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खनन माफियाओं ने बनाया व्हॉट्स ऐप नेटवर्क, हर रेड से पहले पहुंच जाती है जानकारी - खनन रेड

खनन माफियाओं ने रेड से बचने के लिए खुद का ही व्हॉट्स ऐप नेटवर्क ईजाद कर लिया. व्हॉट्स ऐप ग्रुप में मौजूद गुप्तचर खनन माफियाओं को रेड से पहले ही अधिकारियों को अगाह कर देते हैं. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ये सारा काम बडे़ ही प्रोफेशनल ढ़ग से किया जा है. मेंबर बनने के लिए फीस भी निर्धारित की गई है, विस्तार से पढ़ें पूरी खबर

mafias created own detective whats app network for illegal mining
खनन माफियाओं ने ईजाद किया व्हॉट्स ऐप नेटवर्क
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Published : Jan 2, 2020, 9:05 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 10:12 AM IST

रादौर: खनन माफियों के निजी गुप्तचर ऐसे हैं कि बड़ी-बड़ी इंटेलिजेंस एजेंसी हैरान हो जाएं. अधिकारी अपने कार्यालय से निकलते भी नहीं है कि उनके किस क्षेत्र में जाना है और कहा कार्रवाई होने वाली है इसकी सूचना खनन कारोबारियों तक पहुंच जाती है और अधिकारियों के खाली हाथ रह जाते हैं और ये सारा नेटवर्क चलता है व्हॉट्स ऐप के जरिए.

अधिकारियों की हर स्ट्रैटजी होती है ग्रुप में
यमुनानगर जिले में होने वाली अवैध माइनिंग और ओवर लोड ट्रकों के लिए व्हॉट्स ऐप के जरिए सूचना दी जा रही है. खनन से जुडे हुए लोगों ने इन दिनों ऐसे व्यक्तियों से संपर्क साध रखा है जो दिन रात इनके लिए काम करते हैं. ये लोग अधिकारियेां और कर्मचारियों की रेकी करते हैं. उनके पल-पल की सूचना ग्रुपों में शेयर करना यमुनानगर में ये मोबइल ग्रुप चलाने वाले लोग जिसे भी अपने संपर्क में जोड़ते हैं.

खनन माफियाओं ने ईजाद किया व्हॉट्स ऐप नेटवर्क, देखिए रिपोर्ट

कई खनन माफिया हैं इन ग्रुप्स में
कुछ ग्रुप हमारे हाथ भी लगे जिसमें अधिकारियों की रैकी करके उसके बारे में बताया गया था. मामला चौकाने वाला है, लेकिन यह मामला इन दिनों खनन विभाग, आरटीए विभाग और पुलिस के लिए सिर दर्द बन चुका है. खनन का काम करने वाले कारोबारियों ने इन ग्रुपों को चलाने वाले लोगों से बराबर संपर्क साधे हुए है ताकि कोई नुकसान होने से पहले ही उन तक सारी सूचनाए मिल जाए.

mafias created own detective whats app network for illegal mining
व्हॉट्स ऐप ग्रुप का स्क्रीनशॉट

हर रेड की जानकारी ग्रुप में होती है अपडेट
यहां तक की रात को भी जब अधिकारी किसी काम को अंजाम देने के लिए यमुना नदी तक पहुचते हैं तो उनके पहुंचने से पहले है जेसीबी के शोर एक दम से शांत हो जाता है. मशीनों को बंद कर दिया जाता है और अधिकारियों के हाथ अगर कुछ लगता है तो वह लकीर जिसे वह पीट भी नहीं सकते.

मेंबर बनने के लिए लगते हैं 2500 रुपये महीना
हम लोगों ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि ग्रुप को चलाने वाले ग्रुप में ऐड होने के लिए 2500 रुपये एडवासं में लेते हैं. जिस व्यक्ति का नंबर ग्रुप में होता है उसकी हर जिम्मेदारी ग्रुप लीडर की होती है. ऐसे में ये लोग बेखौफ दिन रात इस गौरखधंधे को अंजाम देने में लगे हुए है, लेकिन अधिकारी इस मामले में चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते, हालांकि यमुनानगर के आरटीए विभाग ने कुछ समय पहले ही ऐसे कुछ लोगो को पकडा भी था.

यह धंधा यमुनानगर के खिजराबाद से लेकर रादौर सीमा तक धडल्ले से चल रहा है, लेकिन बेबस अधिकारी अब कुछ कर तो नहीं पाते लेकिन एक दूसरे पर पल्ला जरूर झाड रहे हैं. एसडीएम रादौर ने इस मामले में दूसरे पर पल्ला झाड़ दिया, लेकिन जनाब यह भूल गए कि जठलाना और गुमथला में यह ग्रुप एडमिन सैकडों लोगों को ग्रुप में जोड कर अधिकारियों की दिन रात रैकी करते है.

