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कैसे अनोखी मुहिम से महिलाओं के लिए मसीहा बनी डॉक्टर पायल रावत, जानें - पैड वुमेन डॉक्टर पायल रावत

डॉ. पायल रावत की पैड वुमैन के रूप में जानी जाती हैं. अपनी अनोखी मुहिम से वो महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन रही हैं. महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर पायल उन्हें मुफ्त सेनेटरी नैपकिन मुहैया करवा रही हैं.

pad women doctor payal in yamunanagar
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Published : Dec 28, 2019, 8:52 AM IST

यमुनानगर: आपको बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन तो याद होगी. जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक बड़े कदम को दिखाया गया था. इस फिल्म में महिलाओं की सेनेटरी नैपकिन से जुड़ी समस्याओं को उठाया गया था. ऐसी ही राह पर चल पड़ी है यमुनानगर की डॉक्टर पायल रावत.

महिलाओं को फ्री सेनेटरी नैपकिन की सुविधा
एक चिकित्सक से अधिक उनकी पहचान पैड वुमेन या सेनेटरी डॉक्टर के रूप में होने लगी है. डॉक्टर पायल ने घाड़ क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को फ्री सेनेटरी नैपकिन बांटने का बीड़ा उठाया है जो कि ये अफोर्ड नहीं कर सकती. डॉक्टर पायल ने कई जगह सेनेटरी मशीनें लगाई हैं.

कैसे अनोखी मुहिम से महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही ये डॉक्टर

400 मशीनें लगाने का लक्ष्य
उनका कहना है कि वो अभी तक 11 लाख महिलाओं को इसके प्रति जागरुक कर चुकी हैं और उन्हें सेनेटरी नैपकिन भी उपलब्ध करा चुकी हैं. लेकिन उनका लक्ष्य ऐसी 1 करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का है. इसके लिए उन्होंने 400 मशीनें लगाने का लक्ष्य रखा है.

महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल
उन्होंने बताया कि जब महिलाओं के स्वास्थ्य का सर्वे करवाया गया तो पता चला कि महिलाओं में गर्भाशय कैंसर व इंफेक्शन गंदे सेनेटरी पैड के उपयोग से बढ़ रहा है. जब वजह सामने आई तो इसके लिए उन्होंने ये मुहिम चलाने का निर्णय लिया.

महिलाओं को मिल रहा रोजगार
डॉक्टर पायल का कहना है कि आज कल बड़ी-बड़ी कंपनियां जो सेनेटरी नैपकिन बना रही हैं. वह बहुत महंगे हैं और हर महिला उसे खरीद नहीं सकती. इसलिए वे अपनी संस्था के माध्यम से महिलाओं से ही यह सेनेटरी पैड बनवाती हैं. जिससे महिलाओं को रोजगार भी मिलता है.

ये भी पढ़ें: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से बचने के लिए कर्नाटक के मैसुरु जू में लिए जाते हैं 10 रुपये

यमुनानगर: आपको बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन तो याद होगी. जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक बड़े कदम को दिखाया गया था. इस फिल्म में महिलाओं की सेनेटरी नैपकिन से जुड़ी समस्याओं को उठाया गया था. ऐसी ही राह पर चल पड़ी है यमुनानगर की डॉक्टर पायल रावत.

महिलाओं को फ्री सेनेटरी नैपकिन की सुविधा
एक चिकित्सक से अधिक उनकी पहचान पैड वुमेन या सेनेटरी डॉक्टर के रूप में होने लगी है. डॉक्टर पायल ने घाड़ क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को फ्री सेनेटरी नैपकिन बांटने का बीड़ा उठाया है जो कि ये अफोर्ड नहीं कर सकती. डॉक्टर पायल ने कई जगह सेनेटरी मशीनें लगाई हैं.

कैसे अनोखी मुहिम से महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही ये डॉक्टर

400 मशीनें लगाने का लक्ष्य
उनका कहना है कि वो अभी तक 11 लाख महिलाओं को इसके प्रति जागरुक कर चुकी हैं और उन्हें सेनेटरी नैपकिन भी उपलब्ध करा चुकी हैं. लेकिन उनका लक्ष्य ऐसी 1 करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का है. इसके लिए उन्होंने 400 मशीनें लगाने का लक्ष्य रखा है.

महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल
उन्होंने बताया कि जब महिलाओं के स्वास्थ्य का सर्वे करवाया गया तो पता चला कि महिलाओं में गर्भाशय कैंसर व इंफेक्शन गंदे सेनेटरी पैड के उपयोग से बढ़ रहा है. जब वजह सामने आई तो इसके लिए उन्होंने ये मुहिम चलाने का निर्णय लिया.

महिलाओं को मिल रहा रोजगार
डॉक्टर पायल का कहना है कि आज कल बड़ी-बड़ी कंपनियां जो सेनेटरी नैपकिन बना रही हैं. वह बहुत महंगे हैं और हर महिला उसे खरीद नहीं सकती. इसलिए वे अपनी संस्था के माध्यम से महिलाओं से ही यह सेनेटरी पैड बनवाती हैं. जिससे महिलाओं को रोजगार भी मिलता है.

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Intro:एंकर यमुनानगर की महिलाओं के लिए मसीहा बनी डॉक्टर पायल रावत। जिन्होंने महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को समझा और उनके लिए एक मुहिम छेड़ी जिसमें वह महिलाओं को मुफ्त में सेनेटरी पैड उपलब्ध करवा रही हैं। इसके लिए वे घाड़ क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के साथ साथ स्कूलों और कॉलेजों ने सैनेटरी पैड की मशीनें लगाने का कार्य कर रही है।


Body:वीओ आपको बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन तो याद होगी जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक बड़े कदम को दिखाया गया था। इस फिल्म में महिलाओं की सैनिटरी नैपकिन से जुड़ी समस्याओं को उठाया गया था। इसी की तर्ज पर आज हम आपको मिलवाते हैं आपको यमुनानगर की पैड वूमेन, डॉक्टर पायल जो कि पेशे से एक डॉक्टर है , लेकिन उससे ज्यादा उनकी पहचान पैडवीमेन के रूप में होने लगी है क्योंकि उन्होंने घाड़ क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं जा फिर जो सेनेटरी नैपकिन अफोर्ड नहीं कर सकती उनको फ्री में नैपकिन बांटने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए सर्व जागरूकता संगठन के बैनर तले उन्होंने अपनी एक टीम का संगठन किया और महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जुड़े विषयों पर काम करने लगी।
इसके लिए उन्होंने कई जगह सेनेटरी पैड की मशीनें लगाई है। उनका कहना है अभी तक वह 11हजार महिलाओं को हाइजेनिक पैड के बारे में जागरूक कर चुकी हैं और उनको पैड उपलब्ध भी करा चुकी हैं। लेकिन उनका लक्ष्य ऐसी एक करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का है । इसके लिए उन्होंने 400 मशीनें लगाने का लक्ष्य रखा है, जहां पर महिलाओं का ज्यादा आना जाना रहता है।

वीओ डॉ पायल का कहना है कि उन्होंने जब महिलाओं के स्वास्थ्य का सर्वे करवाया तो पता चला कि महिलाओं में गर्भशय कैंसर व इन्फेक्शन गंदे सेनेटरी पैड के उपयोग से बढ़ रहे हैं। कारण सामने आने पर इसके लिए उन्होंने यह मुहिम चलाने का निर्णय लिया । उनका कहना है कि महिलाओं को गर्भषय के कैंसर से बचाने के लिए जागरूकता अभियान छेड़े हुए हैं। इसके साथ ही वह उनको निशुल्क सेनेटरी पैड भी मुहैया करवा रही हैं।

वीओ डॉक्टर पायल का कहना है कि आजकल बड़ी-बड़ी कंपनियां जो सेनेटरी नैपकिन बना रही हैं वह बहुत महंगे हैं और हर महिला उसे खरीद नहीं सकती है इसलिए वे अपनी संस्था के माद्यम से महिलाओं से ही यह सेनेटरी पैड बनाती हैं, जिससे महिलाओं को रोजगार भी मिलता है।

डॉ रावत ने बताया कि उन्होंने महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड उपलब्ध करवाने के लिए यमुनानगर के जीएनजी कॉलेज में पहली मशीन लगाई है । इसके साथ-साथ नगर निगम से बातचीत कर अठाई मशीनें लगाने के लिए स्थान भी तय हो गया है।

बाइट 1 to 1 dr. payel rawat


Conclusion:सरकार को ऐसे कार्य करने वाले लोगो को ओर प्रोत्साहित करना चाहिए।
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