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यमुनानगर: माल गाड़ी चलाकर गरीबों का पेट भरने में जुटी LLB की छात्रा - एलएलबी छात्रा यमुनानगर

प्रिया का कहना कि उसे ये प्रेरणा अपनी दादी से मिली कि वो गरीबों की मदद करे, विस्तार से पढ़ें.

chandigarh student priya helping poors by food them to self drive commercial vehicle
गरीबों का पेट भर रही है चंडीगढ़ में LLB की छात्रा
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Published : Apr 7, 2020, 1:39 PM IST

Updated : Apr 7, 2020, 2:48 PM IST

यमुनानगर: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है. भारत में लॉक डाउन लगाना पड़ा. नौकरी पेशा करने वालों के लिए ये वक्त सबसे बुरा साबित हो रहा है. भारत में भी गरीब तबका अभाव में जीने को मजबूर हैं. वहीं भारी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में कुछ लोगों मानवता का फर्ज निभाते हुए कमजोर और जरूरत मंदों की मदद कर रहे हैं, यमुनानगर की प्रिया अरोड़ा भी इन्ही कुछ कर्मवीरों में से एक हैं.

यमुनानगर की शांति फाउंडेशन के फाउंडर प्रिया अरोड़ा खुद ही माल वाहक (छोटा हाथी) चला कर गरीबों को खाना बांटने जाती है. इस काम के लिए लोग भी उसकी खूब तारीफ कर रहे हैं. प्रिया अरोड़ा एलएलबी की छात्रा हैं. प्रिया ने बताया कि वह जरूरतमंदों को भोजन बांट रही हैं. इसके साथ-साथ पानी की सेवा भी दी जाती है.

खुद माल ढ़ोने वाली गाड़ी चलाकर गरीबों का पेट भर रही है चंडीगढ़ में LLB की छात्रा

प्रिय ने बताया कि उनकी संस्था का नाम शांति फाउंडेशन है और वह रोटी बैंक भी चलाती हैं. जिसमें शादी-ब्याह और जो अन्य समारोह में जो भोजन बच जाता है, वह लोगों के घरों से इकट्ठा करते हैं और उसके बाद गरीब और जरूरतमंद परिवारों में बांटते हैं.

प्रिया खुद ही माल वाहक वाहन (छोटा हाथी) चला कर ये कार्य करती हैं. प्रिया का कहना है कि उन्हें ये प्रेरणा अपनी दादी से मिली. उनका कहना है कि उनकी दादी चाहती थी कि हमारे घर का कोई भी बच्चा ऐसा हो जो समाज के लिए कुछ करें. वह 24 घंटे जरूरतमंदों के लिए तैयार रहती है. प्रिया अपनी एनजीओ में इकलौती लड़की है जबकि बाकी साथ काम करने वाले सभी लड़के ही हैं. वो प्राइवेट यूनिवर्सिटी से ही अपनी पढ़ाई कर रही हैं.

ये भी पढ़िए: करनालः कोरोना संदिग्ध ने छठी मंजिल से कूदकर की भागने की कोशिश, मौत

यमुनानगर: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है. भारत में लॉक डाउन लगाना पड़ा. नौकरी पेशा करने वालों के लिए ये वक्त सबसे बुरा साबित हो रहा है. भारत में भी गरीब तबका अभाव में जीने को मजबूर हैं. वहीं भारी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में कुछ लोगों मानवता का फर्ज निभाते हुए कमजोर और जरूरत मंदों की मदद कर रहे हैं, यमुनानगर की प्रिया अरोड़ा भी इन्ही कुछ कर्मवीरों में से एक हैं.

यमुनानगर की शांति फाउंडेशन के फाउंडर प्रिया अरोड़ा खुद ही माल वाहक (छोटा हाथी) चला कर गरीबों को खाना बांटने जाती है. इस काम के लिए लोग भी उसकी खूब तारीफ कर रहे हैं. प्रिया अरोड़ा एलएलबी की छात्रा हैं. प्रिया ने बताया कि वह जरूरतमंदों को भोजन बांट रही हैं. इसके साथ-साथ पानी की सेवा भी दी जाती है.

खुद माल ढ़ोने वाली गाड़ी चलाकर गरीबों का पेट भर रही है चंडीगढ़ में LLB की छात्रा

प्रिय ने बताया कि उनकी संस्था का नाम शांति फाउंडेशन है और वह रोटी बैंक भी चलाती हैं. जिसमें शादी-ब्याह और जो अन्य समारोह में जो भोजन बच जाता है, वह लोगों के घरों से इकट्ठा करते हैं और उसके बाद गरीब और जरूरतमंद परिवारों में बांटते हैं.

प्रिया खुद ही माल वाहक वाहन (छोटा हाथी) चला कर ये कार्य करती हैं. प्रिया का कहना है कि उन्हें ये प्रेरणा अपनी दादी से मिली. उनका कहना है कि उनकी दादी चाहती थी कि हमारे घर का कोई भी बच्चा ऐसा हो जो समाज के लिए कुछ करें. वह 24 घंटे जरूरतमंदों के लिए तैयार रहती है. प्रिया अपनी एनजीओ में इकलौती लड़की है जबकि बाकी साथ काम करने वाले सभी लड़के ही हैं. वो प्राइवेट यूनिवर्सिटी से ही अपनी पढ़ाई कर रही हैं.

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Last Updated : Apr 7, 2020, 2:48 PM IST
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