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यमुनानगर में बढ़ा प्रदूषण का स्तर, एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार - yamunanagar news live

दिवाली के बाद से यमुनानगर में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. राज्य में वायु प्रदूषण के मामले में यमुनानगर तीसरे स्थान पर है.

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Published : Oct 29, 2019, 11:37 PM IST

यमुनानगर: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने के साथ ही यमुनानगर की वायु गुणवत्ता सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गई. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई वायु गुणवत्ता सूची यानि एक्यूआई 300 प्रति क्यूबिक घन मीटर पार हो गया. जो बेहद खतरनाक स्तर की श्रेणी में है.

प्रदेश में तीसरे नंबर पर वायु प्रदूषण
इस आबोहवा के खराब होने पर प्रदूषण विभाग ने भी चिंता जाहिर की है. पिछली साल की तुलना में इस बार कम पटाखे जले हैं लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. जिसका काफी प्रभाव दिखाई दे रहा है. राज्य में वायु प्रदूषण स्तर में यमुनानगर तीसरे स्थान पर है.

यमुनानगर में बढ़ा प्रदूषण का स्तर

एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार
यमुनानगर में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. पिछले साल की तरह पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी जिसके बाद भी कोई असर होता हुआ दिखाई नहीं दिया.

ये भी पढ़ें:-हाईकोर्ट को उड़ाने की धमकी के बाद सुरक्षा कड़ी, डॉग स्क्वायड और बम स्क्वायड टीम भी मौजूद

तीन शहरों की हवा सबसे खराब
सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहर के रूप में पानीपत, उसके बाद करनाल और फिर यमुनानगर हैं. इस साल इन तीनों शहरों में वायु प्रदूषण का खतरा सबसे ज्यादा है. इस प्रदूषण के कई बड़े कारण हैं जिनमें खुले में जलाई जा रही प्लास्टिक और अन्य सामान भी शामिल हैं.

हरियाणा प्रदूषण विभाग के अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि पिछली साल की तुलना में इस बार काफी कम पटाखे चले हैं लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर 300 पार हो गया जो कि खतरनाक है. अधिकतर प्रदूषण पटाखों की वजह से. इससे दमा के मरीजों को सांस लेने में बहुत परेशानी रही है.

यमुनानगर: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने के साथ ही यमुनानगर की वायु गुणवत्ता सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गई. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई वायु गुणवत्ता सूची यानि एक्यूआई 300 प्रति क्यूबिक घन मीटर पार हो गया. जो बेहद खतरनाक स्तर की श्रेणी में है.

प्रदेश में तीसरे नंबर पर वायु प्रदूषण
इस आबोहवा के खराब होने पर प्रदूषण विभाग ने भी चिंता जाहिर की है. पिछली साल की तुलना में इस बार कम पटाखे जले हैं लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. जिसका काफी प्रभाव दिखाई दे रहा है. राज्य में वायु प्रदूषण स्तर में यमुनानगर तीसरे स्थान पर है.

यमुनानगर में बढ़ा प्रदूषण का स्तर

एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार
यमुनानगर में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. पिछले साल की तरह पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी जिसके बाद भी कोई असर होता हुआ दिखाई नहीं दिया.

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तीन शहरों की हवा सबसे खराब
सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहर के रूप में पानीपत, उसके बाद करनाल और फिर यमुनानगर हैं. इस साल इन तीनों शहरों में वायु प्रदूषण का खतरा सबसे ज्यादा है. इस प्रदूषण के कई बड़े कारण हैं जिनमें खुले में जलाई जा रही प्लास्टिक और अन्य सामान भी शामिल हैं.

हरियाणा प्रदूषण विभाग के अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि पिछली साल की तुलना में इस बार काफी कम पटाखे चले हैं लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर 300 पार हो गया जो कि खतरनाक है. अधिकतर प्रदूषण पटाखों की वजह से. इससे दमा के मरीजों को सांस लेने में बहुत परेशानी रही है.

