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जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल को पद्मश्री, ETV Bharat से खास बातचीत में युवाओं को दिया ये संदेश

हरियाणा के सोनीपत के सुमित अंतिल को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री (Sumit Antil Padma shri award) से नवाजा गया है. इसके बाद सुमित के पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. इस मौके पर सुमित अंतिल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

sumit antil Paralympian
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Published : Jan 26, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Jan 26, 2022, 6:49 PM IST

सोनीपत: गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश में कला, साहित्य, खेल व अन्य सामाजिक कार्यों में उतकृष्ट कार्य करने वालों को भारत सरकार पद्म अवार्ड से नवाजती है. ऐसे में इस बार गणतंत्र दिवस पर हरियाणा के 5 नागरिकों को पद्मश्री नवाजा गया है. गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा, सुमित अंतिल, ओम प्रकाश पोसवाल गांधी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रघुवेंद्र तंवर और डॉ. मोती लाल मदन को पद्मश्री से नवाजा गया है. टोक्यो पैरा ओलंपिक में देश को जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल दिलाने वाले सोनीपत के सुमित अंतिल को भारत सरकार ने पद्मश्री अवार्ड सम्मानित किया है. इसकी घोषणा के बाद सुमित और सुमित के परिवार में खुशी की लहर है. पद्मश्री अवार्ड की घोषणा होने के बाद सुमित अंतिल ने बुधवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सुमित अंतिल ने (Sumit Antil Padma shri) भारत सरकार का धन्यवाद किया. साथ ही सुमित ने कहा कि सरकार ने मेरे संघर्ष को पहचाना और मुझे इस अवार्ड से नवाजने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आने वाले टूर्नामेंटों में भी भारत को मेडल दिलाने के लिए अब वह दिन रात पसीना बहा रहे हैं. सुमित ने बताया कि अभी उनका फोकस एशियन गेम्स पर है और उन्हें उम्मीद है कि वहां पर भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. सुमित ने बताया कि मेरे साथ हादसा होने से पहले मेरी किसी भी खेल में इतनी रूचि नहीं थी. लेकिन जब मेरे साथ यह हुआ तब देश में पैरा ओलंपिक का ज्यादा खुमार नहीं था. लेकिन अब मैं सभी युवाओं से कहता हूं कि जिनके साथ हादसा हुआ है वह किसी ना किसी फील्ड में अपना कैरियर बना सकते हैं.

पद्मश्री पाने वाले जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल से ETV Bharat की खास बातचीत

ये भी पढ़ें- हरियाणा के पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट सुमित अंतिल को पद्मश्री, जानिए एक पैर गंवाने से लेकर गोल्डन ब्वॉय बनने तक की कहानी

गौरतलब है कि सुमित अंतिल टोक्यो पैरा ओलंपिक (Tokyo Paralympics 2020) के फाइनल में बेहतरीन फॉर्म में थे. इस ओलंपिक में एक के बाद एक उन्होंने तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़े. पहले उन्होंने 66.95 मीटर दूर भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड बनाया, फिर अपनी दूसरी कोशिश में 68.08 मीटर के स्कोर से अपना पहले का वर्ल्ड रिकॉर्ड सुधारा. पांचवीं कोशिश में सुमित अंतिल ने इससे भी बेहतर थ्रो की. 68.55 मीटर के स्कोर के साथ सुमित ने गोल्ड मेडल जीता.

sumit antil Paralympian
टोक्यो पैरा ओलंपिक में सुमित

बता दें कि सुमित अंतिल का जन्म 6 जुलाई 1998 को गांव खेवड़ा, सोनीपत में हुआ था. सुमित कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे और भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे. साल 2015 में जब वह एक दिन प्रैक्टिस से वापस लौट रहे थे तब उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी. दुर्घटना के बाद उनके बायें पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा था. इस दुर्घटना से पहले वह एक पहलवान थे. अपना एक पैर गंवाने के बाद सुमित ने कई महीने अस्पताल में गुजारे.

sumit antil Paralympian
अपने परिवार के साथ सुमित

ये भी पढ़ें- Padma Awards 2022: समाज सेवा के लिए पद्मश्री पाने वाले ओमप्रकाश गांधी से Etv Bharat की खास बातचीत

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सोनीपत: गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश में कला, साहित्य, खेल व अन्य सामाजिक कार्यों में उतकृष्ट कार्य करने वालों को भारत सरकार पद्म अवार्ड से नवाजती है. ऐसे में इस बार गणतंत्र दिवस पर हरियाणा के 5 नागरिकों को पद्मश्री नवाजा गया है. गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा, सुमित अंतिल, ओम प्रकाश पोसवाल गांधी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रघुवेंद्र तंवर और डॉ. मोती लाल मदन को पद्मश्री से नवाजा गया है. टोक्यो पैरा ओलंपिक में देश को जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल दिलाने वाले सोनीपत के सुमित अंतिल को भारत सरकार ने पद्मश्री अवार्ड सम्मानित किया है. इसकी घोषणा के बाद सुमित और सुमित के परिवार में खुशी की लहर है. पद्मश्री अवार्ड की घोषणा होने के बाद सुमित अंतिल ने बुधवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सुमित अंतिल ने (Sumit Antil Padma shri) भारत सरकार का धन्यवाद किया. साथ ही सुमित ने कहा कि सरकार ने मेरे संघर्ष को पहचाना और मुझे इस अवार्ड से नवाजने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आने वाले टूर्नामेंटों में भी भारत को मेडल दिलाने के लिए अब वह दिन रात पसीना बहा रहे हैं. सुमित ने बताया कि अभी उनका फोकस एशियन गेम्स पर है और उन्हें उम्मीद है कि वहां पर भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. सुमित ने बताया कि मेरे साथ हादसा होने से पहले मेरी किसी भी खेल में इतनी रूचि नहीं थी. लेकिन जब मेरे साथ यह हुआ तब देश में पैरा ओलंपिक का ज्यादा खुमार नहीं था. लेकिन अब मैं सभी युवाओं से कहता हूं कि जिनके साथ हादसा हुआ है वह किसी ना किसी फील्ड में अपना कैरियर बना सकते हैं.

पद्मश्री पाने वाले जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल से ETV Bharat की खास बातचीत

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गौरतलब है कि सुमित अंतिल टोक्यो पैरा ओलंपिक (Tokyo Paralympics 2020) के फाइनल में बेहतरीन फॉर्म में थे. इस ओलंपिक में एक के बाद एक उन्होंने तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़े. पहले उन्होंने 66.95 मीटर दूर भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड बनाया, फिर अपनी दूसरी कोशिश में 68.08 मीटर के स्कोर से अपना पहले का वर्ल्ड रिकॉर्ड सुधारा. पांचवीं कोशिश में सुमित अंतिल ने इससे भी बेहतर थ्रो की. 68.55 मीटर के स्कोर के साथ सुमित ने गोल्ड मेडल जीता.

sumit antil Paralympian
टोक्यो पैरा ओलंपिक में सुमित

बता दें कि सुमित अंतिल का जन्म 6 जुलाई 1998 को गांव खेवड़ा, सोनीपत में हुआ था. सुमित कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे और भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे. साल 2015 में जब वह एक दिन प्रैक्टिस से वापस लौट रहे थे तब उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी. दुर्घटना के बाद उनके बायें पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा था. इस दुर्घटना से पहले वह एक पहलवान थे. अपना एक पैर गंवाने के बाद सुमित ने कई महीने अस्पताल में गुजारे.

sumit antil Paralympian
अपने परिवार के साथ सुमित

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Last Updated : Jan 26, 2022, 6:49 PM IST
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