ये भी पढ़ेंः- प्रदेश में सामने आया धान घोटाला, राइस मिल्स में स्टॉक की जांच में 35000 मीट्रिक टन धान की कमी

अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते जबकि इन इलाकों की सड़कें बताती है कि कितने धडल्ले से अवैध माइनिंग और ओवरलोड का इस इलाके में बोल बाला है. फिलहाल अधिकारी मीडिया की तरफ से दी गई जानकारी तो बताते है लेकिन इन अधिकारियों की तरफ से क्या कार्रवाई होने वाली है यह साफ-साफ नहीं बताते हैं. फिलहाल एसडीएम अब कार्रवाई की बात तो कह रहे हैं, लेकिन देखना यह होगा कि क्या अधिकरी इन पर नकेल कसने में कामयाब हो पाते है या नहीं.

रादौर: खनन माफियों के निजी गुप्तचर ऐसे हैं कि बड़ी-बड़ी इंटेलिजेंस एजेंसी हैरान हो जाएं. अधिकारी अपने कार्यालय से निकलते भी नहीं है कि उनके किस क्षेत्र में जाना है और कहा कार्रवाई होने वाली है इसकी सूचना खनन कारोबारियों तक पहुंच जाती है और अधिकारियों के खाली हाथ रह जाते हैं और ये सारा नेटवर्क चलता है व्हॉट्स ऐप के जरिए.

अधिकारियों की हर स्ट्रैटजी होती है ग्रुप में
यमुनानगर जिले में होने वाली अवैध माइनिंग और ओवर लोड ट्रकों के लिए व्हॉट्स ऐप के जरिए सूचना दी जा रही है. खनन से जुडे हुए लोगों ने इन दिनों ऐसे व्यक्तियों से संपर्क साध रखा है जो दिन रात इनके लिए काम करते हैं. ये लोग अधिकारियेां और कर्मचारियों की रेकी करते हैं. उनके पल-पल की सूचना ग्रुपों में शेयर करना यमुनानगर में ये मोबइल ग्रुप चलाने वाले लोग जिसे भी अपने संपर्क में जोड़ते हैं.

खनन माफियाओं ने ईजाद किया व्हॉट्स ऐप नेटवर्क, देखिए रिपोर्ट

कई खनन माफिया हैं इन ग्रुप्स में
कुछ ग्रुप हमारे हाथ भी लगे जिसमें अधिकारियों की रैकी करके उसके बारे में बताया गया था. मामला चौकाने वाला है, लेकिन यह मामला इन दिनों खनन विभाग, आरटीए विभाग और पुलिस के लिए सिर दर्द बन चुका है. खनन का काम करने वाले कारोबारियों ने इन ग्रुपों को चलाने वाले लोगों से बराबर संपर्क साधे हुए है ताकि कोई नुकसान होने से पहले ही उन तक सारी सूचनाए मिल जाए.

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व्हॉट्स ऐप ग्रुप का स्क्रीनशॉट

हर रेड की जानकारी ग्रुप में होती है अपडेट
यहां तक की रात को भी जब अधिकारी किसी काम को अंजाम देने के लिए यमुना नदी तक पहुचते हैं तो उनके पहुंचने से पहले है जेसीबी के शोर एक दम से शांत हो जाता है. मशीनों को बंद कर दिया जाता है और अधिकारियों के हाथ अगर कुछ लगता है तो वह लकीर जिसे वह पीट भी नहीं सकते.

मेंबर बनने के लिए लगते हैं 2500 रुपये महीना
हम लोगों ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि ग्रुप को चलाने वाले ग्रुप में ऐड होने के लिए 2500 रुपये एडवासं में लेते हैं. जिस व्यक्ति का नंबर ग्रुप में होता है उसकी हर जिम्मेदारी ग्रुप लीडर की होती है. ऐसे में ये लोग बेखौफ दिन रात इस गौरखधंधे को अंजाम देने में लगे हुए है, लेकिन अधिकारी इस मामले में चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते, हालांकि यमुनानगर के आरटीए विभाग ने कुछ समय पहले ही ऐसे कुछ लोगो को पकडा भी था.

यह धंधा यमुनानगर के खिजराबाद से लेकर रादौर सीमा तक धडल्ले से चल रहा है, लेकिन बेबस अधिकारी अब कुछ कर तो नहीं पाते लेकिन एक दूसरे पर पल्ला जरूर झाड रहे हैं. एसडीएम रादौर ने इस मामले में दूसरे पर पल्ला झाड़ दिया, लेकिन जनाब यह भूल गए कि जठलाना और गुमथला में यह ग्रुप एडमिन सैकडों लोगों को ग्रुप में जोड कर अधिकारियों की दिन रात रैकी करते है.

ये भी पढ़ेंः- प्रदेश में सामने आया धान घोटाला, राइस मिल्स में स्टॉक की जांच में 35000 मीट्रिक टन धान की कमी

अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते जबकि इन इलाकों की सड़कें बताती है कि कितने धडल्ले से अवैध माइनिंग और ओवरलोड का इस इलाके में बोल बाला है. फिलहाल अधिकारी मीडिया की तरफ से दी गई जानकारी तो बताते है लेकिन इन अधिकारियों की तरफ से क्या कार्रवाई होने वाली है यह साफ-साफ नहीं बताते हैं. फिलहाल एसडीएम अब कार्रवाई की बात तो कह रहे हैं, लेकिन देखना यह होगा कि क्या अधिकरी इन पर नकेल कसने में कामयाब हो पाते है या नहीं.

