सोनीपत: सोनिया अग्रवाल ने अस्पताल में पहुंचते ही एसएमओ कक्ष में चिकित्सकों व स्टाफ के हाजिरी रजिस्टर की जांच की. उन्होंने अस्पताल में चिकित्सकों व अन्य स्टाफ की पड़ताल करते हुए अस्पताल में जरूरी सुविधाओं का भी जायजा लिया.
इसके बाद उन्होंने ओपीडी की जांच की तथा ओपीडी की पर्ची कटवाने के लिए आई महिलाओं से भी बातचीत की और व्यवस्था की पड़ताल की. इस दौरान महिलाओं ने बताया कि वे पिछले 1 घंटे से ओपीडी की पर्ची कटवाने के लिए अस्पताल में बैठी हैं, लेकिन ओपीडी कक्ष में स्टाफ नदारद होने की वजह से उनकी पर्ची नहीं कट रही है.
इस पर सोनिया अग्रवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए स्टाफ को निर्देश दिए कि मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर अटेंड कर उपचार की सुविधा दी जाए. इस दौरान सोनिया अग्रवाल ने उचित निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों को ओपीडी आदि के लिए किसी भी स्थिति में इंतजार नहीं कराया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ेंः- जानिए महाराजा सूरजमल का असल इतिहास, जिस वजह से पानीपत फिल्म पर मचा है बवाल
इसके बाद उन्होंने आपातकालीन वार्ड का निरीक्षण करते हुए वहां मौजूद मरीज से संवाद किया. मरीज के अनुसार अस्पताल में लगातार इलाज करवा रहा है, लेकिन आराम नहीं मिल रहा. उन्होंने चिकित्सकों से मरीज की जांच करवाई तो सामने आया कि मरीज को गैंगरीन रोग की समस्या है.
मरीज की गंभीर अवस्था को देखते हुए उन्होंने तुरंत प्रभाव से खानपुर रैफर करने के निर्देश दिए. मरीज के परिजनों द्वारा जब उसे बाइक पर ले जाते हुए देखा तो अग्रवाल ने मरीज को बाइक पर ले जाने से रोक दिया और मरीज को खानपुर मेडिकल तक ले जाने के लिए तुरंत एंबुलैंस की व्यवस्था करवाई.
इसके अलावा उन्होंने लेबर रूम व आयुष विभाग का भी निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने सीएचसी के चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे महिला आयोग से आने वाले सभी संदेशों को गंभीरता से लें. इस दौरान अस्पताल में पहुंचे एक व्यक्ति अमित ने महिला आयोग की सदस्य को बताया कि रात्रि के समय अस्पताल में स्टाफ नहीं होता है.
ये भी पढ़ेंः- सरस्वती नदी के अस्तित्व पर फिर मंडराया खतरा, ठंडे बस्ते में सरस्वती को बचाने की योजना
पिछले दिनों जब वह अस्पताल में इलाज करवाने आया तो उसे एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने टीका लगा कर वापस भेज दिया, जबकि रात के समय इमरजेंसी में कोई चिकित्सक उनके पास नहीं पहुंचा. इस पर सोनिया अग्रवाल ने अमित से कहा कि वे इस संबंध में उन्हें व अस्तपाल के अधिकारियों को लिखित में शिकायत दे, ताकि इस संबंध में कार्रवाई की जा सके.