यमुनानगर: रादौर में कोरोना के भय से 50 फीसदी पाठकों की संख्या घट गई है. कोरोना के डर से लोग अखबार नहीं खरीद रहे हैं. अफवाह उड़ाई जा रही है कि अखबार से भी कोरोना फैलता है जिस वजह से लोग अखबार लेने से डर रहे हैं. वहीं सरकार व डब्लूएचओ ने साफ किया है कि अखबार के छूने से कोरोना वायरस नहीं फैलता है.
कोरोना वायरस का असर प्रिंट मीडिया पर भी साफ देखने को मिल रहा है. अकेले रादौर में ही अखबार के पाठकों की संख्या में 50 फीसदी तक की कमी आई है. लोग इस डर से की अखबार के छूने से कोरोना वायरस की चपेट में आ जाएंगे, इसी के चलते उन्होंने अखबार खरीदना बन्द कर दिया है.
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रादौर के एक न्यूज़ पेपर एजेंट मनमोहन गुप्ता ने बताया कि जब से कोरोना वायरस की बीमारी का प्रकोप बढ़ा है, तब से अखबार के पाठकों में निरंतर कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि हॉकर्स द्वारा जैसे ही लोगों के घरों में अखबार डाला जाता है, वो झाड़ू से अखबार को घर से बाहर कर देते हैं. जिस कारण अब हॉकर्स ने भी अखबार डालने से मना कर दिया है.
हालांकि अखबार छूने से कोरोना फैलता है इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित सरकार ने इसे अफवाह करार दिया है. केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने भी ट्वीट कर लिखा कि अफवाहों पर विश्वास न करें. समाचार पत्र पढ़ने से कोरोना नहीं होता.
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