यमुनानगर: जिले के तिहमो गांव में रजबाहे का पानी खेतों में आने से खेतों में खड़ी फसलें खराब हो गई हैं. वहीं किसानों को गेहूं की बिजाई करना भी मुश्किल हो गया है. क्योंकि उनके खेत पानी से लबालब भर गए हैं. इसका जिम्मेदार वे गांव किशनपुरा के लोगों को ठहरा रहे हैं. क्योंकि फालतू पानी होने से उन्होंने आगे पानी छोड़ दिया. जिससे तिहमो गांव के खेतों में पानी भर गया.
तिहमो गांव के किसान अवतार सिंह ने बताया कि खेतों में सिंचाई के लिए सिंचाई विभाग की ओर से एक रजवाहा निकाला गया है. जिसको साफ करवाने, प्रयोग ना होने पर बंद करवाने, किस किसान को कब पानी देना है, इसकी जिम्मेदारी गांव के नंबरदार को सौंपी होती है.
उन्होंने कहा कि किशनपुरा गांव की ओर से उनके गांव की ओर हर बार बिना किसी सूचना के रजवाहे को बंद किए बगैर ही पानी छोड़ दिया जाता है. जो कि उनकी फसलों में घुस जाता है. जिससे उनके खेतों में खड़ी फसलें खराब हो जाती है. जबकि जरूरत पड़ने पर उनको समय पर पानी भी नहीं मिल पाता है और पानी को किशनपुरा से बंद कर दिया जाता है, लेकिन बिना जरूरत के उसी पानी को बिना बंद किए बगैर आगे छोड़ दिया जाता है. जो कि सरासर गलत है.
पीड़ित किसानों का कहना है कि एक तो अब की बार भगवान ने बेमौसम की बरसात कर के पहले ही किसानों की फसलों पर प्रहार कर दिया है. दूसरी कसर रजवाहे में आए पानी ने पूरी कर दी है. उन्होंने बताया कि उनके खेतों में रजवाहे का पानी होने से खेत को बुआई के लिए तैयार करना मुश्किल हो गया है. वहीं बुआई किये गए खेतों में पानी भरने से फसल भी खराब हो रही हैं. किसानों ने खेतों में खड़ी फसलों को खराब करने वाले जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
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