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हथिनी कुंड बैराज पर ब्लॉक्स पानी में बहे, यमुना के किनारे बसे कई गांव पर बाढ़ का खतरा - ईटीवी भारत

यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज पर पानी के तेज बहाव को रोकने के लिए बनाए गए ब्लॉक्स सामान्य से जल बहाव से पानी में बह गए. जिसके कारण यमुना से सटे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

हथिनी कुंड बैराज पर बनाए गए ब्लॉक्स पानी में बहे
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Published : Aug 4, 2019, 10:50 PM IST

यमुनानगर: हथिनी कुंड बैराज पर पहाड़ों से आने वाले पानी के तेज बहाव और भूमि कटाव को रोकने के लिए करोड़ों की लागत से बनाए गए ब्लॉक्स पानी में बह गए. ब्लॉक्स की सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले स्टोन स्टड का काम अभी तक शुरू भी नहीं हुआ था. पिछले दिनों मात्र 20 हजार क्यूसेक पानी बैराज से छोड़ने पर ब्लॉक्स बह कर बिखर गए. ब्लॉक्स के बहने से यमुना किनारे के ईलाकों में बाढ़ और भूमि कटाव का खतरा बढ़ गया है.

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इस संबंध में जिला उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि उनके संज्ञान में अभी मामला आया है लेकिन इससे कोई भी खतरा नहीं है. अगर बाढ़ आती है तो वह इसे कंट्रोल करने में पूरी तरह से सक्षम हैं. प्रशासन ने इसके लिए सभी तरह की तैयारियां की हुई है.

यमुनानगर: हथिनी कुंड बैराज पर पहाड़ों से आने वाले पानी के तेज बहाव और भूमि कटाव को रोकने के लिए करोड़ों की लागत से बनाए गए ब्लॉक्स पानी में बह गए. ब्लॉक्स की सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले स्टोन स्टड का काम अभी तक शुरू भी नहीं हुआ था. पिछले दिनों मात्र 20 हजार क्यूसेक पानी बैराज से छोड़ने पर ब्लॉक्स बह कर बिखर गए. ब्लॉक्स के बहने से यमुना किनारे के ईलाकों में बाढ़ और भूमि कटाव का खतरा बढ़ गया है.

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इस संबंध में जिला उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि उनके संज्ञान में अभी मामला आया है लेकिन इससे कोई भी खतरा नहीं है. अगर बाढ़ आती है तो वह इसे कंट्रोल करने में पूरी तरह से सक्षम हैं. प्रशासन ने इसके लिए सभी तरह की तैयारियां की हुई है.

Intro:एंकर यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज पर लाखों क्यूसिक पानी को रोकने के लिए बनाए ब्लॉक्स मात्र छोड़े गए कुछ ही पानी में बह गए, जिससे बैराज 0 के साथ साथ यमुना से सटे इलाकों में खतरा बढ़ गया है। सीसी ब्लॉक की प्रोडक्शन के लिए स्टोन वर्क अभी शुरू भी नहीं हुआ है और अधिकारी पिछले चुनाव में आचार संहिता लगे होने का बहाना बना कर देरी होने की बात कह रहे हैं।Body:वीओ हथिनी कुंड बैराज पर पहाड़ों से आने वाले बाढ़ के पानी के तेज बहाव को रोकने के लिए ओर भूमि कटाव के रोकने के लिए करोड़ों की लागत से
ब्लॉक्स बनाए जाते है। इन ब्लॉक्स की सुरक्षा के लिए स्टोन स्टड भी लगाए जाते हैं जिनका काम अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है। पिछले दिनों मात्र 20 हजार के लगभग पानी बैराज से छोड़ा गया जिससे यह ब्लॉक्स बह कर बिखर गए।
भूमि कटाव होने और बाढ़ की तेज गति से यमुना नदी के किनारे ध्वस्त होने का खतरा बढ़ जाता है और अगर भूमि कटाव होता है तो यमुना के साथ सटे इलाकों में भी खतरा बढ़ने की संभावना रहती है पिछले साल लगभग 6 लाख क्यूसिक पानी ने यमुना के साथ लगते कई गांवों में तबाही मचाई थी। हर साल बाढ़ राहत कार्यों के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है लेकिन जमीनी स्तर पर वह करोड़ों रुपया कहीं लगा हुआ दिखाई नहीं देता और बाढ़ राहत कार्यों के नाम पर इसमें से काफी पैसा तो अधिकारी ही डकार जाते हैं। अब मॉनसून का महीना है लेकिन अभी तक भी कार्य पूरा नहीं हुए हैं और हालांकि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पीछे दिए हमें एक इंटरव्यू में बताया था कि बाढ़ राहत कार्यों में 10 करोड़ रुपिया खर्च हो हो चुका है। अब इस काम में देरी की वजह पिछले चुनावों को बताते हैं चुनाव में लगी आचार संहिता के कारण बाढ़ राहत कार्य में देरी हुई है।

वीओ जिला उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि उनके संज्ञान में अभी मामला आया लेकिन इससे कोई भी खतरा नहीं है और अगर बाढ़ आती है तो वह इसे कंट्रोल करने में पूरी तरह से सक्षम है उन्होंने इसके लिए सभी तरह की तैयारियां की हुई है। उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने यमुनानगर ज्वाइन किया है उन्होंने खुद जमुना के साथ सटे इलाकों का दौरा किया है और अगर बाढ़ आती है तो सभी विभागों के अधिकारियों को अलर्ट किया हुआ है।

बाइट मुकुल कुमार ( जिला उपायुक्तConclusion:
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