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हरियाणा और यूपी को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पुल के पास अवैध खनन जारी, हाई कोर्ट पहुंचा मामला - illegal mining in yamunanagar

यमुना नदी पर निर्माणाधीन पुल के नजदीक धड़ल्ले से अवैध खनन का कार्य किया जा रहा (illegal mining in yamunanagar) है. जिससे निर्माणाधीन पुल के अस्तित्व पर खतरा बना हुआ है. अवैध खनन पर रोक को लेकर एडवोकेट वरयाम सिंह ने कोर्ट में याचिका लगाई है.

Illegal mining in Yamunanagar
यमुना नदी के निर्माणाधीन पुल में खनन कार्य
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Published : Oct 16, 2022, 4:17 PM IST

यमुनानगर: रादौर में यमुना नदी के ऊपर हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण (bridge under construction on Yamuna river) किया जा रहा है. इस निर्माणाधीन पुल के पास अवैध खनन जारी है. लिहाजा एडवोकेट वरयाम सिंह ने पुल के पास अवैध खनन को रोकने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने बताया कि लोकनिर्माण विभाग ने साल 2018 में एक पत्र जारी कर पुल के नजदीक खनन करने वाली एजेंसियों को खनन ना करने का आदेश दिया है. इसके बाद भी पुल के पास अवैध खनन जारी है.

इसी को लेकर वकील वरयाम ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है. याचिका में वकील ने पुल के पास हो रहे अवैध खनन को रोकने और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई और खनन करने वालों पर कर्रवाई की मांग की है. यमुनानगर में अवैध खनन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाने वाले गुमथला गांव के एडवोकेट वरयाम सिंह ने बताया कि इस तरह निर्माणाधीन पुल के नजदीक खनन किया जाना ये साफ दर्शाता है कि खनन एजेंसी ठेकेदार को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त (illegal mining in yamunanagar) है. जिसके चलते ही नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदार की ओर से यहां अवैध खनन किया जा रहा है. जबकि इस तरह निर्माणाधीन पुल के नजदीक अवैध खनन से पुल की मजबूती खतरे में है.

यमुना नदी के निर्माणाधीन पुल में खनन कार्य

यह भी पढ़ें-खनन कार्यों में लगे ट्रक की चेकिंग के दौरान ड्राइवर से मारपीट का आरोप

उन्होंने बताया कि 2018 में लोकनिर्माण विभाग की ओर से निर्माणाधीन पुल के नजदीक चल रही खनन एजेंसियों को खनन बंद करने का आदेश दिया गया था, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी ये काम बंद नहीं किया गया, जिससे पुल निर्माण में भी देरी हो रही है. ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार से इन खनन एजेंसियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ ही पुल की कसौटी की भी सरकारी एजेंसियों से जांच करवाई जाने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो.

यमुनानगर: रादौर में यमुना नदी के ऊपर हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण (bridge under construction on Yamuna river) किया जा रहा है. इस निर्माणाधीन पुल के पास अवैध खनन जारी है. लिहाजा एडवोकेट वरयाम सिंह ने पुल के पास अवैध खनन को रोकने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने बताया कि लोकनिर्माण विभाग ने साल 2018 में एक पत्र जारी कर पुल के नजदीक खनन करने वाली एजेंसियों को खनन ना करने का आदेश दिया है. इसके बाद भी पुल के पास अवैध खनन जारी है.

इसी को लेकर वकील वरयाम ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है. याचिका में वकील ने पुल के पास हो रहे अवैध खनन को रोकने और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई और खनन करने वालों पर कर्रवाई की मांग की है. यमुनानगर में अवैध खनन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाने वाले गुमथला गांव के एडवोकेट वरयाम सिंह ने बताया कि इस तरह निर्माणाधीन पुल के नजदीक खनन किया जाना ये साफ दर्शाता है कि खनन एजेंसी ठेकेदार को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त (illegal mining in yamunanagar) है. जिसके चलते ही नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदार की ओर से यहां अवैध खनन किया जा रहा है. जबकि इस तरह निर्माणाधीन पुल के नजदीक अवैध खनन से पुल की मजबूती खतरे में है.

यमुना नदी के निर्माणाधीन पुल में खनन कार्य

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उन्होंने बताया कि 2018 में लोकनिर्माण विभाग की ओर से निर्माणाधीन पुल के नजदीक चल रही खनन एजेंसियों को खनन बंद करने का आदेश दिया गया था, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी ये काम बंद नहीं किया गया, जिससे पुल निर्माण में भी देरी हो रही है. ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार से इन खनन एजेंसियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ ही पुल की कसौटी की भी सरकारी एजेंसियों से जांच करवाई जाने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो.

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