यमुनानगर: नेशनल हाईवे 907 के जगाधरी-ताजेवाला खंड यमुनानगर बाईपास से ताजेवाला तक के 4-लेन निर्माण के दौरान चल रहे बिजली विभाग के कार्यों में भारी अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं. यहां चल रहे कार्य में जंगरोधक सामान का इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन अभी कार्य पूरा भी नहीं हुआ है उससे पहले ही सामान पर जंग लगना शुरू हो चुका है. यह कार्य बिजली विभाग के सुपरविजन में हो रहा है. इसके बावजूद विभाग के अधिकारी इन अनियमितताओं पर कार्रवाई करने की बजाय इसकी जांच टेकओवर के समय करने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं.
1 अप्रैल 2022 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नेशनल हाईवे 907 के जगाधरी-ताजेवाला खंड में कैल से ताजेवाला तक नए नेशनल हाईवे निर्माण के लिए 1269.50 करोड़ रुपए के बजट की स्वीकृति देने की जानकारी ट्वीट कर दी थी. इसके बाद से इस नेशनल हाईवे पर काम शुरु हो चुका है. राज श्यामा कंपनी यहां काम कर रही है और कंपनी ने अलग-अलग कार्यों के लिए सब टेंडर दिए हुए हैं. इन्हीं कार्यों में से राज श्यामा कंपनी ने एक सब टेंडर बिजली विभाग के कार्यों को लेकर दिया हुआ है.
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यह कंपनी काम तो जरूर कर रही है लेकिन वहां पर भारी अनियमितताएं भी हो रही हैं. बिजली विभाग से रिटायर्ड एक अधिकारी ने सामने ना आने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार की तरफ से जो सामान लगाया जा रहा है, वह बिल्कुल गलत है. उन्होंने बताया कि जहां इस सारे कार्य में जंग रोधक सामान लगना था, वहीं बिजली के टावर खड़े करने के दौरान लगाए गए नट-बोल्ट लोहे के लगाए हैं, जिन पर अभी से जंग लग चुका है. इसके अलावा बिजली के खंभों पर जो उपकरण जंगरोधक लगने थे. उन पर भी अभी से जंग लगना शुरू हो गया है. तारे यानी कंडक्टर भी पुरानी लगाई जा रही हैं.
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आरोप है कि कई जगह पर टावर की फाउंडेशन भी सही नहीं है. जब इस संबंध में बिजली विभाग के सीनियर इंजीनियर जेसी शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शुरुआत में वहां लगने वाले सामान की बिजली विभाग की तरफ से जांच की गई थी. अब विभाग काम पूरा होने पर इसकी जांच करेगा और यदि काम सही नहीं पाया गया तो बिजली विभाग यमुनानगर उसे टेकओवर नहीं करेगा. हालांकि बड़ा सवाल यह है कि जब पूरा कार्य यमुनानगर बिजली विभाग के सुपरविजन में ही हो रहा है तो शिकायतों की समय पर जांच क्यों नहीं की जा रही है.