Intro:एंकर दीवाली के बाद पटाखों से दिल्ली एनसीआर सहित यमुनानगर जिले की हवा भी ज़हरीली हो चुकी है।वायु प्रदूषण इतना है कि यहाँ सांस लेना भी मुश्किल है इस आबो हवा के खराब होने को लेकर प्रदूषण विभाग भी चिंतित है हालांकि अधिकारियों का मानना है कि पिछले सालो से कम पटाखे जले है लेकिन इसके बावजूद भी बहुत प्रभाव दिखाई दे रहा है और लगभग दिसम्बर तक दिल्ली एनसीआर की तरह यहां भी वायु प्रदूषण रहने वाला है और राज्य में यमुनानगर प्रदूषण के मामले में तीसरे नंबर पर है।
Body:वीओ भारत की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद ख़राब बना हुआ है।दिवाली के दौरान हुई आतिशबाज़ी ने इस प्रदूषण को और भी ज़्यादा बढ़ा दिया है।शुक्रवार को हवा की गुणवत्ता नापने का सूचकांक 300 के पार पहुँच गया जिसे 50 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।प्रदूषण की इस स्थिति को लेकर पहले भी चिंता ज़ाहिर की गई थी।पिछले साल की तरह इस साल भी भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री में कमी लाने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट के आदेश का असर कम ही दिखा।


वीओ क्यों हर बार दीवाली के बाद सांस लेना भी हो जाता है मुश्किल इस दीवाली के बाद हवा में कितना ज़हर घुला है इस बारे में जब हरियाणा प्रदूषण विभाग के अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया की इस बार पटाखे जलने की वजह से हमारी जो एयर क्वालिटी इंडेक्स है वह 300 से ऊपर चला गया है जो कि बहुत ही पुअर कंडीशन होती है । कम हुआ है जागरूकता है बच्चे ने भी पटाखे कम चलाये फिर भी पटाखे चले है जिससे सल्फर मेटल जो कि पटाखों में होते हैं इनकी वजह से धुआ वातावरण में आता है और पटाखे काफी जलते हैं इसकी वजह से हवा दूषित होजाती है जब धुंआ और ज़हरीली गैसेस मिक्स होती है जिसकी वजह से नीचे लोगों को सांस की प्रॉब्लम होती है दमा की समस्या आती है ।लोगों को मास्क डालना पड़ता है। वही इसका असर कितने दिनों तक रहता है इस पर अधिकारी ने कहा कि हवा की डायरेक्शन में पर यह निर्भर करता है कि हवा किस तरफ की है हवा चलेगी तो एयर पार्टिकल वह हवा की वजह से हवा ठीक हो जाए या फिर बारिश हो जाए तो हवा चलने की वजह से उसका इफेक्ट पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह वातावरण के अंदर इन दिनों के अंदर अक्सर बन जाते हैं क्योंकि त्यौहार भी सभी होते हैं अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक हम अपनी तरफ से यह है की प्रदूषण और न बड़े बेस लेवल पर हम अपनी एक्टिविटी करते हैं। डायरेक्शन देते हैं एम सी वगैरह को की कूड़ा ना जलाया जाए कहीं पराली ना जले उनके चालान किए जाएं ।बाकी ट्रैफिक चालान होते है प्रदूषण को लेकर जिसने उनसे पोलूशन फैलता है अगर विकल्प सही होंगे तो वह धुआं नहीं फेंकेंगे।अगर समय पर उनकी जांच हो सर्विस हो।15 अक्टूबर से ऐसा मौसम बन जाता है और लगभग दिसंबर तक रहता है, त्योहार भी आते हैं एग्रीकल्चर बर्निंग भी होती है किसान जब फसल को निकालते हैं सफाई करते हैं जब पंखे चलाते हैं उससे भी जो हवा है दूषित होती है ।कई सारी चीजें इकट्ठी होकर इस तरीके का वातावरण बन जाता है। सबको मिलकर इसमें आगे आना चाहिए और सहयोग करना चाहिए ताकि हर स्तर पर इस प्रदूषण को रोकने का प्रयास किया जा सके।


बाइट शैलेंद्र अरोड़ा सब डिविजनल अधिकारी हरियाणा पॉल्युशन बोर्डConclusion:
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