यमुनानगर: दिल्ली में प्रस्तावित किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा और किसानों द्वारा लाल किले पर चढ़कर झंडा फहराने के मामले में राजनीति गर्म हो गई है. एक तरफ जहां लोग सोशल मीडिया पर किसानों के द्वारा की गई इस कार्रवाई पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं. वहीं राजनीति के धुरंधर भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
एक तरफ जहां हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने किसानों का बचाव किया है और हिंसा का दोष बीजेपी पर मढ़ा है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने इसे लोकतंत्र की मान मर्यादा के साथ खिलवाड़ करार दिया है.
देश के मान-मर्यादा के साथ किया गया खिलवाड़: घनश्याम दास अरोड़ा
बीजेपी विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि भारत के 72 वें गणतंत्रता दिवस पर किसान परेड निकालने के नाम पर उपद्रवियों द्वारा जिस प्रकार से देश के लोकतंत्र व मान मर्यादा के साथ खिलवाड़ किया गया है. उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं.
दिल्ली हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं: बीजेपी विधायक
घनश्यामदास अरोड़ा ने कहा कि सारा दिन दिल्ली की सड़कों पर उपद्रवियों द्वारा तांडव होता रहा, लेकिन किसानों की शांतिपूर्ण परेड का विश्वास दिलाने वाले तथा कथित कागजी नेता कहीं भी दिखाई नहीं दिए. विधायक ने कहा कि उपद्रवियों ने पुलिस द्वारा बताए गए रूट पर परेड ही नहीं की व उल्टा पुलिस व सरकारी वाहनों पर तोड़-फोड़ की. जिसकी वो कड़ी निंदा करते हैं.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में हाई अलर्ट, उपद्रवियों और दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई होगी: DGP
'उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो'
अरोड़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार का संकल्प है कि किसी भी मुद्दे का हल बातचीत के जरिए सुलझाया जाए, लेकिन ये बड़े खेद की बात है कि भारत के गणतंत्र दिवस के दिन देश की आन, बान और शान के साथ खिलवाड़ किया गया. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उपद्रव करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
ये भी पढ़ें: ट्रैक्टर मार्च का रूट भी गायब और जिम्मेदारी लेने वाले किसान नेता भी गायब- ओपी धनखड़
दिल्ली हिंसा पर क्या कहा कुमारी सैलजा ने?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर कहा कि किसान भाइयों पर BJP सरकार की बर्बरता बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान भाइयों से मेरी विनम्र अपील है कि शांति बनाए रखें और कानून व्यवस्था का पूरी तरह से पालन करें. आखिर ये हठधर्मी और निष्ठुर सरकार कब जागेगी? अन्नदाताओं के अधिकारों का दमन छोड़ तत्काल काले कानून वापस ले सरकार.