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यमुनानगर में गधोला टोल प्लाजा पर बैठे किसानों ने रखा उपवास

यमुनानगर में गधोला टोल प्लाजा पर किसानों ने धरनास्थल पर सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक उपवास रखा. किसानों ने साफ कहना है कि कानून वापस होने पर ही आंदोलन खत्म होगा.

farmers protest  Gadhola Toll
farmers protest Gadhola Toll
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Published : Jan 31, 2021, 8:07 PM IST

यमुनानगर: गधोला टोल प्लाजा पर किसानों का धरना रविवार को भी जारी रहा. हालांकि दोबारा शुरू हुए धरने के दूसरे दिन टोल प्लाजा पर किसानों की भीड़ काफी कम रही. इसके पीछे किसानों का तर्क है कि काफी संख्या में किसान दिल्ली बार्डर पर चल रहे धरने में हिस्सा लेने चले गए हैं.

किसानों ने टोल प्लाजा रखा फ्री

धरने के दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. दूसरे दिन भी कुछ कांग्रेसी धरनास्थल पर किसानों समर्थन देने के लिए पहुंचे. वहीं किसानों ने वाहनों को भी टोल फ्री रखा.

सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक रखा उपवास

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि व अन्य शहीदों की याद में किसानों ने धरनास्थल पर सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक उपवास रखा. किसानों के लिए लंगर तैयार किया जा रहा था, लेकिन किसानों ने उपवास खत्म करने के बाद ही दोपहर का भोजन ग्रहण किया.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर के तेलीपुरा गांव में खुदाई के दौरान मिला प्राचीन गुंबद

धरनास्थल पर बैठे किसानों के साथ कोई अनहोनी ना हो इसलिए प्रशासन ने किसानों के आसपास बैरिकेड लगाए हैं. 26 जनवरी से पहले किसानों के धरने पर जहां गुरनाम सिंह चढूनी के पोस्टर दिखाई देते थे वहीं अब किसान नेता राकेश टिकैत के पोस्टर भी लगाए गए हैं.

किसानों ने कहा कानून वापस होने पर ही आंदोलन खत्म होगा

धरने की अध्यक्षता कर रहे भारतीय किसान यूनियन के निदेशक मंदीप सिंह रोड छप्पर का कहना है कि तीनों कृषि कानून किसानों के हक में नहीं है. इन कानूनों से किसान बर्बाद हो जाएगा. सरकार साजिश रचकर किसानों का धरना खत्म करवाना चाहती है, लेकिन किसान किसी भी सूरत में अपना धरना खत्म नहीं करेंगे. जब तक तीनों कानून वापस नहीं होते तब तक धरना जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम में पानी की बर्बादी रोकने के लिए ये है निगम का एक्शन प्लान

यमुनानगर: गधोला टोल प्लाजा पर किसानों का धरना रविवार को भी जारी रहा. हालांकि दोबारा शुरू हुए धरने के दूसरे दिन टोल प्लाजा पर किसानों की भीड़ काफी कम रही. इसके पीछे किसानों का तर्क है कि काफी संख्या में किसान दिल्ली बार्डर पर चल रहे धरने में हिस्सा लेने चले गए हैं.

किसानों ने टोल प्लाजा रखा फ्री

धरने के दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. दूसरे दिन भी कुछ कांग्रेसी धरनास्थल पर किसानों समर्थन देने के लिए पहुंचे. वहीं किसानों ने वाहनों को भी टोल फ्री रखा.

सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक रखा उपवास

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि व अन्य शहीदों की याद में किसानों ने धरनास्थल पर सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक उपवास रखा. किसानों के लिए लंगर तैयार किया जा रहा था, लेकिन किसानों ने उपवास खत्म करने के बाद ही दोपहर का भोजन ग्रहण किया.

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धरनास्थल पर बैठे किसानों के साथ कोई अनहोनी ना हो इसलिए प्रशासन ने किसानों के आसपास बैरिकेड लगाए हैं. 26 जनवरी से पहले किसानों के धरने पर जहां गुरनाम सिंह चढूनी के पोस्टर दिखाई देते थे वहीं अब किसान नेता राकेश टिकैत के पोस्टर भी लगाए गए हैं.

किसानों ने कहा कानून वापस होने पर ही आंदोलन खत्म होगा

धरने की अध्यक्षता कर रहे भारतीय किसान यूनियन के निदेशक मंदीप सिंह रोड छप्पर का कहना है कि तीनों कृषि कानून किसानों के हक में नहीं है. इन कानूनों से किसान बर्बाद हो जाएगा. सरकार साजिश रचकर किसानों का धरना खत्म करवाना चाहती है, लेकिन किसान किसी भी सूरत में अपना धरना खत्म नहीं करेंगे. जब तक तीनों कानून वापस नहीं होते तब तक धरना जारी रहेगा.

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