यमुनानगर: प्रदेश भर में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल को लेकर किसान यूनियन सवाल उठा रही है. यूनियन का कहना है कि एक तरफ तो सरकार ऐसे कानून की बात कहती है जिससे किसान कहीं भी जाकर अपनी फसल बेच सकता है दूसरी तरफ किसानों का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है.
इससे किसान पंजीकृत अनाज मंडी में उसी आढ़ती के पास अपनी फसल बेच सकता है जहां का उसने पंजीकरण करवाया है और उतनी ही फसल बेच सकता है जितनी का पंजीकरण करवाया है. उसके अलावा भी जिन किसानों ने सूरजमुखी का पंजीकरण करवाया था उनमें से कई किसानों की पंजीकृत भूमि खाली दिखाई जा रही है जिससे किसानों को फसल बेचने में समस्या आ रही है.
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उन्होंने कहा कि साथ ही पहले गेहूं की सरकारी खरीद की नमी की मात्रा 14 तक होती थी जो अब सरकार द्वारा 12 कर दी गई है जिससे गेहूं की फसल बेचने में भी काफी समस्या आ रही है. वहीं किसानों ने बताया कि मुश्तरका खाता वाले किसानों को भी पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के दौरान और फसल बेचने के दौरान काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इस खाते में किसी की भूमि किसी और के नाम चढ़ गई है.
इससे किसानों के आपसी झगड़े भी हो रहे हैं. वहीं किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये एक ऐसी व्यवस्था की गई है जिसके खिलाफ आरटीआई भी नहीं लगाई जा सकती इसलिए सरकार और प्रशासन से गुजारिश है कि उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए.
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