सोनीपत: बरसात के मौसम में लोगों में वायरल, टाइफाइड, मलेरिया और डेंगू जैसे बुखार तेजी से पनपते हैं. वर्तमान समय में देश कोरोना काल से गुजर रहा है. वहीं आम बुखार के लक्षण कोविड-19 से मिलते जुलते हैं. ऐसे में कई बार लोग कोविड-19 पॉजिटिव होने पर भी आम बुखार का इलाज करवाते रहते हैं. ऐसे लोग कोविड-19 टेस्ट ना करवाकर अपनी जान जोखिम में डाल लेते हैं.
सोनीपत जिले के सीएमओ ने सभी सरकारी और निजी चिकित्सकों को निर्देश जारी किए हुए हैं कि जब भी किसी व्यक्ति को हल्के बुखार की शिकायत हो तो उसका कोविड-19 टेस्ट जरूरी करवाएं.
कोरोना के लक्षण
- लगातार खांसी का आना
- सांस लेने में तकलीफ
- बुख़ार, इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है.
- स्वाद और गंध का पता नहीं चलना
वहीं, अगर विभागीय आंकड़ों की बात करें तो सोनीपत में पिछले तीन सालों में मलेरिया के 30 और डेंगू के 147 मामले सामने आए हैं. इस साल अभी तक मलेरिया का एक केस तो डेंगू का एक भी केस सामने नहीं आया है. जोकि राहत की बात है. लेकिन सोनीपत में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतनी होगी.
सोनीपत के सीएमओ डॉ. बीके राजौरा ने बताया कि इस बाबत वे समय-समय पर चिकित्सकों की मीटिंग लेते रहते हैं और सभी को ऐसे निर्देश जारी किए हुए हैं. कोविड-19 के मामले में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही है.
अस्पताल में इलाज करवाने आए स्थानीय लोगों का भी कहना है कि कई बार लोग लापरवाही करते हैं. पवन कुमार का कहना है कि जब भी किसी को हल्का सा बुखार महसूस हो तो उन्हें कोविड-19 के लिए जांच अवश्य करवानी चाहिए. ताकि इस महामारी से बचा जा सके.
कई दशकों का अनुभव रखने वाले चिकित्सक डॉ. सुधीर सूद बताते हैं कि कोविड और दूसरे बुखार को जांचने के दो तरीके हैं. पहला क्लिनिकल और दूसरा इन्वेस्टिगेटिव. सामान्य तौर पर क्लिनिकल जांच में कुछ बुखार की जांच की जा सकती है, लेकिन इन्वेस्टिगेटिव जांच करवाने के बाद असल स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि मरीज को क्या बीमारी है.
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