यमुनानगर: अयोध्या में राम मंदिर बनेगा. देश की सबसे बड़ी अदालत ने एतिहासिक फैसला लेते हुए अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है, जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यमुनानगर में शांतिपूर्ण स्थिति बने रहे, इसके लिए प्रशासन की ओर से पीस कमेटी की बैठक की गई.
यमुनानगर में पीस कमेटी की बैठक
पीस कमेटी की बैठक में प्रशासन के अलावा समाज सेवी और सभी धर्म के गुरु भी मौजूद रहे. बैठक में जिला प्रशासन ने सभी से यही अपील की और कहा कि इस पीस कमेटी का मकसद यही है कि सभी सौहार्द पूर्ण माहौल बनाकर रखे. मीटिंग में कहा गया कि अगर कोई शरारती तत्व किसी भी तरह की शरारत करने की कोशिश करता है तो उसे रोककर उसे समझाने की कोशिश की जाए.
धर्म गुरुओं और समाजसेवियों ने लिया हिस्सा
इस बैठक में जिला प्रशासन ने सभी धर्म गुरुओं और लोगों को अधिकारियों के नंबर दिए और जरूरत होने पर तुरंत फोन करने की अपील की. बैठक में आए सभी प्रतिनिधियों और समाज सेवियों ने भी अपने विचार रखे और सभी ने एक स्वर में कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करते हैं.
सभी ने की अमन-चैन की कामना
बैठक में आए मुस्लिम गुरु हाफिज हुसैन अहमद पीर ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और वो बाकी लोगों से भी यही अपील करते हैं कि कोर्ट के फैसले का मानते हुए देश में अमन चैन कायम रखें.
'सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर, सभी लोग देश में अमन-चैन और भाईचारा बनाए रखें'
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- कोर्ट ने राम जन्मभूमि न्यास को विवादित जमीन देते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाए.
- फैसले में मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जगह देने का आदेश दिया है.
- निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भीतरी और बाहरी चबूतरा हिंदू पक्ष को दिया जाए. तीन महीने में सरकार योजना बनाए. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार मंदिर, मस्जिद निर्माण की निगरानी करेंगे. रामलला न्यायिक संपत्ति है ना कि राम जन्मभूमि.