यमुनानगर: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होने के साथ ही यमुनानगर की वायु गुणवत्ता सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गई. हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी की गई वायु गुणवत्ता सूची यानि एक्यूआई 300 प्रति क्यूबिक घन मीटर पार हो गया. जो बेहद खतरनाक स्तर की श्रेणी में है.
प्रदेश में तीसरे नंबर पर वायु प्रदूषण
इस आबोहवा के खराब होने पर प्रदूषण विभाग ने भी चिंता जाहिर की है. पिछली साल की तुलना में इस बार कम पटाखे जले हैं लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. जिसका काफी प्रभाव दिखाई दे रहा है. राज्य में वायु प्रदूषण स्तर में यमुनानगर तीसरे स्थान पर है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार
यमुनानगर में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. पिछले साल की तरह पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी जिसके बाद भी कोई असर होता हुआ दिखाई नहीं दिया.
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तीन शहरों की हवा सबसे खराब
सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहर के रूप में पानीपत, उसके बाद करनाल और फिर यमुनानगर हैं. इस साल इन तीनों शहरों में वायु प्रदूषण का खतरा सबसे ज्यादा है. इस प्रदूषण के कई बड़े कारण हैं जिनमें खुले में जलाई जा रही प्लास्टिक और अन्य सामान भी शामिल हैं.
हरियाणा प्रदूषण विभाग के अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि पिछली साल की तुलना में इस बार काफी कम पटाखे चले हैं लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर 300 पार हो गया जो कि खतरनाक है. अधिकतर प्रदूषण पटाखों की वजह से. इससे दमा के मरीजों को सांस लेने में बहुत परेशानी रही है.