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यमुनानगर में मिले कई फर्जी BPL कार्ड धारक, कच्चे घर की जगह मिली कोठियां

यमुनानगर से बेहद चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक गांव में कई बीपीएल कार्ड धारक ऐसे मिले हैं जो अपात्र हैं और सालों से सरकारी डिपो से सस्ता व मुफ्त राशन लेते रहे हैं. जांच करने पर इन लोगों के पास कार से लेकर कोठियां तक मिली हैं.

Yamunanagar fake BPL card holders
Yamunanagar fake BPL card holders
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Published : Oct 27, 2020, 9:03 AM IST

यमुनानगर: नगर निगम के रायपुर गांव में कई लोग अपात्र होकर भी बीपीएल कार्ड पर सरकारी डिपो से सस्ता व मुफ्त में राशन लेते रहे. सालों से यही खेल चल रहा था. गांव के ही एक व्यक्ति ने अधिकारियों को इसकी शिकायत की तो जांच के दौरान रायपुर में 47 लोग ऐसे मिले जो नियमों पर खरे नहीं उतरते.

ये लोग सालों से राशन ले रहे थे और अधिकारियों को इसका पता भी नहीं चला. इन लोगों की नगर निगम ने लिस्ट तैयार कर ली है. जिन पर जल्द ही कोई निर्णय लेकर बीपीएल लिस्ट से इनका नाम काटा जाएगा.

एक ही गांव से इतनी संख्या में अपात्र बीपीएल कार्ड मिलना हैरान करने वाला है. इसका मतलब है कि इसी तरह के मामले नगर निगम के दूसरे गांवों में ही नहीं बल्कि जिले के अन्य गांवों में भी हैं. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों व स्टाफ द्वारा भी इनकी जांच नहीं की जाती. जिससे इनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगता है.

शायद यही वजह है कि ग्रामीण कई बार बीपीएल का सर्वे कराने की मांग कर चुके हैं ताकि अपात्र लोगों के नाम कट सके और जो पात्र हैं उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया जाए. सर्वे में कुल 47 अपात्र मिले हैं.

मामले को लेकर डीएफएससी सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि रायपुर गांव में एक शिकायत के आधार पर सर्वे किया गया था. जिसमें 47 लोग अपात्र मिले हैं. इनके नाम काटने की प्रक्रिया चल रही है. अभी निगम से लिस्ट कार्यालय में नहीं आई है. वहीं कुछ पात्र लोग भी उक्त गांव में मिले थे. इनके नाम लिस्ट में जोड़े जाएंगे.

ये भी पढ़ें- सिरसा की किरण बदल रही समाज की मानसिकता, छोटी सी उम्र में संभाली पूरे घर की जिम्मेदारी

बता दें कि, रायपुर गांव नगर निगम की सीमा में आता है. यहां पर सैकड़ों लोगों के बीपीएल राशन कार्ड बने हुए हैं जिन पर लोगों को सरकारी डिपो से हर माह गेहूं, आटा, चने, सरसों का तेल, चीनी, नमक व अन्य सामान सस्ती दर या फिर मुफ्त में मिलता है.

गांव के ही एक व्यक्ति ने नगर निगम कार्यालय में शिकायत की थी कि गांव में काफी लोग ऐसे हैं जो बीपीएल राशन कार्ड के हकदार नहीं है. बावजूद इसके वे डिपो से राशन तो ले ही रहे हैं साथ में अन्य योजनाओं का भी फायदा उठा रहे हैं.

शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों की टीम ने गांव में जाकर जांच की, शिकायत सही पाई गई. ज्यादातर घर ऐसे मिले जिनके घर पक्के थे, छत पर लेंटर था. वहीं घरों में बाइक, कार के अलावा कुछ के पास जमीन भी मिली. बीपीएल कार्ड धारकों की कोठियां देखकर टीम भी हैरान रह गई.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद: दिनदहाड़े बीकॉम फाइनल ईयर छात्रा की गोली मारकर हत्या, सामने आया वीडियो

यमुनानगर: नगर निगम के रायपुर गांव में कई लोग अपात्र होकर भी बीपीएल कार्ड पर सरकारी डिपो से सस्ता व मुफ्त में राशन लेते रहे. सालों से यही खेल चल रहा था. गांव के ही एक व्यक्ति ने अधिकारियों को इसकी शिकायत की तो जांच के दौरान रायपुर में 47 लोग ऐसे मिले जो नियमों पर खरे नहीं उतरते.

ये लोग सालों से राशन ले रहे थे और अधिकारियों को इसका पता भी नहीं चला. इन लोगों की नगर निगम ने लिस्ट तैयार कर ली है. जिन पर जल्द ही कोई निर्णय लेकर बीपीएल लिस्ट से इनका नाम काटा जाएगा.

एक ही गांव से इतनी संख्या में अपात्र बीपीएल कार्ड मिलना हैरान करने वाला है. इसका मतलब है कि इसी तरह के मामले नगर निगम के दूसरे गांवों में ही नहीं बल्कि जिले के अन्य गांवों में भी हैं. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों व स्टाफ द्वारा भी इनकी जांच नहीं की जाती. जिससे इनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगता है.

शायद यही वजह है कि ग्रामीण कई बार बीपीएल का सर्वे कराने की मांग कर चुके हैं ताकि अपात्र लोगों के नाम कट सके और जो पात्र हैं उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया जाए. सर्वे में कुल 47 अपात्र मिले हैं.

मामले को लेकर डीएफएससी सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि रायपुर गांव में एक शिकायत के आधार पर सर्वे किया गया था. जिसमें 47 लोग अपात्र मिले हैं. इनके नाम काटने की प्रक्रिया चल रही है. अभी निगम से लिस्ट कार्यालय में नहीं आई है. वहीं कुछ पात्र लोग भी उक्त गांव में मिले थे. इनके नाम लिस्ट में जोड़े जाएंगे.

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बता दें कि, रायपुर गांव नगर निगम की सीमा में आता है. यहां पर सैकड़ों लोगों के बीपीएल राशन कार्ड बने हुए हैं जिन पर लोगों को सरकारी डिपो से हर माह गेहूं, आटा, चने, सरसों का तेल, चीनी, नमक व अन्य सामान सस्ती दर या फिर मुफ्त में मिलता है.

गांव के ही एक व्यक्ति ने नगर निगम कार्यालय में शिकायत की थी कि गांव में काफी लोग ऐसे हैं जो बीपीएल राशन कार्ड के हकदार नहीं है. बावजूद इसके वे डिपो से राशन तो ले ही रहे हैं साथ में अन्य योजनाओं का भी फायदा उठा रहे हैं.

शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों की टीम ने गांव में जाकर जांच की, शिकायत सही पाई गई. ज्यादातर घर ऐसे मिले जिनके घर पक्के थे, छत पर लेंटर था. वहीं घरों में बाइक, कार के अलावा कुछ के पास जमीन भी मिली. बीपीएल कार्ड धारकों की कोठियां देखकर टीम भी हैरान रह गई.

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