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रादौर: PM आवास योजना का बना मजाक ! 190 में से सिर्फ 2 परिवारों को मिली किश्त - radaur pm awas yojna radaur

पीएम आवास योजना रादौर में कई लाभार्थियों के लिए मजाक बनकर रह गई है. इस योजना के तहत सरकार की तरफ से दी जानी वाली ग्रांट राशि न मिलने से लाभार्थी अपना मकान नहीं बना पा रहे हैं. जबकि अधिकारी केवल ये कहकर राशि नहीं दे रहे हैं कि विभाग के खाते में पैसे नहीं हैं.

PM आवास योजना का बना मजाक!
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Published : Feb 7, 2020, 3:29 PM IST

यमुनानगर: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत पाने के चक्कर में लोग घर से बेघर हो गए हैं. पक्की छत पाने के लिए करीब तीन वर्ष पहले लोगों ने आवेदन किया था. योजना के तहत करीब एक साल पहले नगर पालिका रादौर से जारी लिस्ट में 192 परिवारों के नाम सामने आए. जिन लाभार्थियों के लिस्ट में नाम आए, उन्हें आस जगी कि अब उन्हें भी पक्की छत नसीब होगी, लेकिन एक साल बाद भी उन गरीब लोगों के सपने साकार नहीं हो पाए हैं.

192 में से सिर्फ 2 परिवारों को मिली पक्की छत
बता दें, 192 परिवारों में केवल दो परिवारों के ही सपने पूरे हुए हैं. दो परिवारों को ही सरकार की ओर से तीन किश्त जारी की गई हैं और उन्हें पक्की छत नसीब हो पाई. बाकि 190 परिवार किश्त आने की आस में बैठ हैं. इनमें अधिकतर परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने घर को भी तोड़ दिया. अब या तो वो किराये के मकान या फिर किसी धर्मशाला के कमरे में अपना गुजारा कर रहे हैं.

PM आवास योजना का बना मजाक! देखें रिपोर्ट

'पक्की छत के लिए तोड़ा था कच्चा मकान'
रादौर वार्ड नंबर-4 की जरनैलो देवी का कहना है कि पक्की छत पाने के लिए गर्मी के सीजन में कच्चा मकान तोड़ा था. केवल एक छोटा सा कमरा रहने के लिए रखा है. वो भी जमीन से दो फीट नीचे हैं. बारिश आने पर उसमें पानी भर जाता है. बाहर खुले आसमान के नीचे चूल्हा जलाना पड़ रहा है. सर्दी का पूरा सीजन निकल चुका है, लेकिन उन्हें घर बनाने के लिए किश्त नहीं मिली है.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर: एसपी और विधायक आवास से कुछ ही दूरी पर गुंडागर्दी, दुकान में हुई तोड़फोड़

वार्ड नंबर-4 की ही सविता का कहना है कि 6 महीने पहले पक्की छत पाने के चक्कर में कच्चा मकान गिराया था. अभी तक एक भी किश्त विभाग ने नहीं दी है. पूरे कागजात भी विभाग के पास जमा हैं. राशि के लिए वो कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों का दरवाजा खटखटा चुकी हैं, लेकिन अधिकारियों की ओर से उन्हें सिर्फ इतना ही कहा जाता है कि अभी विभाग के खाते में पैसे नहीं हैं.

विभाग के खाते में नहीं है पर्याप्त राशि- अधिकारी
इस बारे में नगरपालिका सचिव अजय कुमार वालिया का कहना है कि खाते में पेमेंट नहीं है. पेमेंट खत्म हुए दो महीने हो चुके हैं. पेमेंट के लिए उच्चाधिकारियों को दो बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक पेमेंट नहीं आई है. उन्होंने कहा कि पेमेंट आते ही लाभार्थियों के खाते में डाल दी जाएगी.

यमुनानगर: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत पाने के चक्कर में लोग घर से बेघर हो गए हैं. पक्की छत पाने के लिए करीब तीन वर्ष पहले लोगों ने आवेदन किया था. योजना के तहत करीब एक साल पहले नगर पालिका रादौर से जारी लिस्ट में 192 परिवारों के नाम सामने आए. जिन लाभार्थियों के लिस्ट में नाम आए, उन्हें आस जगी कि अब उन्हें भी पक्की छत नसीब होगी, लेकिन एक साल बाद भी उन गरीब लोगों के सपने साकार नहीं हो पाए हैं.

192 में से सिर्फ 2 परिवारों को मिली पक्की छत
बता दें, 192 परिवारों में केवल दो परिवारों के ही सपने पूरे हुए हैं. दो परिवारों को ही सरकार की ओर से तीन किश्त जारी की गई हैं और उन्हें पक्की छत नसीब हो पाई. बाकि 190 परिवार किश्त आने की आस में बैठ हैं. इनमें अधिकतर परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने घर को भी तोड़ दिया. अब या तो वो किराये के मकान या फिर किसी धर्मशाला के कमरे में अपना गुजारा कर रहे हैं.

PM आवास योजना का बना मजाक! देखें रिपोर्ट

'पक्की छत के लिए तोड़ा था कच्चा मकान'
रादौर वार्ड नंबर-4 की जरनैलो देवी का कहना है कि पक्की छत पाने के लिए गर्मी के सीजन में कच्चा मकान तोड़ा था. केवल एक छोटा सा कमरा रहने के लिए रखा है. वो भी जमीन से दो फीट नीचे हैं. बारिश आने पर उसमें पानी भर जाता है. बाहर खुले आसमान के नीचे चूल्हा जलाना पड़ रहा है. सर्दी का पूरा सीजन निकल चुका है, लेकिन उन्हें घर बनाने के लिए किश्त नहीं मिली है.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर: एसपी और विधायक आवास से कुछ ही दूरी पर गुंडागर्दी, दुकान में हुई तोड़फोड़

वार्ड नंबर-4 की ही सविता का कहना है कि 6 महीने पहले पक्की छत पाने के चक्कर में कच्चा मकान गिराया था. अभी तक एक भी किश्त विभाग ने नहीं दी है. पूरे कागजात भी विभाग के पास जमा हैं. राशि के लिए वो कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों का दरवाजा खटखटा चुकी हैं, लेकिन अधिकारियों की ओर से उन्हें सिर्फ इतना ही कहा जाता है कि अभी विभाग के खाते में पैसे नहीं हैं.

