रादौर: मंडियों में फसल का उठान न होने से किसानों और आढ़तियों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले कृषि कानून को लेकर किसान खुश नहीं थे और अब फसल का उठान, गेट पास से जुड़ी समस्याओं को लेकर किसान सरकार से नाराज है.
फसल का उठान ना होने से आढ़ती और किसानों की परेशानियां बढ़ी
प्रदेश की अनाज मंडियों में धान की खरीद का काम शुरू हो चुका है. रादौर अनाज मंडी में उठान न होने की वजह से मंडी अब अटने लगी है, हालात ऐसे है कि पूरी मंडी धान की फसल से खचाखच भर चुकी है. आढ़तियों का कहना है कि उठान का कार्य शुरू न होने की वजह से आढ़तियों और किसान दोनों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
किसानों ने मंडी सचिव पर लगाए भेदभाव करने के आरोप
किसानों के पास फसल को मंडी में लाने के लिए संदेश तो भेजे जा रहे हैं, लेकिन मंडी में फसल गिराने के लिए जगह न होने की वजह से किसान अपनी फसल को मंडी में नहीं ला पा रहे हैं. किसानों आरोप लगाया कि मंडी में किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. कुछ किसान बिना गेट पास के ही अपनी फसल को मंडी में ला रहे हैं, जबकि कुछ को गेट पास का हवाला देकर मंडी में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. जबकि नियम सभी के किए एक समान होने चाहिए.
मंडी सचिव ने भेदभाव के आरोपों को नकारा
वहीं, जब मंडी सचिव जयसिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उठान की समस्या को लेकर हैफेड मैनेजर से बात की गई है, मंडी सचिव ने भेदभाव के आरोपों को नकारते हुए कहा कि किसी के साथ भी कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है. जिस किसान ने अपनी फसल को मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकरण करवाया है, उन्हें ही गेट पास दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि रादौर अनाजमंडी में अब तक आठ हजार क्वंटल धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि गुमथला में खरीद शुरू नहीं हुई है. वहीं जठलाना में पांच हजार क्वंटल धान की खरीद की जा चुकी है.
खेतों से निकल किसानों की फसल मंडियों में पंहुचने लगी है लेकिन यहां उठान न होने से मंडिया अब भरने लगी है. मंडियों में जगह कम होने की वजह से आढ़ती और किसानों की चिंता भी बढ़ गई है. हालांकि मंडी सचिव उठान के लिए जल्द ही प्रबंध करने के दावे तो कर रहे है लेकिन अभी तक इस समस्या का हल नहीं निकला है.
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