यमुनानगर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट पेश किया, जिसमें किसानों के लिए 16 अहम फैसले लिए गए हैं. दूसरे वर्गों की तरह किसानों को भी बजट से काफी उम्मीद थी. क्या ये बजट किसानों के चेहरे खिला पाया? ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम यमुनानगर पहुंची और किसानों ने बजट पर उनकी राय जानी
केंद्रीय बजट से यमुनानगर के किसान ना खुश नजर आए. उनका कहना था कि इस बार का बजट किसानों को राहत देने वाला नहीं है. किसानों ने कहा कि सरकार स्कीम तो लागू कर देती है, लेकिन उसका प्रचार-प्रसार ठीक ढंग से ना होने के चलते किसानों को उनका लाभ नहीं पहुंच पाता है.
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जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले सरकार के ऐलान पर किसानों ने कहा कि पहले ही हरित क्रांति से किसान को काफी नुकसान पहुंचा है. अब जैविक खेती से भी किसानों को फायदा होगा या नहीं ये आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा. किसानों ने कहा कि अगर सरकार को जैविक खेती शुरू करनी ही थी तो सरकार इसे 10 साल पहले ही शुरू कर देना चाहिए था.
यमुनानगर के किसान नजर आए नाखुश
यमुनानगर के किसानों ने कहा कि सरकार सिर्फ उद्योगपतियों का कर्जा माफ करती है. उन्हें कहीं ना कहीं ये उम्मीद थी कि इस बार के बजट में उनके लिए कर्जमाफी या फिर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने जैसे फासले हो सकते हैं. किसानों ने कहा कि इस बार का बजट उनके लिए कुछ लेकर नहीं आया है.