यमुनानगर: हरियाणा लोक सेवा आयोग की एचसीएस परीक्षा 2023 (HCS Exam 2023) में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. इस मामले में यमुनानगर पुलिस की सीआईए-1 टीम ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गये तीनों आरोपियों ने दूसरे की जगह परीक्षा दी थी. मामले में आरोपियों के खिलाफ फरीदाबाद के सेक्टर 76 थाने में केस दर्ज हुआ था लेकिन इनके तार यमुनानगर से भी जुड़े हैं.
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि इन्होंने यमुनानगर में भी दूसरे की जगह परीक्षा दी थी. आरोपी सुनील कैथल जिले के कलायत का रहने वाला है जबकि दूसरा आरोपी पवन करनाल का निवासी है. पुलिस ने दोनों को कैथल बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया है. आरोपी पवन डाकघर में पोस्टमैन की नौकरी करता है. तीसरा आरोपी संजय रीतवाल है. तीनों आरोपी आपस में दोस्त हैं. पैसे कमाने की चाहत में ये लोग परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह में शामिल हो गये. संजय छात्रों को ट्यूशन पढ़ाने का काम करता है.
ये भी पढ़ें- हरियाणा पेपर लीक: जिस कंपनी को दिया था पेपर छपाई का ठेका, उसके मैनेजर ने ही कर दिया खेल
पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि ये एक संगठित गिरोह है, जिसके सदस्य दूसरे की जगह बैठकर परीक्षा देते हैं. परीक्षार्थियों को पास कराने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूलते हैं. आरोपी संजय रीतवाल ने पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि सुनील और पवन ने उसका परिचय नीरज नाम के शख्स से कराया था. नीरज से HCS का पेपर दूसरे की जगह देने की डील 5 लाख रुपये में तय हुई थी.
सुनील ने 3 लाख रुपये एडवांस ले लिए थे और 2 लाख रुपये परीक्षा में पास होने के बाद देने की बात तय हुई थी. संजय ने बताया कि जो तीन लाख रुपये एडवांस मिले थे, उसमें से हमने 1-1 लाख रुपये आपस मे बांट लिए थे. पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह में ऐसे कितने लोग हैं. साथ ही किन-किन परीक्षार्थियों की जगह दूसरों ने पेपर दिया. पुलिस सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.
ये भी पढ़ें- प्रदेश के 6 परीक्षा केंद्रों पर संपन्न हुई HCS प्रारंभिक परीक्षा, फरीदाबाद में पकड़ा गया एक संदिग्ध परीक्षार्थी
हरियाणा सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा पिछले रविवार यानि 21 मई को संपन्न हुई थी. ये परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई थी. पहला पेपर सुबह 10 से 12 बजे तक और दूसरा 3 से 5 बजे तक हुआ था. परीक्षा में कुल 93 हजार 600 उम्मीदवार शामिल हुए थे. सरकार की तरफ से दावे किये गये थे कि नकल और किसी भी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सभी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं लेकिन प्रारंभिक परीक्षा में फर्जीवाड़े के खुलासे ने सरकार के दावों पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है.