Intro:जिले का गुप्तचर विभाग भले ही बैसाखियों के सहारे चल रहा हो लेकिन खनन का काम करने वालो के निजी गुप्तचर ऐसे है कि अधिकारी अपने कार्यालय से निकलते भी नही है कि उनके किस क्षेत्र में जाना है और कहा कार्यावाही करनी है इसकी सूचना खनन कारोबारियों तक पहुंच जाती है और इमानदार अधिकारियों के हाथ खाली रह जाते है और इसका सीधा सीधा कारण है वटसऐस पर बने हुए ग्रुपBody:मोबाइल आम आदमी की जिंदगी का अहम हिस्सा है और यह मोबाइल जहाँ हर आदमी के दुख सुख में काम आता है, तो यही मोबाइल हर बडे गौरख धंधे में भी अहम भूमिका निभा रहा है इन दिनों यही मोबाइल यमुनानगर जिले में होने वाली अवैध माइनिग व ओवर लोड ट्रको के लिए एक वरदान साबित हो रहा है खनन काम से जुडे हुए लोगो ने इन दिनो ऐसे व्यक्तियों से संपर्क साध रखा है जो दिन रात इनके लिए काम करते है और काम कोई इतना भारी भरकम नही बल्कि हाथों में मोबाइल लेकर अधिकारियेां व कर्मचारियों की रेकी करना और उनके पल पल की सूचना ग्रुपों में शेयर करना यमुनानगर में यह मोबइल ग्रुप चलाने वाले लोग जिसे भी अपने संपर्क में जोडते है उनसे 1500 से लेर 2500 रू तक महिना लेते है और अधिकारी के आफिस से निकलने से लेकर कहा कहा अधिकारी पहुंचते है उनकी हर पल की सूचना ग्रुपों में शेयर करते है ताकि किसी के खिलाफ कोई कार्यावाही न हो, ऐसे में ही कुछ ग्रुप हमारे हाथ भी लगे जिसमें अधिकारियों की रैकी करके उसके बारे में बताया गया था मामला चौकाने वाला है लेकिन यह मामला इन दिनों खनन विभाग आरटीए विभाग व पुलिस के लिए सिर दर्द बन चुका है खनन का काम करने वाले कारोबारियों ने इन ग्रुपों को चलाने वाले लोगो से बराबर संपर्क साधे हुए है ताकि कोई नुकसान होने से पहले ही उन तक सारी सूचनाए मिल जाए रात को भी जब अधिकारी किसी काम को अंजाम देने के लिए यमुना नदी तक पहुचते है तो उनके पहुंचने से पहले है कान फोड देने वाला शोर एक दम से शांत हो जाता है मशीनों को बंद कर दिया जाता है और अधिकारियों के हाथ अगर कुछ लगता है तो वह लकीर जिसे वह पीट भी नही सकतेConclusion:हम लोगो ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि ग्रुप को चलाने वाले ग्रुप में ऐड होने के लिए 2500 रू एडवासं में लेते है और जिस जिस व्यक्ति का नंबर ग्रुप में होता है उसकी हर जिम्मेदारी ग्रुप लीडर की होती है ऐसे में यह लोग दिन रात इस गौरख धंधे को अंजाम देने में लगे हुए है लेकिन अधिकारी इस मामले में चाह की भी कुछ नही कर पाते हालाकि यमुनानगर के आरटीए विभाग ने कुछ समय पहले ही ऐसे कुछ लोगो को पकडा भी था लेकिन उसके बाद अब यह धंधा यमुनानगर के खिजराबाद से लेकर रादौर सीमा तक धडल्ले से चल रहा है लेकिन बेबस अधिकारी अब कुछ कर तो नही पाते लेकिन एक दूसरे पर पल्ला जरूर झांड रहे है एसडीएम रादौर ने इस मामले में दूसरे पर पल्ला झाड दिया लेकिन जनाब यह भूल गए कि जठलाना और गुमथला में यह ग्रुप एडमिन सैकडों लोगो को ग्रुप में जोड कर अधिकारियों की दिन रात रैकी करते है और अधिकारी चाह कर भी कुछ नही कर पाते जबकि इन इलाको की सडके बताती है कि कितने धडल्ले से अवैध माइनिग और ओवरलोड का इस इलाके में बोल बाला है फिल्हाल अधिकारी मीडिया द्वारा दी गई जानकारी तो बताते है लेकिन इन अधिकारियों द्वारा क्या कार्रावाई करनी है यह शयद भूल जाते है फिल्हाल एसडीएम अब कार्रावाई की बात तो कह रहे है लेकिन देखना यह होगा कि क्या अधिकरी इन पर नकेल कसने में कामयाब हो पाते है या नही

बाइट कवंर सिंह, एसडीएम रादौर
Last Updated : Jan 3, 2020, 10:12 AM IST
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