विभाग के खाते में नहीं है पर्याप्त राशि- अधिकारी
इस बारे में नगरपालिका सचिव अजय कुमार वालिया का कहना है कि खाते में पेमेंट नहीं है. पेमेंट खत्म हुए दो महीने हो चुके हैं. पेमेंट के लिए उच्चाधिकारियों को दो बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक पेमेंट नहीं आई है. उन्होंने कहा कि पेमेंट आते ही लाभार्थियों के खाते में डाल दी जाएगी.

Intro:पीएम मोदी का सबका घर हो अपना के तहत चलाई गई पीएम आवास योजना रादौर में कई लाभार्थियों के लिए मजाक बनकर रह गई है। दरअसल इस योजना के तहत सरकार की तरफ से दी जानी वाली ग्रांट राशि न मिलने से लाभार्थी अपना मकान नही बना पा रहे है। जबकि अधिकारी केवल ये कहकर की ग्रांट राशि के लिए सरकार को लिखा गया है कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे है।

Body:प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत पाने के चक्कर में लोग घर से बेघर हो गए। पक्की छत पाने के लिए करीब तीन वर्ष पहले लोगों ने आवेदन किया। योजना के तहत करीब एक वर्ष पहले नगरपालिका रादौर से जारी लिस्ट में 192 परिवारों के नाम सामने आएं। जिन लाभार्थियों के लिस्ट में नाम आए उन्हें आस जगी कि अब उन्हें भी पक्की छत नसीब होगी। उनके सपनों का भी घर बनेगा। लेकिन एक वर्ष बाद भी उन गरीब लोगों के सपने साकार नहीं हो पाएं। केवल दो परिवारों के ही सपने पूरे हुए है। दो परिवारों को ही सरकारी की ओर से तीन किस्ते जारी की गई। जिस कार उन्हें पक्की छत नसीब हो पाई। बाकि 19० परिवार किस्त आने की आस में बैठ है। इनमें अधिकतर परिवार ऐसे है जिन्होंने अपने घर को भी तोड़ दिया और या तो वो किराए के मकान या फिर किसी धर्मशाला के कमरे में अपना गुजारा कर रहे है। कई केवल एक छोटे से कमरें में गुजारा करने पर विवश है।


रादौर वार्ड न: चार की जरनेलो देवी का कहना है कि पक्की छत पानी के लिए गर्मी के सीजन में कच्चा मकान तोड़ा था। केवल एक छोटा सा कमरा रहने के लिए रखा है। वह भी जमीन से दो फीट नीचे है। बारिश आने पर उसमे में पानी भर जाता है। बाहर खुले आसमां के नीचे चुल्हा जलाना पड़ रहा है। सर्दी का पूरा सीजन निकल चुका है। उन्हें नहीं पता था कि पक्की छत पाने के लिए इतनी पीड़ा सहन करनी पड़ेगी। अगर उन्हें पता होता तो वह पक्की छत पाने के चक्कर में ही न पड़ते। वही वार्ड न: चार की ही सविता का कहना है कि छह माह पहले पक्की छत पाने के चक्कर में कच्चा मकान गिराया था। अभी तक एक भी ग्रांट राशि विभाग ने नहीं दी। पूरे कागजा विभाग के पास जमा भी करवा दिए है। ग्रांट राशि के लिए वह कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों का दरवाजा खटखटा चुकी है। लेकिन अधिकारियों की ओर से उन्हें सिर्फ इतना ही कहा जाता है कि अभी विभाग के खाते में पैसे नहीं है।


वही जब इस बारे नगरपालिका सचिव अजय कुमार वालिया से बार की तो उन्होंने कोरा सा जवाब दिया की खाते में पेमेंट नहीं हैं। पेमेंट खत्म हुए दो माह हो चुके है। पेमेंट के लिए उच्चाधिकारियों को दो बार लेटर जारी कर चुके है। लेकिन अभी तक पेमेंट नहीं आई है। पेमेंट आते ही लाभार्थियों के खाते में ड़ाल दी जाएगी। Conclusion:आपको बतादें की नगरपालिका रादौर ने करीब एक वर्ष पहले जारी पहली लिस्ट में 192 परिवारों के नाम सामने आए थे, जिन्हें योजना का लाभ दिया जाना था। इनमें से केवल दो परिवार वार्ड न: पांच के संदीप सैनी व वार्ड न: पांच के सतपाल को सरकारी की ओर से तीन किस्ते हो पाई है। जिससे इनकी पक्की छत का कार्य पूरा हो पाया है। 26 परिवारों को दो किस्ते, 34 परिवारों को एक किस्त व 13० परिवार ऐसे है जिन्हें अभी तक एक किस्त भी जारी नहीं हुई है। इन परिवारों को पक्की छत पाने के लिए राशि कब जारी होगी विभाग के पास इसके लिए कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।

बाईट 1- जरनैलों देवी, लाभार्थी
बाईट 2- सविता देवी, लाभार्थी
बाईट 3- अजय कुमार वालिया, सचिव नगरपालिका
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