यमुनानगर: हरियाणा भारत में तेजी से विकसित होता राज्य है. वैसे तो हरियाणा को देवों की भूमि कहा जाता है, लेकिन पर्यटन की दृष्टी से भी ये काफी समृद्ध राज्य है. यहां पर देखने के लिए कई मनोहक नजारे और स्थान हैं. इन्हीं नजारों का लुत्फ उठाने के लिए विदेशी मेहमान (siberian bird in haryana) यहां आए हैं. विदेश से आए ये महमान हरियाणा की सर्दी का लुत्फ उठा रहे हैं. दरअसल हथिनी कुंड बैराज पर इन दिनों साइबेरियन पक्षियों ने डेरा डाल लिया है.
साइबेरिया में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. जिसकी वजह से वहां के पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा कर हर साल यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज (yamunanagar hathini kund barrage) पर पहुंचते हैं. सर्दियों का मौसम इनके लिए अनुकूल माना जाता है. इन पक्षियों को देखने के लिए दर्शक भी यहां दूर दराज से पहुंच रहे हैं. हर साल जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है. इन पक्षियों की संख्या में भी इजाफा होता है. साइबेरिया में इन दिनों तापमान 40 डिग्री से भी ऊपर चला जाता है.
जिसके चलते सालों से ये पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा कर हथिनी कुंड बैराज पर पहुंचते हैं. कुंड पर बैठे इन प्रवासी पक्षियों की आवाज भी दूर-दूर तक सुनाई देती है. पानी में इनकी कलाबाजियां ऐसी लगती हैं. जैसे कोई जलपरी डुबकी लगा रही हों. सर्दी के मौसम में यहां साइबेरियन मुरगाबी, पिंन टेल डक, सपोर्ट बिल, हेडेड गूज और कूट प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है. करीब 4 महीने तक ये प्रवासी मेहमान यहां रहेंगे. हैरत की बात ये है कि वाइल्ड लाइफ की तरफ से यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता.
साइबेरियन पक्षियों के बारे में जानें: साइबेरियन पक्षी पश्चिमी एवं पूर्वी रूस के आर्कटिक टुंड्रा में मिलते हैं. पूर्वी आबादी सर्दियों के दौरान चीन, जबकि पश्चिमी आबादी सर्दियों में ईरान, भारत और नेपाल के प्रवास पर चली जाती है. साइबेरिया से साइबेरियन क्रेन जैसे पक्षी सर्दियों के महीनों में भारत आते हैं, क्योंकि वो ठंडे खून वाले होते हैं और अपने देश की अत्यधिक सर्दी या फिर अत्यधिक गर्मी में जीवित नहीं रह सकते. भारत में आने वाले पक्षियों में साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, रफ, ब्लैक विंग्ट स्टिल्ट, कॉमन टील, कॉमन ग्रीनशैंक, नॉर्दर्न पिनटेल, रोजी पेलिकन, गडवाल, वूड सैंडपाइपर, स्पॉटेड सैंडपाइपर, यूरेसियन विजन, ब्लैक टेल्ड गॉडविट, स्पॉटेड रेडशैंक, स्टार्लिग, ब्लूथ्रोट, लांग बिल्ड पिपिट इत्यादि प्रमुख हैं.