यमुनानगर: विजिलेंस की टीम ने नगर निगम के अधिकारी को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. विजिलेंस की टीम ने निगम अधिकारी ने दोस्त को भी गिरफ्तार किया है. विजिलेंस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. जबकि उसके दोस्त को करनाल जेल भेज दिया गया है.
रिश्वत भी कोई छोटी नहीं बल्कि लाखों रुपयों में ले रहे हैं. ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है यमुनानगर से जहां निगम के चीफ सेनेटरी ऑफिसर को विजिलेंस की टीम ने दो लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. विजिलेंस ने अधिकारी के दोस्त को भी गिरफ्तार किया है.
दो लाख रुपये की रिश्वत लेते निगम अधिकारी गिरफ्तार
आरोप है कि निगम में सफाई का ठेका जिंदल कुमार लेना चाहता था, लेकिन इस काम के लिए निगम अधिकारी ने उससे 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. 1 लाख तो जिंदल ने दे भी दिए थे, लेकिन अधिकारी उस पर 2 लाख और देने का दबाव बना रहा था. जिसके चलते ठेकेदार ने विजिलेंस को इसकी शिकायत दी. विजिलेंस ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को सरकारी गाड़ी में 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया.
मुझे फंसाया जा रहा है-आरोपी
जब आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया तो आरोपी का कहना है कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है. वहीं शिकायतकर्ता ने बताया कि खुद अनिल नैन ने उन्हें कहा था कि उनके कागजात बिल्कुल सही हैं, लेकिन बिना रिश्वत के उनके कागजातों पर ऑब्जेक्शन लगा दिया जाएगा और उनका टेंडर पास नहीं किया जाएगा.
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वहीं विजिलेंस अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि नगर निगम अधिकारी किसी काम के लिए रिश्वत मांग रहा है. जिसके चलते उन्होंने रंग के हाथ नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. बात करें तो अक्सर ऐसे ही कई अधिकारियों के चेहरे सामने आते रहते हैं जो बिना रिश्वत के काम नहीं करते और दूसरी तरफ हरियाणा सरकार दावा करती है कि वे प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त कर चुके हैं.