यमुनानगर: जिले के कलेसर एरिया में मसाला खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, मसाले की खेती कम लागत में ज्यादा उत्पादन देती है व ज्यादा लाभकारी होती है. ये जानकारी मंगलवार को वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने दी.
केरल दौरे पर हैं वन मंत्री
मंत्री कंवरपाल गुर्जर केरल प्रदेश के दौरे पर हैं. केरल दौरे के दौरान उन्होंने केरल राज्य में मसाला खेती का बारिकी से निरीक्षण व अध्ययन किया व जिन जगहों पर मसालों की खेती की जाती है उन जगहों की भौगोलिक व प्राकृतिक स्थिति का जायजा लिया.
केरल से मिलती जुलती परिस्थितियां यमुनानगर में
वन मंत्री ने देखा कि केरल में जिन जगहों पर मसाला खेती की जाती है, उससे मिलती जुलती परिस्थितियां हमारे हरियाणा के यमुनानगर जिले के कलेसर व उसके आस-पास के एरिया में पाई जाती हैं. वन मंत्री कंवरपाल ने बताया वैसे तो हर्बल गार्डन के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती को हरियाणा सरकार के वन विभाग द्वारा पहले से ही किया जा रहा है, लेकिन अब वन विभाग के माध्यम से मसाला खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.
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मसाला खेती में काली मिर्च, तेजपत्ता, छोटी इलायची, लौंग, दालचीनी, जायफल, जावित्री, सुपारी, केला, अदरक, हल्दी आदि फसलें होती हैं. वन मंत्री ने अपने दौरे के दौरान देखा कि जायफल, दालचीनी, लौंग आदि मसालों के अधिक उत्पादन व लाभ लेने के लिए वृक्ष भी उगाए जाते हैं.
हरियाणा में भी शुरू की जाएगी ये खेती
उन्होंने कहा कि हमारे हरियाणा के किसान बहुत ही मेहनती व प्रगतिशील किसान हैं. केरल दौरे के दौरान देखी गई मसाले की खेती को हरियाणा में वन विभाग के माध्यम से शुरू करवाने का अध्ययन व प्रयास जल्द से जल्द किया जाएगा, वन विभाग के माध्यम से हरियाणा राज्य मसालों की खेती में भी अग्रणीय भूमिका निभाएगा.
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