यमुनानगर: गर्मियां शुरू होते ही यमुनानगर के जंगल दहकने लगते हैं. वन विभाग चाहे कितने भी दावे क्यों ना करे, लेकिन सच्चाई यही है कि बीते कुछ सालों से कलेसर रेंज में भयंकर आग देखने को मिल रही है. साढ़ोरा से लेकर कलेसर गांव तक, कई हजार एकड़ में फैले इस जंगल में कुछ सालों से गर्मियों में लगातार आग लग रही है. हाल ही में यहां आरईयावाला, खिजरी और साढ़ोरा में भी आग लग चुकी है. यमुनानगर के ये जंगल क्यों गर्मियां आते ही जलने लगते हैं? ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने जिला वन अधिकारी सूरजभान से बात की.
जिला वन अधिकारी सूरजभान ने कहा कि ज्यादातर आग हिमाचल की तरफ से लगती है, जिसे बुझाने की कोशिश की जाती है. कई बार लोग बीड़ी पीकर जंगल में फेंक देते हैं. जिस वजह से जंगल आग की लपटों से घिर जाता है.
'चप्पे-चप्पे में कर्मचारी तैनात करना मुश्किल'
जिला वन अधिकारी ने आगे कहा कि कई बार मवेशी भी सूखी घास पर आग लगा देते हैं. अब जंगल इतना बड़ा है कि चप्पे-चप्पे पर कर्मचारियों को तैनात नहीं किया जा सकता है. जिस वजह से आग लग जाती है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने विभाग की तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही आग लगने का खतरा बढ़ जाता है, इसके लिए वन रक्षक तो तैनात हैं ही इसके साथ ही कुछ रखवालों की भी ड्यूटी लगाई गई है.
ये है आग से निपटने की तैयारी
उन्होंने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए फायर लाइन बनाई गई है, जिससे आग लगाकर आग पर काबू पाने का काम किया जाता है. हालांकि आग लगने से जंगली जानवर डर कर दूर भाग जाते हैं, लेकिन जो जानवर इसकी चपेट में आ जाते हैं, उनकी मृत्यु हो जाती है. उन्होंने बताया कि दमकल विभाग भी इन दिनों उनकी मदद के लिए तैयार रहता है. प्रतापनगर में दमकल विभाग की एक गाड़ी तैनात रहती है.
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जब इस बारे में फायर ऑफिसर प्रमोद दुग्गल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि जंगल में दमकल की गाड़ियों का पहुंचना संभव नहीं हो पाता. हालांकि जंगल के आसपास जो गांव हैं, अगर आग वहां तक पहुंचती है तो दमकल विभाग वन विभाग के साथ आग पर काबू पाता है. उन्होंने बताया कि वन विभाग अपने तौर पर भी आग से बचाव के लिए काफी तैयारियां करके रखता है.
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ग्रामीणों ने बताया कि अक्सर चरवाहे बरसात के समय हरी घास के लिए सूखी घास को आग लगा देते हैं और उन्हें ये जानकारी नहीं होती कि इससे वनस्पति को कितना नुकसान होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि वन विभाग अक्सर यहां पर गश्त करता रहता है, लेकिन इसके बावजूद भी कई बार शरारती तत्व जंगल में सूखी पत्तियों को आग लगा देते हैं, जिससे कई एकड़ में आग फैल जाती है.
बड़े हादसे का इंतजार क्यों?
कलेसर रेंज हरियाणा के सबसे बड़े जंगल क्षेत्रों में से एक है. जो एक तरफ उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क. दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जंगलों और तीसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के जंगलों से लगता है. यहां लगने वाली आग चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि ये जंगल हिरन, हाथी, तेंदुएं और कई विलुप्त होती प्रजाति के जानवरों का घर भी है. ऐसे में आग लगने पर इन जानवरों के मरने का खतरा भी है. हालांकि अभी तक कलेसर रेंज में लगी आग से वन विभाग और जानवरों को ज्यादा नुकसान होने की खबर नहीं है.