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आंदोलनकारी किसानों को केंद्रीय मंत्री ने बताया बहरूपिए, कहा- इन्हें शर्म से डूब मरना चाहिए

अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय राज्य जल शक्ति मंत्री रतनलाल कटारिया एक बार फिर आंदोलनकारी किसानों पर बरसे हैं. केंद्रीय मंत्री ने उन्हें किसानों के रूप में बहरूपिया करार दिया है

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आंदोलनकारी किसानों को केंद्रीय मंत्री ने बताया बहरूपिए, कहा- इन्हें शर्म से डूब मरना चाहिए
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Published : May 22, 2021, 9:50 PM IST

यमुनानगर: दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने बड़ा बयान दिया है. कटारिया की मानें तो जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, वो असल में किसान नहीं बल्कि बहरूपिए हैं. इन बेहरूपियों को तो डूब कर मर जाना चाहिए.

केंद्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि ये लोग किसानों के रूप में बहरूपिएं हैं. असली किसानों का इनसे कोई लेना देना नहीं है. असली किसान बेचारा अपनी खेती बाड़ी में व्यस्त है और एमएसपी पर अपनी फसलें दे रहा है. पंजाब का किसान भी डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम से इतना खुश है और सीधा उसकी जेब में पैसे जा रहे हैं.

आंदोलनकारी किसानों को केंद्रीय मंत्री ने बताया बहरूपिए

...इन्हें डूब कर मर जाना चाहिए

कटारिया ने सीएम मनोहर लाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि सीएम मनोहर लाल कोरोना काल में ऑक्सिजन प्लांट, कोविड अस्पताल बनाने में दिन-रात लगे हुए हैं और ये जो तथाकथित किसान हैं, जो हमारे मुख्यमंत्री के खून के प्यासे बने हुए हैं. जहां पर भी कोई रचनात्मक काम करने के लिए सीएम जाते हैं वहां ये लोग तख्तियां लेकर खड़े हो जाते हैं. इनको शर्म से डूब मरना चाहिए.

ये भी पढ़िए: हरियाणा के इस जिले में किसानों ने लगवाई कोरोना वैक्सीन, बोले- हमारी लड़ाई सरकार से, प्रशासन को देंगे सहयोग

केंद्रीय राज्य जल शक्ति मंत्री ने नदियों में बह रहे शवों पर कहा कि मैंने अधिकारियों की मीटिंग बुलाकर सारी चीजों की समीक्षा की और शुरू में जो हमारे पास रिपोर्ट आई कि रात के 12 से 2 बजे के बीच में बलिया के पास एक पुल है. वहां से यमुना में लाशें डाली जा रही है. ऐसा करना गलत है और नमामि गंगे प्रोजेक्ट के खिलाफ है. हमने सभी राज्य सरकारों को इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है.

यमुनानगर: दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने बड़ा बयान दिया है. कटारिया की मानें तो जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, वो असल में किसान नहीं बल्कि बहरूपिए हैं. इन बेहरूपियों को तो डूब कर मर जाना चाहिए.

केंद्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि ये लोग किसानों के रूप में बहरूपिएं हैं. असली किसानों का इनसे कोई लेना देना नहीं है. असली किसान बेचारा अपनी खेती बाड़ी में व्यस्त है और एमएसपी पर अपनी फसलें दे रहा है. पंजाब का किसान भी डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम से इतना खुश है और सीधा उसकी जेब में पैसे जा रहे हैं.

आंदोलनकारी किसानों को केंद्रीय मंत्री ने बताया बहरूपिए

...इन्हें डूब कर मर जाना चाहिए

कटारिया ने सीएम मनोहर लाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि सीएम मनोहर लाल कोरोना काल में ऑक्सिजन प्लांट, कोविड अस्पताल बनाने में दिन-रात लगे हुए हैं और ये जो तथाकथित किसान हैं, जो हमारे मुख्यमंत्री के खून के प्यासे बने हुए हैं. जहां पर भी कोई रचनात्मक काम करने के लिए सीएम जाते हैं वहां ये लोग तख्तियां लेकर खड़े हो जाते हैं. इनको शर्म से डूब मरना चाहिए.

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केंद्रीय राज्य जल शक्ति मंत्री ने नदियों में बह रहे शवों पर कहा कि मैंने अधिकारियों की मीटिंग बुलाकर सारी चीजों की समीक्षा की और शुरू में जो हमारे पास रिपोर्ट आई कि रात के 12 से 2 बजे के बीच में बलिया के पास एक पुल है. वहां से यमुना में लाशें डाली जा रही है. ऐसा करना गलत है और नमामि गंगे प्रोजेक्ट के खिलाफ है. हमने सभी राज्य सरकारों को इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है.

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