यमुनानगर: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत पाने के चक्कर में लोग घर से बेघर हो गए हैं. पक्की छत पाने के लिए करीब तीन वर्ष पहले लोगों ने आवेदन किया था. योजना के तहत करीब एक साल पहले नगर पालिका रादौर से जारी लिस्ट में 192 परिवारों के नाम सामने आए. जिन लाभार्थियों के लिस्ट में नाम आए, उन्हें आस जगी कि अब उन्हें भी पक्की छत नसीब होगी, लेकिन एक साल बाद भी उन गरीब लोगों के सपने साकार नहीं हो पाए हैं.
192 में से सिर्फ 2 परिवारों को मिली पक्की छत
बता दें, 192 परिवारों में केवल दो परिवारों के ही सपने पूरे हुए हैं. दो परिवारों को ही सरकार की ओर से तीन किश्त जारी की गई हैं और उन्हें पक्की छत नसीब हो पाई. बाकि 190 परिवार किश्त आने की आस में बैठ हैं. इनमें अधिकतर परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने घर को भी तोड़ दिया. अब या तो वो किराये के मकान या फिर किसी धर्मशाला के कमरे में अपना गुजारा कर रहे हैं.
'पक्की छत के लिए तोड़ा था कच्चा मकान'
रादौर वार्ड नंबर-4 की जरनैलो देवी का कहना है कि पक्की छत पाने के लिए गर्मी के सीजन में कच्चा मकान तोड़ा था. केवल एक छोटा सा कमरा रहने के लिए रखा है. वो भी जमीन से दो फीट नीचे हैं. बारिश आने पर उसमें पानी भर जाता है. बाहर खुले आसमान के नीचे चूल्हा जलाना पड़ रहा है. सर्दी का पूरा सीजन निकल चुका है, लेकिन उन्हें घर बनाने के लिए किश्त नहीं मिली है.
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वार्ड नंबर-4 की ही सविता का कहना है कि 6 महीने पहले पक्की छत पाने के चक्कर में कच्चा मकान गिराया था. अभी तक एक भी किश्त विभाग ने नहीं दी है. पूरे कागजात भी विभाग के पास जमा हैं. राशि के लिए वो कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों का दरवाजा खटखटा चुकी हैं, लेकिन अधिकारियों की ओर से उन्हें सिर्फ इतना ही कहा जाता है कि अभी विभाग के खाते में पैसे नहीं हैं.
विभाग के खाते में नहीं है पर्याप्त राशि- अधिकारी
इस बारे में नगरपालिका सचिव अजय कुमार वालिया का कहना है कि खाते में पेमेंट नहीं है. पेमेंट खत्म हुए दो महीने हो चुके हैं. पेमेंट के लिए उच्चाधिकारियों को दो बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक पेमेंट नहीं आई है. उन्होंने कहा कि पेमेंट आते ही लाभार्थियों के खाते में डाल दी जाएगी.