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यमुनानगर के किसानों ने बजट को बताया निराशाजनक, बोले- सरकार ने तोड़ी उम्मीदें - आम बजट पर यमुनानगर के किसान

केंद्रीय बजट से यमुनानगर के किसान नाखुश नजर आए. उनका कहना था कि इस बार का बजट किसानों को राहत देने वाला नहीं है.

बजट से नाखुश किसान
यमुनानगर के किसानों ने बजट को बताया निराशाजनक
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Published : Feb 1, 2020, 7:46 PM IST

यमुनानगर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट पेश किया, जिसमें किसानों के लिए 16 अहम फैसले लिए गए हैं. दूसरे वर्गों की तरह किसानों को भी बजट से काफी उम्मीद थी. क्या ये बजट किसानों के चेहरे खिला पाया? ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम यमुनानगर पहुंची और किसानों ने बजट पर उनकी राय जानी

केंद्रीय बजट से यमुनानगर के किसान ना खुश नजर आए. उनका कहना था कि इस बार का बजट किसानों को राहत देने वाला नहीं है. किसानों ने कहा कि सरकार स्कीम तो लागू कर देती है, लेकिन उसका प्रचार-प्रसार ठीक ढंग से ना होने के चलते किसानों को उनका लाभ नहीं पहुंच पाता है.

बजट से नाखुश किसान

ये भी पढ़िए: कैथल: किसानों को नहीं भाया बजट, बोले- 10 लाख रुपये तक हो क्रेडिट कार्ड की लिमिट

जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले सरकार के ऐलान पर किसानों ने कहा कि पहले ही हरित क्रांति से किसान को काफी नुकसान पहुंचा है. अब जैविक खेती से भी किसानों को फायदा होगा या नहीं ये आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा. किसानों ने कहा कि अगर सरकार को जैविक खेती शुरू करनी ही थी तो सरकार इसे 10 साल पहले ही शुरू कर देना चाहिए था.

यमुनानगर के किसान नजर आए नाखुश
यमुनानगर के किसानों ने कहा कि सरकार सिर्फ उद्योगपतियों का कर्जा माफ करती है. उन्हें कहीं ना कहीं ये उम्मीद थी कि इस बार के बजट में उनके लिए कर्जमाफी या फिर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने जैसे फासले हो सकते हैं. किसानों ने कहा कि इस बार का बजट उनके लिए कुछ लेकर नहीं आया है.

यमुनानगर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट पेश किया, जिसमें किसानों के लिए 16 अहम फैसले लिए गए हैं. दूसरे वर्गों की तरह किसानों को भी बजट से काफी उम्मीद थी. क्या ये बजट किसानों के चेहरे खिला पाया? ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम यमुनानगर पहुंची और किसानों ने बजट पर उनकी राय जानी

केंद्रीय बजट से यमुनानगर के किसान ना खुश नजर आए. उनका कहना था कि इस बार का बजट किसानों को राहत देने वाला नहीं है. किसानों ने कहा कि सरकार स्कीम तो लागू कर देती है, लेकिन उसका प्रचार-प्रसार ठीक ढंग से ना होने के चलते किसानों को उनका लाभ नहीं पहुंच पाता है.

बजट से नाखुश किसान

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जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले सरकार के ऐलान पर किसानों ने कहा कि पहले ही हरित क्रांति से किसान को काफी नुकसान पहुंचा है. अब जैविक खेती से भी किसानों को फायदा होगा या नहीं ये आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा. किसानों ने कहा कि अगर सरकार को जैविक खेती शुरू करनी ही थी तो सरकार इसे 10 साल पहले ही शुरू कर देना चाहिए था.

यमुनानगर के किसान नजर आए नाखुश
यमुनानगर के किसानों ने कहा कि सरकार सिर्फ उद्योगपतियों का कर्जा माफ करती है. उन्हें कहीं ना कहीं ये उम्मीद थी कि इस बार के बजट में उनके लिए कर्जमाफी या फिर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने जैसे फासले हो सकते हैं. किसानों ने कहा कि इस बार का बजट उनके लिए कुछ लेकर नहीं आया है.

Intro:एंकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना बजट पेश किया जिसमें किसानों के लिए 16 अहम फैसले लिए गए हैं लेकिन किसान उससे कितना खुश हैं यही जानने के लिए आज ईटीवी भारत की टीम में यमुनानगर के किसानों से बात की।


Body:वीओ केंद्र सरकार के आज के बजट से यमुनानगर के किसान ना खुश नजर आए उनका कहना है यह बजट किसानों को राहत देने वाला नहीं है। किसानों का कहना है कि सरकार स्कीम में तो लागू कर देती हैं लेकिन उसका प्रचार-प्रसार ठीक ढंग से ना होने के चलते किसानों को उनका लाभ नहीं पहुंच पाता है। जैविक खेती को बढ़ावा देने पर किसानों का कहना है कि पहले ही हरित क्रांति से किसान को काफी नुकसान पहुंचा है। जैविक खेती तो सरकार को 10 साल पहले ही ले आनी चाहिए थी लेकिन अगर सरकार इसे बढ़ावा देती है तो किसान इसका सहयोग करेंगे।

वीओ यमुनानगर के सुडल गांव के रहने वाले किसान हरपाल का कहना है कि वह इस बजट से बिल्कुल खुश नहीं है उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार पूंजीपतियों के लिए है क्योंकि पूंजी पतियों का तो कर्ज सरकार माफ कर देती है लेकिन किसानों के कर्ज माफ नहीं किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनको उम्मीद थी कि सरकार स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट को लागू करेगी लेकिन कहीं दूर दूर तक यह नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए तो सरकार बात कर रही है लेकिन जो केमिकल बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं उनको क्यों नहीं सरकार बंद करती।

वीओ एक और किसान ने कहा कि वह इस बजट से बिल्कुल नाखुश हैं।


Conclusion: आज आए इस बजट से हो सकता है कई किसान खुश भी हुए हैं लेकिन यमुनानगर के ज्यादातर किसान निराश नजर आए
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