यमुनानगर: इन दिनों त्योहारी सीजन चल रहा है. जहां कोरोना के चलते दिवाली पर भी सरकार ने गाइडलाइंस जारी की थी कि बाजारों में भीड़ ना करें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और पटाखों पर रोक लगाई गई थी. तो वहीं अब दिवाली से 6 दिन बाद छठ महापर्व आ रहा है.
छठ महापर्व के चलते सरकार ने गाइडलाइन जारी की है. सरकार ने इस बार छठ महापर्व पर लगने वाले मेले को रद्द कर दिया गया है. तो वहीं प्रशासन ने पश्चिमी यमुना किनारे साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया है.
कोरोना की वजह से इस बार त्योहार हर साल की तरह उतने धूमधाम से तो नहीं मनाए जा रहे, लेकिन धार्मिक आस्थाओं को ठेस ना पहुंचे इसके लिए भी प्रशासन और सरकार सजग है. दिवाली से ठीक 6 दिन बाद होने वाले छठ पर्व के लिए सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है, कि पूजा के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और सभी लोग मास्क का प्रयोग करें. वहीं छठ पर्व पर लगने वाले मेले भी इस बार रद्द कर दिए गए हैं.
गौरतलब है कि यमुनानगर में बिहार और यूपी के लोगों की बहुत ज्यादा तादाद है और बिहार और यूपी में ही छठ पर्व सबसे ज्यादा मनाया जाता है. जिसके चलते यमुनानगर नगर निगम और इरीगेशन डिपार्टमेंट ने पश्चिम यमुना के किनारों पर साफ सफाई का काम शुरू कर दिया है.
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पूर्वांचल सभा के जिला अध्यक्ष पवन यादव ने बताया कि परिवार की सुख और समृद्धि के लिए ये पर्व मनाया जाता है और इस दिन परिवार की महिलाएं व्रत रखती हैं. ये पर्व तीन दिन तक मनाया जाता है . उन्होंने कहा कि सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की हैं. वे उनका पालन करते हुए इस पर्व को मनाएंगे.
पौराणिक महत्व है छठ महापर्व का
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम ने जब रावण वध किया था. तब भगवान सूर्य से आशीर्वाद प्राप्त किया था. और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान भास्कर की आराधना की जाती है. इसमें स्वच्छता और शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है.