के बढ़ावे के लिए पार्क बनाया गया है.

आपको बता दें कि यमुनानगर कलेसर नेशनल पार्क उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल के घने जंगल हैं. जहां करीब 110 साल बाद बंगाल टाइगर दिखाई दिया है. ये तस्वीर 18 अप्रैल और 19 अप्रैल की देर की है. जब बंगाल टाइगर जंगल में चहल कदमी करते वक्त जंगल में लगे क्लिक एंड फ्लैश कैमरे में कैद हो गया.

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हलांकि एक तरफ जहां 110 साल बाद कलेसर नेशनल पार्क में विलुप्त होते बंगाल टाइगर के दिखने पर खुशी जताई जा रही है तो वहीं आसपास आबादी क्षेत्र में भय का माहौल भी बना हुआ है. अक्सर तीनों प्रदेशों के जंगली जानवर इधर से उधर रिहायशी इलाकों में विचरण करते रहते हैं. माना जा रहा है कि ये बाघ भी उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क से इस तरफ आया है. कलेसर नेशनल पार्क में कोरोना के समय जंगल सफारी बंद होने के बाद दोबारा शुरू नहीं हो पाई है.

Last Updated : Apr 28, 2023, 8:11 PM IST
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