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रमजान के महीने में धर्म गुरुओं ने की घर में नमाज पढ़ने की अपील - यमुनानगर की खभर

रमजान के महीने में सिर्फ मस्जिदों में ही रौनक नहीं होती, बल्कि बाजार भी खरीदारों से गुलजार रहते हैं. ऐसे में इस बार लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से लोगों को बाजारों से भी दूर रहना होगा. ऐसे में साफ है कि दुनियाभर के मुसलमानों के लिए इस साल रमजान पहले जैसा नहीं रहने वाला है.

muslim religious guru appeal
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Published : Apr 24, 2020, 9:01 PM IST

यमुनानगर: कोरोना वायरस महामारी के बीच मुसलमानों का सबसे पवित्र रमजान का महीना शुरू हो गया है. अरब देशों में आज यानी 24 अप्रैल से रोजे की शुरूआत हो गई है, जबकि भारत में शाम से रमजान की शुरुआत होगी. कोरोना वायरस के खौफ के बीच शुरू हो रहे इस पाक महीने में मुसलमानों के लिए सब कुछ पहले जैसा नहीं रहने वाला.

दरअसल दुनियाभर के मुस्लिमों के लिए रमजान का महीना इबादतों भरा होता है. इस समय मस्जिद में नमाज पढ़ने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. अगर ऐसे में मस्जिदों में नमाज पढ़ी जाएगी तो कोरोना का खतरा बढ़ सकता है.

रमजान के महीने में धर्म गुरुओं ने की घर में नमाज पढ़ने की अपील

प्रशासन की लिए भी सोशल डिस्टेंस को बनाए रखना चुनौती भरा होता जा रहा है. कोरोना के खतरे रो रोकने के लिए तमाम देशों की सरकारों के अलावा मुस्लिम धर्म गुरू भी लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि रमजान के दौरान घर पर रह कर ही इबादत करें. इस बार में मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के मुस्लिम धर्म गुरू हाफिज हुसैन अहदम ने कहा कि...

अपने रब की रजा के लिए तमाम मुसलमान इस महीने में रोजा रखते हैं. नमाजों की पाबंदी पहले से ज्यादा होती है. साथ ही खास नमाज जिसे तरावीह कहते हैं, वो भी चांद देखने के साथ ही शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार ये सब थोड़ा अलग होगा. पहले के सालों की तरह इस बार मस्जिदें गुलजार नहीं हो सकेंगी. लोगों को घरों में रह कर हर तरह की इबादत करनी होगी.

मस्जिद में नमाज अदा करने की सूरत में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर सेकेंगे. इससे कोरोना फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. यही वजह है कि मुस्लिम धर्म गुरू भी लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि रमजान के दौरान घर पर रह कर ही इबादत करें.

यमुनानगर: कोरोना वायरस महामारी के बीच मुसलमानों का सबसे पवित्र रमजान का महीना शुरू हो गया है. अरब देशों में आज यानी 24 अप्रैल से रोजे की शुरूआत हो गई है, जबकि भारत में शाम से रमजान की शुरुआत होगी. कोरोना वायरस के खौफ के बीच शुरू हो रहे इस पाक महीने में मुसलमानों के लिए सब कुछ पहले जैसा नहीं रहने वाला.

दरअसल दुनियाभर के मुस्लिमों के लिए रमजान का महीना इबादतों भरा होता है. इस समय मस्जिद में नमाज पढ़ने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. अगर ऐसे में मस्जिदों में नमाज पढ़ी जाएगी तो कोरोना का खतरा बढ़ सकता है.

रमजान के महीने में धर्म गुरुओं ने की घर में नमाज पढ़ने की अपील

प्रशासन की लिए भी सोशल डिस्टेंस को बनाए रखना चुनौती भरा होता जा रहा है. कोरोना के खतरे रो रोकने के लिए तमाम देशों की सरकारों के अलावा मुस्लिम धर्म गुरू भी लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि रमजान के दौरान घर पर रह कर ही इबादत करें. इस बार में मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के मुस्लिम धर्म गुरू हाफिज हुसैन अहदम ने कहा कि...

अपने रब की रजा के लिए तमाम मुसलमान इस महीने में रोजा रखते हैं. नमाजों की पाबंदी पहले से ज्यादा होती है. साथ ही खास नमाज जिसे तरावीह कहते हैं, वो भी चांद देखने के साथ ही शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार ये सब थोड़ा अलग होगा. पहले के सालों की तरह इस बार मस्जिदें गुलजार नहीं हो सकेंगी. लोगों को घरों में रह कर हर तरह की इबादत करनी होगी.

मस्जिद में नमाज अदा करने की सूरत में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर सेकेंगे. इससे कोरोना फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. यही वजह है कि मुस्लिम धर्म गुरू भी लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि रमजान के दौरान घर पर रह कर ही इबादत करें.

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