यमुनानगर: प्रदेशभर में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले के तार अब यमुनानगर से भी जुड़ गए हैं. पंचकूला विजिलेंस की टीम ने यमुनानगर में 41 एससीबीसी वर्ग की लड़कियों को सिलाई सिखा कर यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर छात्रवृत्ति के नाम पर 25 लाख के घोटाले में मोहाली की रहने वाली मां-बेटी को गिरफ्तार किया है.
विजिलेंस की टीम इन दोनों को गिरफ्तार कर 2 दिन की रिमांड पर अपने साथ ले गई है. टीम इन घोटालों में इस्तेमाल हुए कंप्यूटर, कैश और अन्य सामान को कवर करेगी और इन घोटालों में शामिल अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार करेगी.
पंचकूला विजिलेंस की टीम ने यहां छापेमारी की और चोपड़ा गार्डन निवासी गुरदेव कौर और उनकी बेटी कृतिका को गिरफ्तार किया है. दोनों को सीजीएम अनुदीप कौर की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनका 2 दिन का रिमांड मिला है. जिला सहायक न्यायवादी अरुण दुग्गल ने बताया कि डीएसपी विजिलेंस की टीम दोनों आरोपियों को यहां पर लेकर आई थी.
मोहाली की रहने वाली है महिला
रिमांड के दौरान उन आरोपियों से कंप्यूटर गाजियाबाद, रोहतक से भी कुछ रिकवरी करनी है. उन्होंने बताया कि यह मां-बेटी एक एनजीओ चलाती हैं और मूल रूप से पंजाब के मोहाली की रहने वाली हैं. इन्होंने राजस्थान के चुरू की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से सांठगांठ कर 41 छात्रों को एडमिशन दिखाएं और उनके 25 लाख रुपए हड़प लिए.
जांच में यह भी सामने आया है कि उन्होंने जिन छात्रों के आधार नंबर और दस्तावेज दिए थे. उन्हें कोई पैसा नहीं मिला है, मां-बेटी ने इन छात्रों के दस्तावेज वहां जमा कराएं, लेकिन मोबाइल नंबर अपना दिया इसके जरिए ही यह घोटाला हुआ, अब दोनों मां-बेटी को विजिलेंस की टीम अपने साथ लेकर गई है. इसमें कुछ और लोगों के बीच नाम सामने आ रहे हैं.
सरकारी छात्रवृति निकलवाकर करते थे घपला
आपको बता दें, केंद्र सरकार ने 1981 में छात्रवृत्ति योजना शुरू की थी 2015 तक इस योजना के लिए आवेदन ऑफलाइन किए जाते थे. इस दौरान ही साल 2013-14 में एससी-बीसी वर्ग के छात्रों का दाखिला और स्कॉलरशिप सरकार से हासिल कर घपला किया गया. सन 2015 में राज्य सरकार को शिकायत की गई थी 2016 में जब छात्रवृत्ति योजना ऑनलाइन की गई तो जांच के दौरान पाया गया.
आधार नंबर से हुई छेड़छाड़
इस योजना के तहत पात्रों के आधार नंबर से छेड़छाड़ कर छात्रवृत्ति ट्रांसफर कराई गई. छात्रों से आधार कार्ड 12वीं का प्रमाण पत्र और बैंक के डाक्यूमेंट्स के जरिए यूनिवर्सिटी में मैं फर्जी दाखिले दिखाकर बैंक में खाता खुलवा दिया गया. एससी वर्ग के इन छात्रों की स्कॉलरशिप सीधा बैंक में आने लगी और बाद में शपथ पत्र बैंक को देकर कहा गया कि स्कॉलरशिप का यह पैसा यूनिवर्सिटी के खाते में जमा कर दिया जाए.
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विजिलेंस को दी गई जांच
इस शिकायत पर सरकार ने इसकी जांच विजिलेंस को दे दी इस तरह से इस घोटाले में यूनिवर्सिटी के भी कई कर्मचारी शामिल मिले. सरकार की तरफ से आमजन की भलाई के लिए कई तरह की स्कीमें चलाई जाती हैं लेकिन ज्यादातर वह भ्रष्टाचार की भेंट ही चढ़ जाती हैं.