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यमुनानगर के सरावां गांव में बिना NOC बन रहा बूचड़खाना, गांव वालों ने किया विरोध

यमुनानगर के सरावां गांव में बूचड़खाने (Slaughter house in yamunanagar) को लेकर विरोध शुरू हो गया है. इस संबंध में ग्रामीणों ने साढ़ौरा पुलिस से मिलकर शिकायत की है. वहीं प्रदूषण विभाग का कहना है कि इस मामले में अभी तक एनओसी के लिए कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.

Slaughter house in yamunanagar
Slaughter house in yamunanagar
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Published : May 30, 2022, 3:35 PM IST

यमुनानगर: कांजनू गांव में विरोध के बाद अब सरावां गांव में बन रहे बूचड़खाने (Slaughter house in yamunanagar) का भी गांव वालों ने विरोध शुरू कर दिया है. ये बूचड़खाना सायरा फूड्स नामक कंपनी बना रही है. बूचड़खाने की भनक लगते ही ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और मौके पर जाकर काम रुकवा दिया. ग्रामीणों ने साढौरा पुलिस थाने का भी घेराव किया. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग को देकर कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए यमुनानगर में एक बार फिर बूचड़खाने को लेकर माहौल गरमा गया है.

पूरा मामला क्या है- कुछ महीने पहले रादौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले कांजनू गांव में सायरा फूड्स नामक कंपनी फैक्ट्री लगाने जा रही थी. ग्रामीणों के विरोध के बाद वहां काम रुक गया. कंपनी मालिक ने उस जग की NOC (no objection certificate) भी प्रदूषण विभाग को सरेंडर कर दिया था. इसके बाद मामला कुछ महीनों तक शांत रहा लेकिन फिर कंपनी मालिक ने साढौरा के सरावां गांव में जमीन खरीदी और वहां काम शुरू कर दिया. इसके बारे में जब गांव के लोगों को पता चला तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया. गांव वालों ने बताया कि जहां ये बूचड़खाना लगने जा रहा है उसके पास आबादी क्षेत्र है. बूचड़खाना लगने से क्षेत्र में भयंकर बीमारियां और बदबू फैलने का खतरा है.

यमुनानगर के सरावां गांव में बिना NOC बन रहा बूचड़खाना, गांव वालों ने किया विरोध

ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी मालिक ने गांव के कुछ लोगों को बहला-फुसलाकर चाऊमीन और बर्गर का काम करने की बात कह कर दस्तखत करवा लिए और काम शुरू करवा दिया. लेकिन जब ग्रामीणों को पता चला कि यहां बूचड़खाना लगने जा रहा है तो उन्होंने मौके पर पहुंच कर विरोध जताया. जिसके बाद साढ़ौरा पुलिस थाने में फैसला हुआ कि ना तो ग्रामीण विरोध जताएंगे और ना ही फैक्ट्री मालिक वहां किसी तरह का निर्माण करेगा. ग्रामीणों का कहना है कि थाने में फैसला होने के बाद रात को ही फैक्ट्री मालिक ने फिर से काम शुरू कर दिया. जिसके बाद उन्होंने खुद मौके पर आकर इसका विरोध किया और काम रुकवाया. गांव वालों का कहना है कि वो किसी भी सूरत में यहां पर बूचड़खाना नहीं लगने देंगे.

सरावां गांव साढौरा में कंपनी को नए निर्माण के लिए अभी तक कोई एनओसी जारी नहीं की गई है. ना ही इस संबंध में कोई आवेदन आया है. यदि बिना इजाजत के वहां कोई कंपनी लगाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. नरेश, SDO, प्रदूषण विभाग

जब इस पूरे मामले पर फैक्ट्री प्रबंधन और संचालक से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ बोलने से इनकार कर दिया. साढ़ौरा पुलिस थाने के इंचार्ज से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उनका कहना था कि उनके पास कोई शिकायत ही नहीं है. हालांकि कैमरे पर आने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया.

यमुनानगर: कांजनू गांव में विरोध के बाद अब सरावां गांव में बन रहे बूचड़खाने (Slaughter house in yamunanagar) का भी गांव वालों ने विरोध शुरू कर दिया है. ये बूचड़खाना सायरा फूड्स नामक कंपनी बना रही है. बूचड़खाने की भनक लगते ही ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और मौके पर जाकर काम रुकवा दिया. ग्रामीणों ने साढौरा पुलिस थाने का भी घेराव किया. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग को देकर कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए यमुनानगर में एक बार फिर बूचड़खाने को लेकर माहौल गरमा गया है.

पूरा मामला क्या है- कुछ महीने पहले रादौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले कांजनू गांव में सायरा फूड्स नामक कंपनी फैक्ट्री लगाने जा रही थी. ग्रामीणों के विरोध के बाद वहां काम रुक गया. कंपनी मालिक ने उस जग की NOC (no objection certificate) भी प्रदूषण विभाग को सरेंडर कर दिया था. इसके बाद मामला कुछ महीनों तक शांत रहा लेकिन फिर कंपनी मालिक ने साढौरा के सरावां गांव में जमीन खरीदी और वहां काम शुरू कर दिया. इसके बारे में जब गांव के लोगों को पता चला तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया. गांव वालों ने बताया कि जहां ये बूचड़खाना लगने जा रहा है उसके पास आबादी क्षेत्र है. बूचड़खाना लगने से क्षेत्र में भयंकर बीमारियां और बदबू फैलने का खतरा है.

यमुनानगर के सरावां गांव में बिना NOC बन रहा बूचड़खाना, गांव वालों ने किया विरोध

ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी मालिक ने गांव के कुछ लोगों को बहला-फुसलाकर चाऊमीन और बर्गर का काम करने की बात कह कर दस्तखत करवा लिए और काम शुरू करवा दिया. लेकिन जब ग्रामीणों को पता चला कि यहां बूचड़खाना लगने जा रहा है तो उन्होंने मौके पर पहुंच कर विरोध जताया. जिसके बाद साढ़ौरा पुलिस थाने में फैसला हुआ कि ना तो ग्रामीण विरोध जताएंगे और ना ही फैक्ट्री मालिक वहां किसी तरह का निर्माण करेगा. ग्रामीणों का कहना है कि थाने में फैसला होने के बाद रात को ही फैक्ट्री मालिक ने फिर से काम शुरू कर दिया. जिसके बाद उन्होंने खुद मौके पर आकर इसका विरोध किया और काम रुकवाया. गांव वालों का कहना है कि वो किसी भी सूरत में यहां पर बूचड़खाना नहीं लगने देंगे.

सरावां गांव साढौरा में कंपनी को नए निर्माण के लिए अभी तक कोई एनओसी जारी नहीं की गई है. ना ही इस संबंध में कोई आवेदन आया है. यदि बिना इजाजत के वहां कोई कंपनी लगाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. नरेश, SDO, प्रदूषण विभाग

जब इस पूरे मामले पर फैक्ट्री प्रबंधन और संचालक से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ बोलने से इनकार कर दिया. साढ़ौरा पुलिस थाने के इंचार्ज से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उनका कहना था कि उनके पास कोई शिकायत ही नहीं है. हालांकि कैमरे पर आने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया.

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