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जमीन के मालिकाना हक का मामला: यमुनानगर के बिचपड़ी गांव में टूटी सड़क से लोग परेशान

बरसात के मौसम में जहां शहरी क्षेत्रों में सड़कों का बुरा हाल है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब है. यमुनानगर के बिचपड़ी गांव की सड़क का (Road broken in Yamunanagar) भी यही हाल है.

यमुनानगर के बिचपड़ी गांव की टूटी पड़ी सड़क
यमुनानगर के बिचपड़ी गांव की टूटी पड़ी सड़क
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Published : Jul 13, 2022, 11:03 PM IST

यमुनानगर: बिचपड़ी गांव की सड़क इन दिनों ग्रामीणों के जी का जंजाल (Road broken in Yamunanagar) बनी हुई है. बरसात के मौसम में सड़क से गुजरना लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. गांव के एक व्यक्ति ने जमीन के मालिकाना हक को लेकर मुकदमा कर रखा है. इसी कारण से सड़क का काम सालों से रूका पड़ा है और लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है. ग्रामीणों को कहीं भी आना जाना हो तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. मामला कोर्ट में होने के कारण प्रशासन भी सड़क का निर्माण नहीं करवा सकता है. लोगों को मजबूरी में इस रास्ते से होकर गजरना पड़ता है.

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से सबसे बड़ी परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है. बरसात के मौसम में तो ये परेशानी और बढ़ जाती है. ग्रामीणों का कहना है की सड़क के न होने से गांव में रिश्तेदारों ने भी आना जाना छोड़ दिया है. ग्रामीण कई बार सड़क निर्माण को लेकर सरकार और प्रशासन से मांग कर चुके हैं लेकिन मामला कोर्ट में होने के कारण सड़क निर्माण करने में बाधा आ रही है. कुछ साल पहले गांव के ही एक व्यक्ति ने सड़क पर पत्थर डलवाया था जिसके बाद चलने लायक रास्ता बना था.

बरसात के मौसम में जहां शहरी क्षेत्रों में सड़कों का बुरा हाल है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब

कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Kanwarpal Gujjar on road construction) का कहना है की सरकार ने प्रदेश की 100 से अधिक सड़कों के निर्माण को लेकर हरी झंडी दी है. इन सड़कों में 11 सड़के जिले की भी हैं जिनका निर्माण करवाया जाएगा. इन सड़कों में रायपुर-डबौली सहित कई सड़कें शामिल हैं. कैबिनेट मंत्री का कहना है की जिले की सभी सड़कों के निर्माण का काम बरसात का मौसम समाप्त होते ही शुरू हो जाएगा.बरसात का मौसम अभी शुरू हुआ है और ऐसे में लोगों को डेढ- दो महीना टूटी हुई सड़कों से गुजरना पड़ेगा.

यमुनानगर: बिचपड़ी गांव की सड़क इन दिनों ग्रामीणों के जी का जंजाल (Road broken in Yamunanagar) बनी हुई है. बरसात के मौसम में सड़क से गुजरना लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. गांव के एक व्यक्ति ने जमीन के मालिकाना हक को लेकर मुकदमा कर रखा है. इसी कारण से सड़क का काम सालों से रूका पड़ा है और लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है. ग्रामीणों को कहीं भी आना जाना हो तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. मामला कोर्ट में होने के कारण प्रशासन भी सड़क का निर्माण नहीं करवा सकता है. लोगों को मजबूरी में इस रास्ते से होकर गजरना पड़ता है.

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से सबसे बड़ी परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है. बरसात के मौसम में तो ये परेशानी और बढ़ जाती है. ग्रामीणों का कहना है की सड़क के न होने से गांव में रिश्तेदारों ने भी आना जाना छोड़ दिया है. ग्रामीण कई बार सड़क निर्माण को लेकर सरकार और प्रशासन से मांग कर चुके हैं लेकिन मामला कोर्ट में होने के कारण सड़क निर्माण करने में बाधा आ रही है. कुछ साल पहले गांव के ही एक व्यक्ति ने सड़क पर पत्थर डलवाया था जिसके बाद चलने लायक रास्ता बना था.

बरसात के मौसम में जहां शहरी क्षेत्रों में सड़कों का बुरा हाल है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब

कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Kanwarpal Gujjar on road construction) का कहना है की सरकार ने प्रदेश की 100 से अधिक सड़कों के निर्माण को लेकर हरी झंडी दी है. इन सड़कों में 11 सड़के जिले की भी हैं जिनका निर्माण करवाया जाएगा. इन सड़कों में रायपुर-डबौली सहित कई सड़कें शामिल हैं. कैबिनेट मंत्री का कहना है की जिले की सभी सड़कों के निर्माण का काम बरसात का मौसम समाप्त होते ही शुरू हो जाएगा.बरसात का मौसम अभी शुरू हुआ है और ऐसे में लोगों को डेढ- दो महीना टूटी हुई सड़कों से गुजरना पड़ेगा.

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