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पूर्व सैनिकों ने गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की - सैनिक कल्याण संगठन सोनीपत

पूर्व सैनिकों ने गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. उन्होंने कहा कि हमें अपनी सेना पर नाज है.

Tributes paid to the martyred soldiers in sonipat
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Published : Jun 20, 2020, 10:02 PM IST

सोनीपत: गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को देश भर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. इस कड़ी में भूतपूर्व सैनिक कल्याण संगठन द्वारा केडी नगर स्थित कार्यालय में शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति की प्रार्थना के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. संगठन के प्रधान ओपी मलिक ने कहा कि सैनिक हमेशा देश की सुरक्षा व संकट की घड़ी में अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए तैयार रहता है.

कर्नल राजीव त्यागी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और बहादुर जवानों की शहादत को नमन किया. देश के लिए सैनिकों ने जान की है. देश हमेशा उनकी शहादत को याद रखेगा.

वहीं, उन्होंने भारतीय सेना के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अभी तक सेना मेडल जीतने वाले जवानों और रिटायर्ड फौजियों को ही खास मौकों पर अपने मेडल पहनने का अधिकार था, परंतु कारगिल विजय दिवस के 20वें साल के मौके पर भारतीय सेना ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण फैसला किया गया था. इस फैसले के बाद अब शहीद हुए सैनिकों तथा मृत पूर्व सैनिकों के परिवारजन बच्चे भी खास मौकों पर अपने शहीद परिजनों के मेडल पहन सकेंगे.

बता दें कि चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे.

ये भी पढ़ें- चीन के पास सामान की वैरायटी ज्यादा और सस्ती, इम्पोर्ट करना मजबूरी- उद्योगपति

सोनीपत: गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को देश भर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. इस कड़ी में भूतपूर्व सैनिक कल्याण संगठन द्वारा केडी नगर स्थित कार्यालय में शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति की प्रार्थना के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. संगठन के प्रधान ओपी मलिक ने कहा कि सैनिक हमेशा देश की सुरक्षा व संकट की घड़ी में अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए तैयार रहता है.

कर्नल राजीव त्यागी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और बहादुर जवानों की शहादत को नमन किया. देश के लिए सैनिकों ने जान की है. देश हमेशा उनकी शहादत को याद रखेगा.

वहीं, उन्होंने भारतीय सेना के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अभी तक सेना मेडल जीतने वाले जवानों और रिटायर्ड फौजियों को ही खास मौकों पर अपने मेडल पहनने का अधिकार था, परंतु कारगिल विजय दिवस के 20वें साल के मौके पर भारतीय सेना ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण फैसला किया गया था. इस फैसले के बाद अब शहीद हुए सैनिकों तथा मृत पूर्व सैनिकों के परिवारजन बच्चे भी खास मौकों पर अपने शहीद परिजनों के मेडल पहन सकेंगे.

बता दें कि चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे.

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